दक्षिण से उत्तर की ओर, मॉनसून की राह बदली
इस बार मॉनसून ने उत्तर प्रदेश में आकर मौसम का सारा समीकरण ही बदल दिया है। जहां बीते वर्षों में आम तौर पर प्रदेश के पूर्वी इलाकों से बारिश की शुरुआत होती थी, वहीं 18 जून 2025 को मानसून ने दूसरी बार सीधे दक्षिणी जिलों — सोनभद्र, झाँसी और ललितपुर — से प्रवेश किया। ये पैटर्न पिछले साल भी दिखा था, जब अरब सागर शाखा की तेजी से सक्रियता के कारण मॉनसून ने ललितपुर के रास्ते कदम रखा था।
मौसम वैज्ञानिक बताते हैं कि इस बार पिछले साल का ही ट्रेंड दोहराया गया है। लखनऊ स्थित मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक मोहम्मद दानिश ने बताया कि मॉनसून की उत्तरी सीमा इस वक्त जयपुर से लेकर गया तक खिंच चुकी है, इसका मतलब है कि आगे पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी तेज़ बारिश जल्दी शुरू होगी।
40 जिलों पर भारी बारिश का अलर्ट, जनजीवन पर असर
मॉनसून की आमद के साथ ही मौसम विभाग ने 40 जिलों — जिनमें सोनभद्र, बांदा, झाँसी, ललितपुर, गाजीपुर, प्रतापगढ़, और पूर्वी यूपी के अधिकांश इलाके शामिल हैं — के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी कर दिया है। इन जिलों में अगले दो–तीन दिनों तक मूसलाधार बारिश के आसार हैं। खास बात ये है कि कहीं–कहीं तेज़ गरज–चमक और 30 से 40 किमी प्रति घंटा की रफ्तार वाली हवाएँ भी चलेंगी।
बीते 19 जून को कई जगहों पर प्री–मॉनसून बारिश देखी गई। कहीं बिजली गिरी, तो कहीं पेड़ और बिजली के खंभे उखड़े। रिपोर्ट मिली है कि बांदा और सोनभद्र के कुछ गांवों की मुख्य पुल भारी बारिश के चलते बह गई, जिससे सैकड़ों परिवार कट गए। इससे आम जनजीवन पर गहरा असर पड़ा। स्थानीय किसान बताते हैं कि इस बारिश के चलते खेतों में बुआई काम में तेजी आएगी, लेकिन अचानक आने वाले तूफ़ान ने कुछ इलाकों में फसलों को भी नुकसान पहुंचाया है।
लखनऊ समेत कई शहरों में तापमान में गिरावट आई है। लखनऊ में तापमान 38.8 डिग्री से घटकर 38 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है, जिससे गर्मी से परेशान लोगों को थोड़ी राहत मिली है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) का कहना है कि 20 से 22 जून के बीच उत्तर और पूर्वी यूपी में भारी बारिश की संभावना बेहद प्रबल है। तेज़ बारिश की चेतावनी के बीच प्रशासन ने सतर्कता बरतने को कहा है। विशेषकर निचले इलाकों में बाढ़ और जलजमाव का खतरा मंडरा रहा है।
मॉनसून की ये अनोखी एंट्री प्रदेश के मौसम के लिए एक नया अध्याय लिख रही है। जिस तरह पिछले साल पैटर्न टूटा, उसी तर्ज पर इस बार फिर अरब सागर और बंगाल की खाड़ी दोनों ओर से सक्रियता दिख रही है। मौसम विभाग की मानें, तो अगले कुछ दिनों में पूरे उत्तर प्रदेश में बारिश का सिलसिला शुरू हो जाएगा, जिनका असर खेती से लेकर ट्रैफिक तक हर तरफ देखने को मिलेगा।
6 टिप्पणि
leo rotthier
जून 23, 2025 at 02:41 पूर्वाह्न
अरे भाई ये बारिश तो अब देश के लिए बहुत बड़ी बात है अरब सागर वाली शाखा ने अपना जादू दिखा दिया ये वो नहीं जो हमारे पुराने वैज्ञानिक समझते थे अब तो मॉनसून ने अपनी राजधानी बदल दी है और हम सब बस देख रहे हैं
Karan Kundra
जून 23, 2025 at 23:44 अपराह्न
मैं तो बस ये कहूंगी कि इन गांवों के लोगों के लिए ये बारिश बहुत ज्यादा भारी पड़ रही है... पुल बह गए, घर डूब रहे, बिजली गिर रही है... लेकिन अगर ये बारिश अच्छी तरह से बरसे तो खेतों में फसलें जीवन दे सकती हैं... बस थोड़ा सा ध्यान दें जहां जरूरत है।
Pushkar Goswamy
जून 24, 2025 at 17:58 अपराह्न
हमारे वैज्ञानिकों के पास तो सिर्फ़ डेटा है... लेकिन असली जिंदगी तो गांवों में है जहां बारिश के बाद लोग अपने घरों के ऊपर छत बनाते हैं... अब तो बारिश का नया नियम बन गया है - जब भी आए, बस तैयार रहो। और हां, ये अरब सागर वाली शाखा अब हमारी नई गॉडडेस है।
Abhinav Dang
जून 26, 2025 at 06:46 पूर्वाह्न
इस बार का मॉनसून एक अलग फिजिक्स दिखा रहा है - दोनों शाखाएं सिंक्रोनाइज़ हो रही हैं, जिससे बैरियर डिस्ट्रक्शन हो रहा है और इंटर-रेजियनल वॉटर ट्रांसपोर्ट एक्सपैंड हो रहा है। ये लॉन्ग-टर्म क्लाइमेट एनोमली का संकेत है। अगर हम इसे नहीं समझेंगे, तो अगले 10 साल में खेती का बिजनेस मॉडल ही बदल जाएगा।
Vinay Vadgama
जून 28, 2025 at 00:21 पूर्वाह्न
इस बारिश के बाद लखनऊ का तापमान 38 से घटकर 30 डिग्री तक आ गया है, जो एक बड़ी राहत है। यह बारिश न केवल खेती के लिए लाभदायक है, बल्कि शहरी जनजीवन के लिए भी एक जीवनदायी घटना है। अगर इसका वितरण संतुलित रहा, तो यह देश के लिए एक आशा का संकेत है।
Aashish Goel
जून 21, 2025 at 21:34 अपराह्न
ये मॉनसून अब किसी को नहीं समझता... पिछले साल भी ऐसा ही हुआ था, और फिर बारिश रुक गई थी... अब फिर से वही ड्रामा? बस, इंतजार है कि अगले हफ्ते क्या नया बनाते हैं... ये जल्दी आने वाली बारिश, तेज़ हवाएं, बिजली गिरना... अब तो ये सब नॉर्मल हो गया है।