अर्विंद केजरीवाल न्यायिक हिरासत में, 5 जून तक तिहाड़ में रहेंगे बंद

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 5 जून तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा पिछले महीने उन्हें दी गई अंतरिम जमानत के समाप्त होने के बाद केजरीवाल ने तिहाड़ जेल में आत्मसमर्पण किया। यह मामला मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित है, जिसमें केजरीवाल को पिछली अंतरिम जमानत सिर्फ लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए मिली थी।

तिहाड़ जेल में आत्मसमर्पण करने से पहले केजरीवाल ने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिसके बाद उन्होंने कनॉट प्लेस स्थित हनुमान मंदिर में प्रार्थना की। फिर उन्होंने आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यालय में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। अपने कुछ शब्दों में, केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा पर कड़ी निंदा करते हुए 'तानाशाही' को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उनके अनुसार, उन्होंने इस तानाशाही के खिलाफ आवाज उठाई थी।

लोकसभा चुनावों के बारे में बात करते हुए केजरीवाल ने एग्जिट पोल्स के भविष्यवाणियों को खारिज कर दिया और उन्हें गलत और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन्स (ईवीएम) को छेड़छाड़ करने के षड्यंत्र का हिस्सा बताया। गौरतलब है कि एग्जिट पोल्स ने भाजपा को चुनाव में भारी बढ़त दी थी। केजरीवाल के अनुसार, ये एग्जिट पोल्स संभावित रूप से मनोवैज्ञानिक खेल हो सकते हैं ताकि जनता के दिमाग में भविष्यवाणी का प्रभाव पड़े और इसका फायदा भाजपा को मिल सके।

केजरीवाल का राजनीतिक संघर्ष

अरविंद केजरीवाल की यह जमानत रद्द होना उनके राजनीतिक करियर का एक महत्वपूर्ण मोड़ बन सकता है। एक तरफ उनके समर्थक इस घटना को उनके खिलाफ एक राजनीतिक साजिश मान रहे हैं, वहीं विपक्ष इसका उपयोग उनकी पार्टी की कार्रवाइयों पर सवाल उठाने के लिए कर रहा है। इस घटनाक्रम ने एक बार फिर से देश की राजनीति में 'आप' की स्थिति पर ध्यान केंद्रित कर दिया है।

मोदी सरकार पर आरोप

मोदी सरकार पर आरोप

केजरीवाल ने जेल जाने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार लोकतंत्र की जड़ों को कमजोर कर रही है और तानाशाही को बढ़ावा दे रही है। केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी को इसी तानाशाही का हिस्सा बताया और कहा कि सरकार जनविरोधी आवाजों को दबाने का प्रयास कर रही है।

आम आदमी पार्टी का दृष्टिकोण

दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को राजनीतिक साजिश बताया है। पार्टी के अनुसार, यह कार्रवाई आगामी चुनावों के परिणामों को प्रभावित करने के लिए की गई है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि वे इस संवेदनशील समय में जनता के बीच जाकर सच्चाई बताने का अभियान चलाएंगे।

जनता की प्रतिक्रिया

केजरीवाल की गिरफ्तारी ने समाज के विभिन्न वर्गों में मिश्रित प्रतिक्रियाएँ पैदा की हैं। कुछ लोग इसे कानून का पालन मानते हैं, जबकि अन्य इसे राजनीतिक प्रतिहिंसा के रूप में देखते हैं। केजरीवाल के समर्थकों का कहना है कि उन्होंने पूरे जीवन अपने उसूलों के लिए संघर्ष किया है और यह हिरासत भी उसी संघर्ष का हिस्सा है।

इस घटनाक्रम से जुड़े तमाम पहलुओं को देखते हुए यह कहना मुश्किल है कि इससे आगामी चुनाव पर क्या असर पड़ेगा। लेकिन यह निश्चित रूप से एक महत्वपूर्ण मोड़ है जो आने वाले दिनों में भारतीय राजनीति की दिशा निर्धारित करेगा।

