जब दिल्ली ने 7 अक्टूबर 2025 को अपने इतिहास का सबसे ठंडा अक्टूबर दिन दर्ज किया, तो सभी ने महसूस किया कि मौसम का पैमाना बदल रहा है। अधिकतम तापमान केवल 26.5°C पहुंचा — यह सामान्य औसत से आठ डिग्री कम था। इसका कारण था उत्तर-पश्चिमी भारत पर घनीभूत पहला पश्चिमी व्यवधान और इंडिया मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की ऑरेंज अलर्ट। यह बदलाव न केवल दिल्लीवासियों की दैनिक योजनाओं को प्रभावित कर रहा है, बल्कि इस वर्ष की सर्दियों की तस्वीर भी बदल देगा।
पश्चिमी व्यवधान का आगमन और तत्काल असर
IMD ने सोमवार को ऑरेंज चेतावनी जारी की, जिसमें भारी वर्षा और तेज़ हवाओं की संभावना बताई गई। सुबह 2:30 से 5:30 बजे के बीच सफदरजुंग मौसम स्टेशन ने 8 mm की बारिश दर्ज की, जबकि 8:30 बजे तक कुल 10.3 mm बारिश हुई। बाद के घंटों में अतिरिक्त 3.4 mm गिरा, जिससे आज तक अक्टूबर में अहसास 65.5 mm तक पहुंच गया — यह महीने के सामान्य औसत का चार गुना से अधिक है।
पश्चिमी व्यवधान ने न केवल निचलेतम तापमान 20.6°C तक गिरा दिया, बल्कि उत्तर की पहाड़ियों में हिमपात भी शुरु कर दिया। इस तरह की ठंडी हवा और बर्फ़ का मिश्रण उत्तर भारत के कई हिस्सों में तेज़ी से फैल रहा है।
विस्तृत बारिश के आँकड़े: शहर के विभिन्न हिस्सों में स्थिति
- पलाम: 3.2 mm (सुबह 6.5 mm)
- लोडी रोड: 3.7 mm
- अयनागर: 3.6 mm
- रिज़: 1 mm
- पुसा: 1 mm (सुबह 5 mm)
- राजघाट: 0.4 mm
- मयूर विहार: 5 mm
- पितामपुर: 5 mm (सुबह)
- जनकपुरी: 2 mm (सुबह)
इन आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि बारिश का असर पूरे नगर में समान नहीं रहा — कुछ इलाकों में सर्दी की ठंडी हवा के साथ हल्की बूँदें घनिष्ठ रूप से गिरती रहीं। शाम को हल्की बूँदें जारी रहीं, जिससे बादल बहुत देर तक घिरा रहे।
वायुमंडलीय विशेषज्ञों की राय और ला नाइना की सम्भावना
इंडिया मौसम विज्ञान विभाग के महाप्रबंधक एम. मोहापत्रा ने कहा, "हम अगले कुछ महीनों में ला नाइना की स्थिति विकसित होते देख सकते हैं।" यह कहावत इस बात की ओर संकेत करती है कि प्रशांत महासागर के सतह जल में ठंडक आने से, नॉर्थ-ईस्ट मोनसून के बाद पश्चिमी व्यवधान में वृद्धि हो सकती है, जिससे भारत के उत्तर भाग में अधिक बर्फ़ और ठंडी हवाएँ आएँगी।
अमेरिकी नैशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) ने इस साल अक्टूबर‑दिसंबर में ला नाइना विकसित होने की संभावना 71% बतायी है, जबकि दिसंबर‑फरवरी में वह 54% तक गिरती है। इसका मतलब है कि 2025‑2026 की सर्दियों में दिल्ली‑एनसीआर में औसत से नीचे तापमान, धुंध और अधिक वर्षा देखी जा सकती है।
उर्द्धेश्वरी प्रदेश में जलवायु विशेषज्ञ रमेश मिश्रा ने भविष्यवाणी की कि इस बुधवार से नॉर्थ‑वेस्टर्न हवाएँ plains में प्रवेश करेंगी, जिससे तापमान 20°C से नीचे गिर सकता है।
आगे क्या होने की संभावना?
