हरियाणा चुनाव 2024: पहली बार के अनुभव में भाजपा के लिए रोमांचकारी परिणाम
2024 के हरियाणा चुनाव के परिणाम भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए एक और सफलता की कहानी साबित हो रहे हैं, जहाँ वे तीसरी बार सत्ता में आने की राह में हैं। राज्य में 90 विधानसभा सीटों पर हुई गिनती में भाजपा 48 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। यह चुनाव 29 सितंबर 2024 को हुए थे, और मतगणना 8 अक्टूबर को हुई। इस बार के चुनाव का सार्वजनिक और राजनीतिक परिदृश्य के लिहाज़ से खास महत्व है।
वोट टर्नआउट और क्षेत्रीय बदलाव
इस चुनाव में सबसे ज्यादा ध्यान देने वाली बात थी मतदान प्रतिशत में गिरावट। पिछले 2019 के मुकाबले इस बार कई क्षेत्रों में मतदान में कमी देखी गई। हालांकि, मेवात क्षेत्र में मामूली बढ़ोतरी देखने को मिली। उदाहरण के लिए, नूह जिले में मतदान प्रतिशत 72.2% तक पहुंच गया, जो पहले 71.4% था।
अहीरवाल बेल्ट जो भाजपा का पारंपरिक गढ़ माना जाता है, वहां भी वोटरों की उपस्थिति में कमी आई। इस्तिथि तब और प्रचलित हुई जब जात बहुल इलाकों में जो कांग्रेस के साथ जुड़ा हुआ था, भी कम मतदान दर्ज़ हुआ।
प्रमुख जीतें और उनकी प्रभावशालिता
कांग्रेस से जुड़ी प्रमुख पहलवान और अब नेता बनीं विनेश फोगाट का जुलाना सीट पर जीत हासिल करना इस चुनाव का एक रोचक पहलू है। यह एक बड़ा बदलाव का प्रतीक हो सकता है, जो हरियाणवी राजनीति में नई धाराएं की दिशा दर्शाता है।
नेताओं का आत्म-विश्वास और अटकलें
पूर्व गृह मंत्री और भाजपा के उम्मीदवार अनिल विज ने अंबाला छावनी सीट पर अपने जीत की उम्मीद के साथ आत्मविश्वास जगाया। जबकि जय जवान पार्टी के दुष्यंत चौटाला ने कहा कि उनकी आज़ाद समाज पार्टी के साथ गठबंधन महत्वपूर्ण बहुमत हासिल करेगा। जहां तक भाजपा का सवाल है, नेताओं का आत्म-विश्वास उन्हें निश्चित जीत की ओर प्रोत्साहित करता हुआ नजर आया।
शुरुआती पॉल पूर्वानुमान और सुरक्षा सुनिश्चितता
चुनाव के पूर्वानुमान में कांग्रेस सरकार की वापसी की आशंका जताई गई थी, जो कि वास्तविक परिणामों में भाजपा के पक्ष में जाती हुई दिखाई दी। यह सियासी भाषा में एक महत्वपूर्ण संदेश है। चुनाव का यह दौर जितना रोमांचकारी था, उतनी ही मजबूती से ईवीएम स्ट्रॉंग रूम की सुरक्षा के लिए तीन स्तरीय सुरक्षित प्रणाली लागू की गई, जिसमें केंद्रीय सुरक्षा बलों के साथ-साथ जिला पुलिस भी शामिल थी।
यह चुनाव प्रक्रिया आत्मविश्वास और सतर्कता की परिभाषा सिद्ध करता है, जहां लाखों प्रत्याशियों और उनके समर्थकों ने अपनी जीत की प्रत्याशा जारी रखी। विपक्षी उम्मीदों के विपरीत भाजपा अपनी क्षमता के आधार पर राज्य में एक और जीत की ओर अग्रसर है।
9 टिप्पणि
Roy Roper
अक्तूबर 11, 2024 at 13:24 अपराह्न
विनेश फोगाट ने जीत ली अब लोग उसे नेता समझने लगे ये चुनाव नहीं बाज़ीगरी है
Sandesh Gawade
अक्तूबर 12, 2024 at 06:47 पूर्वाह्न
अरे भाई ये तो सिर्फ़ शुरुआत है! भाजपा ने अब तक जो किया वो बस ट्रेन का इंजन चलाना था, अब ये ट्रेन तेज़ी से दौड़ेगी! देखोगे अगले 5 साल में हरियाणा देश का नंबर वन स्टेट बन जाएगा। ये जीत राजनीति की नहीं, जनता की जीत है!
