सीबीआई का बड़ा कदम: संदीप घोष और अभिजीत मंडल से गंभीर पूछताछ
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने सोमवार, 16 सितंबर 2024 को R.G. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और ताला पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी अभिजीत मंडल से बलात्कार और हत्या के आरोपों में पूछताछ की। यह पूछताछ एक पोस्टग्रेजुएट ट्रेनिंग डॉक्टर की हत्या और बलात्कार मामले में सबूतों के साथ छेड़छाड़ और एफआईआर दर्ज करने में देरी के आरोपों पर थी।
घटना के दिन की गतिविधियों पर केंद्रित पूछताछ
सीबीआई ने दोनों अधिकारियों से 9 अगस्त की घटनाओं के बारे में विस्तार से पूछताछ की, जिस दिन डॉक्टर की मौत की सूचना मिली थी। यह देखा गया कि एफआईआर दर्ज करने में अनावश्यक देरी क्यों हुई और पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया एफआईआर दर्ज होने से पहले क्यों शुरू की गई।
फोन कॉल्स के रहस्य
पूछताछ के दौरान सीबीआई ने घोष और मंडल के बीच प्रारंभिक जांच के दौरान हुई विभिन्न फोन कॉल्स के बारे में भी जानकारी मांगी। यह प्रश्न महत्वपूर्ण था क्योंकि यह फोन कॉल्स घटनाओं की दिशा और जांच को प्रभावित कर सकते थे।
दोनों की हिरासत जारी
पूछताछ के समय दोनों अधिकारी सीबीआई की हिरासत में थे, जो 17 सितंबर तक जारी रहेगी। संदीप घोष को सितंबर 2 को पहले ही वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और वह न्यायिक हिरासत में थे। अभिजीत मंडल पर सबूतों के साथ छेड़छाड़ और एफआईआर दर्ज करने में देरी जैसे अपराधों के आरोप हैं।
घटना स्थल और पोस्टग्रेजुएट डॉक्टर की मौत
31 वर्षीय पोस्टग्रेजुएट ट्रेनिंग डॉक्टर का शव 9 अगस्त को कॉलेज के सेमिनार हॉल में पाया गया था। इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी थी और सीबीआई को लेकर हाई कोर्ट ने इस मामले की जांच में तेजी लाने का आदेश दिया।
सीबीआई की जांच और आगे की कार्यवाही
सीबीआई की जांच जारी है और कलकत्ता हाई कोर्ट ने एजेंसी को मामले की प्रगति रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं। दोनों अधिकारियों से की गई पूछताछ से प्राप्त जानकारी से मामले में क्या नए खुलासे होते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा।
यह मामला कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रकाश डालता है, जैसे कि पुलिस की कार्य प्रणाली, मेडिकल कॉलेजों में प्रशासनिक अनियमितताएं और उच्च अधिकारियों की जवाबदेही। जनता की नजर अब सीबीआई की रिपोर्ट पर टिकी है, जो इस केस को एक स्पष्ट दिशा दे सकती है।
आगे की जांच में यह देखना होगा कि क्या संदीप घोष और अभिजीत मंडल के खिलाफ नए सबूत मिलते हैं, जो इनके खिलाफ आरोपों को और मजबूत कर सकते हैं।
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