IMD ने मंगलवार के लिए भी हल्की-मध्यम बारिश की संभावना जताई है, परन्तु तीव्रता में थोड़ा कमी आएगी। बुधवार से शुरू होने वाली ठंडी हवाओं के साथ न्यूनतम तापमान 20°C से नीचे गिरने की संभावना है। यदि ला नाइना की स्थिति मजबूत हुई, तो अक्टूबर‑नवम्बर में आगे के पश्चिमी व्यवधान अधिक तीव्र और बार‑बार हो सकते हैं। इस परिप्रेक्ष्य में, नागरिकों को सुबह‑शाम के समय तापमान अंतर के अनुसार कपड़े बदलने और बर्फ़‑बारिश के दौरान सड़क की स्थिति पर सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है।
कुल मिलाकर, यह ठंडी लहर न केवल इस महीने की रेकॉर्ड को चुनौती दे रही है, बल्कि 2025‑26 की शीत ऋतु की दिशा निर्धारित करने में अहम भूमिका निभा रही है। जलवायु विशेषज्ञों का मानना है कि यदि ला नाइना 2025 के अंत तक स्थापित हो जाता है, तो दिल्ली में AQI (हवा गुणवत्ता सूचकांक) में भी सुधार संभव है, क्योंकि ठंडी हवा धूल और धुंध को नीचे ले जाती है।
मुख्य तथ्य
- अक्टूबर 7, 2025 को दिल्ली का अधिकतम तापमान 26.5°C (सामान्य से 8°C कम)।
- न्यूनतम तापमान 20.6°C, दो स्तर नीचे।
- ऑरेंज अलर्ट जारी, भारी बारिश और तेज़ हवाओं की चेतावनी।
- अक्टूबर में कुल 65.5 mm वर्षा – सामान्य से चार गुना अधिक।
- ला नाइना की संभावना 71% (Oct‑Dec) से 54% (Dec‑Feb) तक।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
क्या इस ठंड का असर दिल्ली के यातायात पर पड़ेगा?
हँ, तेज़ हवाओं और बूँदों के कारण कई प्रमुख हाईवे पर स्किडिंग की रिपोर्टें मिलीं। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने चालकगण को धीमी गति से चलने और दूरी बनाए रखने की सलाह दी है।
ला नाइना कब तक जारी रहने की संभावना है?
NOAA के अनुमान के अनुसार, ला नाइना के विकास की संभावना अक्टूबर‑दिसंबर में 71% है, और इस प्रभाव का असर जनवरी‑फ़रवरी तक भी रह सकता है, हालांकि संभावना 54% तक घटती है।
इंडिया मौसम विज्ञान विभाग ने भविष्य में क्या कदम उठाने की योजना बनाई है?
IMD ने कहा है कि आगामी हफ्तों में विस्तृत तापमान और बारिश की भविष्यवाणी जारी रहेगी, साथ ही जलवायु परिवर्तन और ला नाइना के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए विशेष सर्दी‑सत्र चेतावनी जारी की जाएगी।
क्या दिल्ली में AQI में परिवर्तन देखे जाएंगे?
ठंडी हवा धूल को नीचे ले जाती है, इसलिए इस सप्ताह AQI कुछ हद तक सुधरने की उम्मीद है। फिर भी, तेज़ हवाओं से धुंध ने अस्थायी रूप से दृश्यता को प्रभावित किया है।
आगामी सप्ताह में दिल्ली के नागरिकों को कौन‑सी तैयारी करनी चाहिए?
भारी बरसात और ठंडी हवा के कारण जल‑जनित जोखिम बढ़ सकता है, इसलिए निचले स्तर के क्षेत्रों में जलरोधी उपाय और घर में अतिरिक्त गरम कपड़े रखना सलाहयोग्य है।
17 टिप्पणि
nayan lad
अक्तूबर 8, 2025 at 16:28 अपराह्न
IMD की चेतावनी के अनुसार, बाहर निकलते समय हल्के जैकेट या स्वेटर ले जाना फायदेमंद रहेगा। साथ ही, तेज़ हवाओं के कारण बाहर की सड़कें फिसलन भरी हो सकती हैं, इसलिए गाड़ी चलाते समय सावधानी बरतें।
Govind Reddy
अक्तूबर 9, 2025 at 11:55 पूर्वाह्न
जब हम मौसम के बदलाव को देखते हैं, तो यह हमें याद दिलाता है कि प्रकृति के नियम हमेशा से ही बदलते रहे हैं। यह बदलाव केवल आँकड़े नहीं, बल्कि हमारे जीवन के साथ गहरी जुड़ी हुई संवेदनाएँ हैं।
KRS R
अक्तूबर 10, 2025 at 07:22 पूर्वाह्न
कुड़ेरिया भैया, इस ठंडी हवा में लोग क्यों फिर भी बिना जैकेट के बाहर निकलते हैं? ये लोग तो समझते ही नहीं कि दाव पर बर्फ़ गिरती है तो क्या होते हैं।
Uday Kiran Maloth
अक्तूबर 11, 2025 at 02:48 पूर्वाह्न
उपरोक्त आँकड़े दर्शाते हैं कि पश्चिमी व्यवधान ने न केवल तापमान को गिराया, बल्कि वायुमंडलीय स्थिरता को भी प्रभावित किया। इन परिस्थितियों में, वायुगतिकीय मॉडलिंग के आधार पर भविष्य में अधिक बार समान घटनाओं की सम्भावना बढ़ी हुई प्रतीत होती है। अतः नीतिगत स्तर पर आपातकालीन प्रबंधन प्रोटोकॉल का पुनरावलोकन आवश्यक है।
Deepak Rajbhar
अक्तूबर 11, 2025 at 22:15 अपराह्न
वाह! आधा अक्टूबर में ही हमारे ऊपर इतनी ठंडी हवा बरस गई, जैसे मौसम ही मजाक कर रहा हो। 😏 IMD ने ऑरेंज अलर्ट निकाला, पर लोग तो अभी भी औरों को इधर‑उधर घूमते देखते हैं। देखिए, सर्दी में भी आपातकालीन योजना के बिना रहने की हिम्मत कैसे होती है।
Hitesh Engg.
