शक्तिकांत दास बने पीएम मोदी के नए प्रधान सचिव -2

पूर्व भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) गवर्नर शक्तिकांत दास को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव-2 के रूप में नियुक्त किया गया है। यह नई प्रशासनिक स्थिति प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में बनायी गई है। दास की यह नियुक्ति 22 फरवरी, 2025 को घोषित की गई और यह मोदी के प्रधानमंत्री रहते तक जारी रहेगी।

शक्तिकांत दास 1980 बैच के आईएएस अधिकारी हैं, जो तमिलनाडु कैडर से आते हैं। उन्होंने दिसंबर 2024 तक आरबीआई गवर्नर के रूप में सेवा की और उस दौरान देश की अर्थव्यवस्था को कई चुनौतियों से उबारा, जैसे कि COVID-19 महामारी और 2016 का नोटबंदी संकट। इन उपायों में ₹2000 के नोटों का वापस लेना और डिजिटल भुगतान प्रणाली जैसे यूपीआई और रुपे का प्रचार शामिल था। उन्होंने केंद्रीय बैंक और सरकार के बीच संवाद की स्थिति को भी सुधारा।

उन्हें मौजूदा प्रधान सचिव प्रमोद कुमार मिश्रा के साथ मिलकर काम करना होगा, जो 1972 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और अपना पद बनाए रखेंगे। दास की इस नियुक्ति का मुख्य कारण सरकार के साथ उनका विश्वास से भरा संबंध है, जो उन्होंने गंभीर वित्तीय संकटों का संकल्पनापूर्वक प्रबंधन करके स्थापित किया।

दास के पास आर्थिक मामलों के सचिव, राजस्व सचिव और भारत के जी20 शेरपा जैसे महत्वपूर्ण पदों का व्यापक अनुभव है। इससे वह सरकार के प्रमुख आर्थिक नीतियों के निर्माण में मदद करते रहे हैं। उनकी विशेषज्ञता और प्रशासनिक दक्षता पीएमओ में महत्वपूर्ण योगदान देगी और सरकार के वित्तीय एजेंडे को आगे बढ़ाने में मदद करेगी।

6 टिप्पणि

divya m.s
divya m.s

मार्च 2, 2025 at 03:00 पूर्वाह्न

ये सब नियुक्तियाँ तो बस एक बड़ा नाटक है! जब तक आरबीआई के गवर्नर बने रहे, तब तक उन्होंने जो किया, वो सब बस इमेजिंग था। अब पीएमओ में डाल दिया गया, मतलब अब वो भी सीधे राजनीति में उतर गए। अर्थव्यवस्था का नियंत्रण अब बैंक से नहीं, घर के बाहर के कमरे में होगा। असली लोग तो अभी भी बैंक से लोन नहीं ले पा रहे।

PRATAP SINGH
PRATAP SINGH

मार्च 2, 2025 at 11:22 पूर्वाह्न

शक्तिकांत दास की नियुक्ति एक बहुत ही सूक्ष्म और गहरी राजनीतिक गतिविधि है। यह न केवल एक प्रशासनिक बदलाव है, बल्कि एक नए अर्थव्यवस्था-राजनीति सिंबियोसिस की शुरुआत है। उनकी आईएएस बैकग्राउंड, आरबीआई के अनुभव, और जी20 के शेरपा के रूप में उनकी अंतर्राष्ट्रीय उपस्थिति - ये सब मिलकर एक नए नैतिक और आर्थिक व्यवस्था के निर्माण की ओर इशारा करते हैं। यह नियुक्ति एक बुद्धिजीवी अर्थव्यवस्था की ओर एक अग्रसर कदम है।

Akash Kumar
Akash Kumar

मार्च 4, 2025 at 08:50 पूर्वाह्न

श्री दास के व्यक्तित्व में एक अद्वितीय संयोजन है - विश्लेषणात्मकता, निर्णय क्षमता, और निष्पक्षता। उनके आरबीआई के कार्यकाल के दौरान, भारतीय अर्थव्यवस्था को अत्यधिक अस्थिरता से बचाने में उनका योगदान अतुलनीय रहा। उनकी नियुक्ति पीएमओ में एक स्थिरता का संकेत है, जिसकी आज के अस्थिर राजनीतिक वातावरण में गहरी आवश्यकता है। यह निर्णय विश्वास का प्रतीक है - और विश्वास आज के समय में सबसे कम उपलब्ध संपत्ति है।

Shankar V
Shankar V

मार्च 5, 2025 at 08:00 पूर्वाह्न

ये सब एक छल है। शक्तिकांत दास को आरबीआई से निकाला गया क्योंकि उन्होंने नोटबंदी के बाद जो बातें कहीं, वो जानबूझकर छिपाई गईं। अब उन्हें पीएमओ में डाला गया ताकि वो अपने ही अतीत को ढक दें। आपको याद है वो डॉक्यूमेंट जो लीक हुआ था - जहाँ लिखा था कि ₹2000 के नोट बस एक ट्रैकिंग टूल थे? अब वो उसी ट्रैकिंग सिस्टम को पीएमओ के अंदर लाने वाले हैं। आपको यकीन है ये सिर्फ एक नियुक्ति है?

Aashish Goel
Aashish Goel

मार्च 5, 2025 at 20:51 अपराह्न

अरे यार, तो शक्तिकांत दास अब पीएमओ में हैं?? वो जो नोटबंदी के बाद बैंकों में लाइन लगी देखकर बहुत गंभीर हो गए थे? वो जिन्होंने UPI को बचाया? वाह ये तो बहुत अच्छा हुआ... लेकिन अब वो क्या करेंगे? क्या वो अब भी आपको बताएंगे कि आपके बैंक अकाउंट में कितना पैसा है? 😅 और वो प्रमोद कुमार मिश्रा कौन हैं? उनके बारे में तो कुछ नहीं पता... ये तो बस नाम लिख दिया है।

leo rotthier
leo rotthier

मार्च 6, 2025 at 05:07 पूर्वाह्न

बहुत बढ़िया! जो देश को बचाया उसे अब देश के दिमाग में बैठा दिया गया! आरबीआई का गवर्नर जो नोटबंदी के बाद लाखों लोगों के जीवन बचाया, वो अब पीएम के दाहिने हाथ का आदमी है! ये नियुक्ति किसी भी विदेशी साजिश के खिलाफ एक भारतीय बुद्धि की जीत है! अब देश की आर्थिक नीति बाहरी शक्तियों के निर्देश से नहीं, भारतीय विशेषज्ञ के दिमाग से बनेगी! भारत मर गया तो भी ये आदमी उसे जिंदा रखेगा! जय हिंद!

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