आत्महत्या की चेतावनी – पहचानें और मदद करें
अगर आप या आपका कोई दोस्त अचानक उदास, निराश या अकेला महसूस कर रहा है तो यह गंभीर संकेत हो सकता है। कई लोग अपनी पीड़ा छुपाते हैं, इसलिए छोटे‑छोटे बदलावों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इस लेख में हम बताते हैं कि कौन‑से लक्षण देखना जरूरी है और मदद के लिए क्या कदम उठाएँ।
आत्महत्या के आम संकेत
1. अचानक मूड बदलना – एकदम खुश से उदास होना, या हमेशा की तरह नहीं चल पाना।
2. जीवन में कोई मकसद न देख पाना, काम‑काज या पढ़ाई में रूचि खो देना।
3. नींद कम हो जाना या बहुत अधिक सो लेना, खाने‑पीने के पैटर्न में बदलाव।
4. बार‑बार खुद को चोट पहुँचाने की बात करना, “मैं अब और नहीं सह पाऊँगा” जैसा जिक्र अक्सर सुनना।
कदम जो आप अभी उठा सकते हैं
सबसे पहला काम है बातचीत शुरू करना। बिना टोकन के सीधे पूछें – “क्या तुम ठीक हो?” या “तुम्हारी मदद करने का कोई तरीका बताओ”। अगर सामने वाला बात नहीं करता तो भी आपका दयालु व्यवहार उसे सुरक्षित महसूस कराएगा।
दूसरा कदम है पेशेवर सहायता की ओर ले जाना। भारत में साई समाचार जैसी साइटों पर हेल्पलाइन नंबर मिलते हैं – जैसे 1098 (सामाजिक कल्याण) या राष्ट्रीय मनोविज्ञान सेवा (080‑…)। इन नम्बरों को तुरंत कॉल करें, वे मुफ्त काउंसलिंग देते हैं।
तीसरा कदम है पर्यावरण बदलना। अगर घर में तनावपूर्ण माहौल है तो थोड़ी देर के लिए बाहर चलें, ताज़ा हवा लें या किसी दोस्त से मिलें। छोटी‑छोटी बदलाव अक्सर बड़ी राहत दे सकते हैं।
जब आप खुद को बहुत दबाव महसूस कर रहे हों तो लिखिए – डायरी, नोट्स या मोबाइल पर संदेश। यह भावनाओं को बाहर निकालने का आसान तरीका है और बाद में देख कर समझ भी आता है कि क्या ट्रिगर था।
यदि कोई दोस्त या रिश्तेदार आत्महत्या के बारे में बात कर रहा हो, तो उसे तुरंत डॉक्टर या मनोवैज्ञानिक से मिलवाएँ। आप अकेले नहीं हैं – परिवार, मित्र और पेशेवर सब मदद करने को तैयार होते हैं।
सही जानकारी रखना भी जरूरी है। इंटरनेट पर कई गलत सलाहें पाई जाती हैं; भरोसेमंद स्रोतों जैसे सरकारी हेल्पलाइन या मान्य मेडिकल साइटों से ही जानकारी लें।
अंत में, याद रखें कि आत्महत्या का विचार अक्सर अस्थायी होता है, लेकिन इसका असर हमेशा के लिए रहता है। यदि आप मदद चाहते हैं तो देर न करें – जितनी जल्दी कदम उठाएँगे उतना बेहतर होगा। हर जीवन की कीमत है, और आपकी कहानी अभी खत्म नहीं हुई।

कन्नड़ फिल्म निर्देशक गुरु प्रसाद की बेंगलुरु में संदिग्ध आत्महत्या
कन्नड़ फिल्म निर्देशक गुरु प्रसाद रविवार को बेंगलुरु के एक निजी अपार्टमेंट के फ्लैट में फांसी पर लटके हुए पाए गए। मृत शरीर का पता पड़ोसियों द्वारा बदबू महसूस करने पर पुलिस को बुलाने के बाद चला। पुलिस ने इसे आत्महत्या का मामला माना है, परंतु कारण की जांच जारी है। उन्होंने 'मठ', 'एड्डेलु मंजुनाथ', 'डायरेक्टर'स स्पेशल' और 'एराडने साला' जैसी सामाजिक फिल्मों का निर्माण किया था।
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