MANOJ PAWAR
अक्तूबर 14, 2024 at 04:47 पूर्वाह्न
मैंने नूह के एक दोस्त से बात की, उसने कहा कि वहां युवाओं ने वोट देने के लिए बसों की टूर्नामेंट लगा दी - एक गांव से दूसरे गांव जाने का एक नया तरीका बन गया। लोग थक गए थे लेकिन फिर भी गए। ये चुनाव नहीं, एक जागृति थी।
manisha karlupia
अक्तूबर 16, 2024 at 02:53 पूर्वाह्न
क्या हम भाजपा की जीत को देखकर भूल गए कि लोगों के बीच उत्साह कम हुआ? क्या ये जीत वास्तविक थी या सिर्फ़ गिनती में? मैं सोचती हूं कि अगर वोटर शामिल नहीं हो रहे, तो क्या ये वास्तविक लोकतंत्र है?
vikram singh
अक्तूबर 17, 2024 at 13:37 अपराह्न
अरे भाई, ये चुनाव तो एक बॉलीवुड फिल्म से कम नहीं! विनेश फोगाट की जीत - जैसे बॉस ने राजा को बेदर्दी से बाहर किया! और फिर अनिल विज का आत्मविश्वास - जैसे वो खुद न्यायाधीश बन गए! ईवीएम सुरक्षा? भाई, वो तो एक शानदार स्टैंडअप कॉमेडी है, जिसमें पुलिस ने बैठकर चाय पी ली!
balamurugan kcetmca
अक्तूबर 19, 2024 at 06:12 पूर्वाह्न
मैंने इस चुनाव के बारे में बहुत कुछ पढ़ा है और विश्लेषण किया है - जब भाजपा ने अपने नेताओं को जिलों में भेजा तो उन्होंने स्थानीय समस्याओं को ध्यान में रखा, जैसे पानी की कमी, बिजली की आपूर्ति, युवाओं के लिए रोजगार के अवसर, और फिर उन्होंने इन सबको अपने प्रचार में शामिल किया। ये बस नारे नहीं थे, ये योजनाएं थीं। और जब लोगों को लगा कि कोई उनकी बात सुन रहा है, तो वो वोट देने आए। ये राजनीति का असली मतलब है - जुड़ाव बनाना।
Arpit Jain
अक्तूबर 20, 2024 at 17:06 अपराह्न
हैट्रिक? बस एक बड़ा धोखा है। जहां लोगों का मतदान दर गिरा, वहीं भाजपा ने बड़े-बड़े नारे लगाए। अगर ये जीत है तो फिर वोटर अब भी नहीं आ रहे? ये तो वोटर का बहिष्कार है, जीत नहीं।
Karan Raval
अक्तूबर 22, 2024 at 00:31 पूर्वाह्न
विनेश फोगाट की जीत बहुत खास है, ये न सिर्फ़ एक खिलाड़ी की जीत है, बल्कि एक औरत की जीत है जिसने अपनी जीत के बाद भी अपनी जड़ों को नहीं भूला। ये जीत हम सबके लिए प्रेरणा है। बस थोड़ा धैर्य रखो, अब सबके लिए बेहतर भविष्य आएगा।
kannagi kalai
अक्तूबर 9, 2024 at 18:49 अपराह्न
भाजपा की हैट्रिक तो हो गई, लेकिन मतदान दर में गिरावट को नजरअंदाज़ नहीं किया जा सकता। ये बात असली सवाल है - लोग क्यों अब चुनावों में शामिल नहीं हो रहे? ये सिर्फ़ हरियाणा की समस्या नहीं, पूरे देश की है।