17 टिप्पणि

shubham jain
shubham jain

जून 4, 2024 at 03:21 पूर्वाह्न

ये सब राजनीति है, कानून नहीं।

shivam sharma
shivam sharma

जून 4, 2024 at 13:21 अपराह्न

अरविंद केजरीवाल को जेल भेज दिया गया? बहुत अच्छा! अब देखो कैसे वो अपनी गंदगी से बचने की कोशिश करता है। भाजपा को गलत नहीं कहना चाहिए, ये सब उसकी गलती है जिसने देश को बर्बाद कर दिया।

Dinesh Kumar
Dinesh Kumar

जून 5, 2024 at 03:33 पूर्वाह्न

अरे भाई! ये जो हो रहा है, ये तो इतिहास का एक नया पन्ना है! एक आदमी जो सालों से साफ-सफाई, शिक्षा, स्वास्थ्य के लिए लड़ रहा था, अब जेल में है! ये तो बस एक अंधेरा युग शुरू हो गया है! जनता जागो! अब तक तो बस चुप रहे, अब आवाज उठाओ! जय हिंद! जय भारत! जय अरविंद केजरीवाल!

anil kumar
anil kumar

जून 6, 2024 at 00:55 पूर्वाह्न

क्या हम वाकई लोकतंत्र के नाम पर एक आदमी को जेल में डाल सकते हैं जो सिर्फ एक नियम का उल्लंघन कर रहा है? ये तो एक भावनात्मक अभियान है, जिसमें न्याय का कोई स्थान नहीं। गांधी जी के नाम पर जाने का मतलब ये नहीं कि वो शांति के प्रतीक हैं, बल्कि ये कि वो अपने सिद्धांतों के लिए लड़ते हैं। अगर एक आदमी अपने सिद्धांतों के लिए जेल जाता है, तो ये उसकी शक्ति है, न कि कमजोरी।

हम लोग भूल गए कि न्याय का मतलब सिर्फ दंड नहीं होता, बल्कि उसकी निष्पक्षता होती है। अगर एक नेता को जेल में डालने के लिए उसकी राजनीतिक शक्ति का उपयोग किया जा रहा है, तो ये लोकतंत्र का अंत है।

हम अपने देश को बचाने के लिए नहीं, बल्कि अपने राजनीतिक दुश्मनों को नष्ट करने के लिए कानून का उपयोग कर रहे हैं। ये तो एक बहुत बड़ी गलती है।

मैं नहीं जानता कि केजरीवाल सही हैं या गलत, लेकिन ये बात साफ है कि जो आज उसे जेल में डाल रहा है, वो कल अपने आप को उसी जेल में पाएगा।

हमारे देश में अब न्याय का अर्थ बदल गया है। अब न्याय का मतलब वही है जो सत्ता चाहती है।

हम लोग इस तरह के निर्णयों को नहीं भूल सकते। ये एक ऐसा दिन है जिसे हमारे बच्चे इतिहास की किताबों में पढ़ेंगे।

मैं नहीं चाहता कि मेरे बच्चे ये कहें कि उनके पिता ने इस दिन चुप रहकर देखा कि लोकतंत्र कैसे मर गया।

क्या हम वाकई इतने निष्क्रिय हो गए हैं कि हम अपने देश के न्याय के लिए लड़ने की हिम्मत नहीं रखते?

ये तो बस एक आदमी की बात नहीं है, ये तो एक पूरे देश के भविष्य की बात है।

हमें अपने आप को याद दिलाना होगा कि हम क्या हैं, और हम क्या बनना चाहते हैं।

अगर हम आज चुप रहे, तो कल कोई और आदमी जेल में जाएगा।

और फिर भी हम चुप रहेंगे।

Sanjay Gandhi
Sanjay Gandhi

जून 7, 2024 at 06:26 पूर्वाह्न

क्या आपने कभी सोचा है कि अगर गांधी जी आज जिंदा होते, तो वो क्या कहते? क्या वो भी जेल में होते? क्या वो भी तानाशाही के खिलाफ आवाज उठाते? क्या हम उनके सिद्धांतों को अपना रहे हैं, या बस उनके नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं?

क्या ये सब असली न्याय है, या सिर्फ एक नाटक है?

हम लोग भूल गए कि देश का नेता कोई भी हो सकता है, लेकिन न्याय तो सबके लिए एक जैसा होना चाहिए।

क्या हम अपने देश को इतना बदल देने के लिए तैयार हैं?