अक्तूबर 12, 2025 at 17:42 अपराह्न
दिल्ली में इस अक्टूबर की ठंड के पीछे कई कारक जुड़े हुए हैं, जिससे हम सभी को समझना आवश्यक है कि जलवायु परिवर्तन का प्रभाव कितनी तेजी से दिख रहा है।
पहले, उत्तर‑पश्चिमी भारत में घनीभूत पहला पश्चिमी व्यवधान ने ठंडी हवाओं को सीधे दिल्ली तक पहुँचाया।
दूसरा, IMIM की ऑरेंज चेतावनी ने यह संकेत दिया कि हम अप्रत्याशित मौसम पैटर्न के अंतर्गत आए हैं।
तीसरा, इस वर्ष के अक्टूबर में वर्षा मात्रा सामान्य से चार गुना अधिक रही, जो निचले स्तर के जल निकायों को भरने में मदद करेगी, परन्तु बाढ़ जोखिम को भी बढ़ाएगी।
चौथा, न्यूनतम तापमान 20.6°C तक गिरना हमारे दैनिक जीवन में विभिन्न परिवर्तन लाएगा, जैसे कपड़ों की जरूरतें और ऊर्जा की खपत।
पाँचवां, ला नाइना की संभावना 71% तक पहुँची है, जिससे आने वाले महीनों में ठंडे लहरों का आवृत्ति बढ़ सकती है।
छठा, हिमपात का आगमन उत्तर की पहाड़ियों में पहले से ही शुरू हो चुका है, जो सामान्यतः शरद ऋतु में नहीं देखा जाता।
सातवां, यह ठंडी हवा धूल और कणों को नीचे ले जाती है, जिससे AQI में अल्पकालिक सुधार हो सकता है।
आठवां, तेज़ हवाओं के कारण ट्रैफ़िक में स्किडिंग की घटनाएं रिपोर्ट की गई हैं, इसलिए ड्राइवरों को सतर्क रहना चाहिए।
नवां, जल निकायों में अतिरिक्त जल स्तर के कारण जलरोधी उपायों की आवश्यकता बढ़ सकती है, खासकर निचले क्षेत्रों में।
दसवां, इस वर्ष के मौसम परिवर्तन ने हमें यह सिखाया कि पारंपरिक मौसम पूर्वानुमान मॉडल्स को अद्यतन करने की जरूरत है।
ग्यारहवां, भविष्य में ऐसी घटनाओं के लिए नागरिकों को मौसम के अनुसार कपड़े बदलने और सुरक्षित रहने की सलाह दी जा रही है।
बारहवां, वैज्ञानिकों के अनुसार, यदि ला नाइना स्थापित हो जाता है, तो सर्दियों में ठंड के साथ-साथ धुंध और कम धूल देखी जा सकती है।
तेरहवां, सरकार ने आपदा प्रबंधन विभाग को चेतावनी जारी करने और स्थानीय अधिकारियों को जागरूक करने के लिए निर्देशित किया है।
चौदहवां, इस पूरे परिप्रेक्ष्य में, हमें ऊर्जा की खपत को नियंत्रित करने के लिए समुचित योजना बनानी चाहिए।
पंद्रहवां, सार्वजनिक स्वास्थ्य सलाह के अनुसार, लोगों को विटामिन D की पूर्ति पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि ठंड में सूर्य प्रकाश कम रहता है।
सोलहवां, अंत में, यह घटना हमें याद दिलाती है कि जलवायु परिवर्तन केवल दूरदराज़ की बात नहीं, बल्कि हमारे रोज़मर्रा के जीवन का हिस्सा बन चुका है।
Zubita John
अक्तूबर 13, 2025 at 13:08 अपराह्न
भाई लोग, इधर-उधर की बूँदें भी कभी‑कभी बड़ी टॉपिक बन जाती हैं। मैं तो इस बारिश को "कूल फेस्ट" कहूँगा, पर जरा ध्यान दो, कुछ इलाकों में तो फिसलन बहुत तेज़ हो रही है। जीते रहो, लेकिन सड़कों पर सावधानी रखो।
gouri panda
अक्तूबर 14, 2025 at 08:35 पूर्वाह्न
ये तो बहुत ज़्यादा ठंड लग रही है!
