इलेक्ट्रिक वाहन: क्या है नया?
इलेकट्रिक कारों का शोर अब बहुत कम सुनाई देता है, लेकिन इनके पीछे की तकनीक तेज़ी से बदल रही है। अगर आप सोच रहे हैं कि ईवी खरीदना कब सही रहेगा, तो इस पेज पर आपको वही जवाब मिलेगा जो रोज़मर्रा की ज़िंदगी में काम आएगा।
भारत में ईवी बाजार की स्थिति
पिछले दो सालों में भारत में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री दोगुनी हुई है। बड़े शहरों में चार्जिंग पॉइंट्स का नेटवर्क अब हर पाँच किलोमीटर पर मिल रहा है, और कई राज्यों ने खरीददारों के लिए सबसिडी भी शुरू कर दी है। इस वजह से पहले जो कीमतें महँगी लगती थीं, अब कुछ मॉडलों की एंटर प्राइस 7 लाख रुपए से नीचे देखी जा रही है।
ऑटो कंपनियां जैसे टाटा, महिंद्रा और होंडा ने नई बैटरी पैक के साथ मॉडल लॉन्च किए हैं जो एक चार्ज पर 400 किलोमीटर तक चल सकते हैं। यह रेंज पहले की तुलना में 30‑40% अधिक है, इसलिए लंबी यात्राएँ भी अब डरावनी नहीं रही।
भविष्य के रुझान और टिप्स
आगे आने वाले सालों में बैटरी कीमतें घटने वाली हैं, क्योंकि स्थानीय लिथियम उत्पादन बढ़ रहा है। इसका मतलब यह है कि आपको कम खर्च में बेहतर रेंज मिल सकती है। साथ ही, कई स्टार्टअप अब स्वैपिंग स्टेशन खोल रहे हैं जहाँ आप सिर्फ 5‑10 मिनट में खाली बैटरी बदल सकते हैं।
यदि पहली बार ईवी खरीदने की सोच रहे हैं तो दो चीज़ों पर ध्यान दें: एक – बैटरियों का वारंटी पीरियड, और दूसरा – घर या ऑफिस के पास चार्जिंग सुविधा उपलब्ध है या नहीं। इन दोनों बिंदुओं को चेक करने से बाद में झंझट कम होगा।
इलेक्ट्रिक वाहनों की रख‑रखाव भी कम होती है क्योंकि इंजन पार्ट्स कम होते हैं। तेल बदलने, फ़िल्टर बदलने जैसी खर्चें अब नहीं आएँगे। सिर्फ टायर और ब्रेक पैड को समय-समय पर जांचना पर्याप्त होगा।
सरकारी नीतियों की बात करें तो फॉर्मे भारत ने 2025 तक ईवी का शेयर 30% करने का लक्ष्य रखा है। इस दिशा में कई राज्य अब रिवर्स चार्जिंग (घर से बैटरी को ग्रिड में देना) पर टैक्स छूट दे रहे हैं, जिससे आप अतिरिक्त आय भी कमा सकते हैं।
किसी भी मॉडल को चुनते समय उसके बाद के अपडेट्स देखना ज़रूरी है। कई कंपनियां सॉफ़्टवेयर OTA (ऑवर‑द‑एयर) अपडेट देती हैं, जिससे बैटरी मैनेजमेंट या इन्फोटेनमेंट सिस्टम बेहतर हो जाता है। इस सुविधा वाले कारें भविष्य में और फायदेमंद रहेंगी।
अगर आप अभी भी चार्जिंग की दूरी को लेकर चिंतित हैं तो घर पर एक छोटा लीवल 2 (लॉ-ट्यूरेट) चार्जर लगवाना आसान विकल्प हो सकता है। इससे रात भर कार पूरी तरह चार्ज रहती है और सुबह तुरंत चल सकती है।
सार में, इलेक्ट्रिक वाहन अब सिर्फ भविष्य की बात नहीं रहे; वे रोज़मर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा बन चुके हैं। सही मॉडल चुनें, सरकारी मदद का फायदा उठाएं, और पर्यावरण के साथ-साथ अपने खर्चों को भी बचाएँ।

2024 से यूरोपीय संघ ने चीन में बने टेस्ला के इलेक्ट्रिक वाहनों पर नियोजित टैक्स को घटाकर किया 9%
2024 से चीन में बने इलेक्ट्रिक वाहनों, जिनमें टेस्ला भी शामिल है, पर यूरोपीय संघ ने नियोजित टैक्स को घटाकर 9% कर दिया है। पहले इसे 20% करने की योजना थी। यह परिवर्तन यूरोपीय संघ की व्यापार नीतियों को समायोजित करने और इलेक्ट्रिक वाहनों को समर्थन देने के प्रयास का हिस्सा है।
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