Srujana Oruganti
Srujana Oruganti

जून 8, 2024 at 17:55 अपराह्न

ओह बस यही बात है।

fatima mohsen
fatima mohsen

जून 9, 2024 at 17:47 अपराह्न

केजरीवाल को जेल भेजना बिल्कुल सही है! ये तो बस न्याय का पालन है! जो लोग बर्बरता करते हैं, उन्हें दंड मिलना चाहिए! अगर आप उसके समर्थक हैं, तो आप भी उसके साथ हैं! 😡

Pranav s
Pranav s

जून 11, 2024 at 14:09 अपराह्न

भाई ये सब तो बस नाटक है, जेल में जाना बहुत बड़ी बात नहीं है, जब तक दिल ताकतवर हो।

Ali Zeeshan Javed
Ali Zeeshan Javed

जून 12, 2024 at 22:04 अपराह्न

मैं नहीं जानता कि क्या सही है और क्या गलत, लेकिन ये बात साफ है कि हम एक देश में रह रहे हैं जहां एक आदमी को जेल में डालने के लिए उसकी राजनीति का इस्तेमाल किया जा रहा है।

हमें अपने दिमाग से सोचना चाहिए, न कि अपने भावनाओं से।

अगर हम लोग अपने देश को बचाना चाहते हैं, तो हमें एक दूसरे को सुनना चाहिए।

हम लोग अपने अंदर की नफरत को बाहर निकाल रहे हैं।

ये नहीं होना चाहिए।

Žééshañ Khan
Žééshañ Khan

जून 13, 2024 at 10:39 पूर्वाह्न

विधिवत रूप से कानून का पालन किया गया है। किसी भी नागरिक के विरुद्ध न्यायिक प्रक्रिया का पालन अपरिहार्य है।

ritesh srivastav
ritesh srivastav

जून 13, 2024 at 15:38 अपराह्न

केजरीवाल को जेल भेजना बिल्कुल गलत है! ये तो बस भाजपा का षड्यंत्र है! उन्होंने तो सिर्फ अपने देश के लिए लड़ा है! अब वो जेल में हैं, तो अब कौन बोलेगा? ये तो एक बड़ा अपराध है!

sumit dhamija
sumit dhamija

जून 14, 2024 at 23:20 अपराह्न

ये घटना एक गहरा आध्यात्मिक संकट है। हमारे समाज में न्याय की भावना धीरे-धीरे गायब हो रही है।

हमें अपने आप को याद दिलाना होगा कि न्याय का अर्थ क्या है।

Aditya Ingale
Aditya Ingale

जून 16, 2024 at 01:46 पूर्वाह्न

ये तो बस एक बड़ा मोड़ है! एक आदमी जो सालों से लोगों के लिए लड़ रहा था, अब जेल में है! लेकिन ये उसकी हार नहीं है! ये उसकी जीत है! जब तक लोग उसकी आवाज सुनते रहेंगे, तब तक वो जीवित है! जय अरविंद! जय भारत!

Aarya Editz
Aarya Editz

जून 17, 2024 at 11:56 पूर्वाह्न

ये जो हो रहा है, ये न्याय का नाम नहीं, बल्कि शक्ति का नाम है।

हमें अपने आप को याद दिलाना होगा कि हम क्या हैं।

अगर हम आज चुप रहे, तो कल हमारा भी यही हाल होगा।

Prathamesh Potnis
Prathamesh Potnis

जून 18, 2024 at 06:19 पूर्वाह्न

हमें अपने देश के नियमों का पालन करना चाहिए। यह एक न्यायिक प्रक्रिया है और इसका सम्मान करना चाहिए।

Sita De savona
Sita De savona

जून 18, 2024 at 18:19 अपराह्न

अरे भाई, जेल जाने का मतलब है कि तुम असली नेता हो! 😏

Rahul Kumar
Rahul Kumar

जून 19, 2024 at 12:14 अपराह्न

मैं नहीं जानता कि क्या हो रहा है, लेकिन ये बात साफ है कि हम लोग एक दूसरे को नहीं सुन रहे हैं।

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