Harmeet Singh
अक्तूबर 15, 2025 at 04:02 पूर्वाह्न
ऐसे समय में सकारात्मक रहना ज़रूरी है- ठंडी हवा हमें नई ऊर्जा देती है, और हमें अपने स्वास्थ्य का ख़्याल रखते हुए बेहतर जीवनशैली अपनाने का अवसर मिलता है। इस अवसर को नज़रअंदाज़ न करें, अपने घर को गर्म रखें और पर्याप्त पोषण लें।
Sunil Kunders
अक्तूबर 15, 2025 at 23:28 अपराह्न
हमारे महान राष्ट्र की जलवायु नीति को अब अत्याधुनिक वैज्ञानिक डेटा के अनुरूप पुनः परिभाषित किया जाना चाहिए, जिससे हम वैश्विक स्तर पर अग्रणी बन सकें।
Gowthaman Ramasamy
अक्तूबर 16, 2025 at 18:55 अपराह्न
नमस्कार! अत्यंत औपचारिक रूप से सूचित किया जाता है कि इस महीने की असामान्य ठंड को लेकर सुरक्षा उपायों का पालन अनिवार्य है। कृपया सभी नागरिक अपने-अपने क्षेत्रों में लागू दिशा‑निर्देशों का कड़ाई से पालन करें। 😊
Agni Gendhing
अक्तूबर 17, 2025 at 14:22 अपराह्न
क्या!! यह सब सिर्फ़ एक प्राकृतिक घटना है??!! क्या सरकार ने हमें इस ठंड से बचाने के लिए कोई गुप्त योजना छिपा रखी है???!! ये सब डेटा, ये आँकड़े... सब झाँसी के खून जैसा!
Jay Baksh
अक्तूबर 18, 2025 at 09:48 पूर्वाह्न
देशभक्तों को इस ठंड में अपनी मातृभूमि की रक्षा करना चाहिए, चाहे मौसम कैसा भी हो। हमें नहीं चाहिए कि विदेशी हवाएं हमारे जलवायु को बिगाड़ें।
Ramesh Kumar V G
अक्तूबर 19, 2025 at 05:15 पूर्वाह्न
वास्तव में, पश्चिमी व्यवधान के कारण तापमान में गिरावट का विज्ञान स्पष्ट है; यह हमारे राष्ट्रीय जलवायु सुरक्षा नीति में एक प्रमुख बिंदु है, जिसे तुरंत लागू करना चाहिए।
Navyanandana Singh
अक्तूबर 20, 2025 at 00:42 पूर्वाह्न
यदि हम इस मौसम को एक दर्पण मानते हैं, तो देखेंगे कि हमारे आंतरिक विचार कैसे प्रतिबिंबित होते हैं; ठंड का अस्वस्थ प्रभाव अक्सर हमारे मन के भीतर के अंधेरे को उजागर करता है।
monisha.p Tiwari
अक्तूबर 20, 2025 at 20:08 अपराह्न
सभी को नमस्ते, इस बदलाव को देख कर हमें अपने सामाजिक एकता को मजबूत करना चाहिए, ताकि हम मिलकर इस ठंड और बारिश से निपट सकें और एक-दूसरे की मदद कर सकें।
Anushka Madan
अक्तूबर 7, 2025 at 21:02 अपराह्न
दिल्ली वालों को अब सच में जलवायु परिवर्तन की गंभीरता समझनी चाहिए, बस ठंड के कारण झटके नहीं लेना चाहिए। हर मौसम में सावधानी बरतने की बात है, न कि सिर्फ़ जब तड़पते मौसम आते हैं। यह ऑरेंज चेतावनी एक संकेत है कि हमें अपनी जीवनशैली में बदलाव लाना अनिवार्य है।