15 अगस्त से पहले ये सबसे आसान देशभक्ति की कार्रवाई है—घर पर तिरंगा, एक साफ सेल्फी, और मिनटों में सरकारी सर्टिफिकेट। Har Ghar Tiranga 2025 अभियान 2 से 15 अगस्त के बीच चल रहा है और इसमें भाग लेना पूरी तरह ऑनलाइन, मुफ्त और सरल है।
अभियान: मकसद, टाइमलाइन और डिजिटल पहचान
यह पहल 2022 में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत शुरू हुई थी। फोकस साफ है—हर घर में तिरंगा, हर नागरिक में जुड़ाव। प्रधानमंत्री ने पिछले वर्षों में बढ़ती भागीदारी की सराहना की है, और इस बार भी सरकार चाहती है कि ज्यादा से ज्यादा लोग अपने घरों, अपार्टमेंट्स और दुकानों पर ध्वज फहराएं।
टाइमलाइन तय है—2 से 15 अगस्त 2025। इसी विंडो में आप सेल्फी/फोटो अपलोड कर सकते हैं और आपका सर्टिफिकेट तुरंत जेनरेट हो जाएगा। पोर्टल बहुभाषी इंटरफेस देता है, ताकि आप अपनी पसंद की भाषा में शपथ पढ़ें और प्रक्रिया पूरी करें।
डिजिटल पहचान के तीन हिस्से हैं—एक आधिकारिक सर्टिफिकेट (PDF), ‘I am a Har Ghar Tiranga Ambassador’ डिजिटल बैज, और एक पर्सनलाइज्ड ई-कार्ड। सर्टिफिकेट आप अपने रिकॉर्ड के लिए सेव कर सकते हैं या सोशल मीडिया पर शेयर करके दूसरों को जोड़ सकते हैं।
सर्टिफिकेट कैसे मिलेगा: स्टेप-बाय-स्टेप, ज़रूरी नियम और काम की टिप्स
पूरी प्रक्रिया मोबाइल या कंप्यूटर—दोनों से हो जाती है। किसी ऐप की जरूरत नहीं, सिर्फ ब्राउज़र और इंटरनेट चाहिए।
- घर/ऑफिस/दुकान पर तिरंगा सही तरीके से फहराइए।
- तिरंगे के साथ एक साफ, रोशनी भरी सेल्फी या फोटो लीजिए—ध्वज फ्रेम में साफ दिखना चाहिए।
- आधिकारिक पोर्टल पर जाएं और अपनी बेसिक डिटेल भरें—पूरा नाम, मोबाइल नंबर, राज्य, जिला, शहरी/ग्रामीण लोकेशन और ब्लॉक/लोकल पता।
- फोटो अपलोड करें और सबमिट पर क्लिक करें।
- सबमिशन के तुरंत बाद आपका पर्सनलाइज्ड सर्टिफिकेट जेनरेट हो जाएगा—इसे PDF में डाउनलोड करें। साथ में डिजिटल बैज और ई-कार्ड भी मिलेंगे।
प्रक्रिया के दौरान जिन डिटेल्स की जरूरत पड़ेगी:
- पूरा नाम और मोबाइल नंबर (OTP वेरिफिकेशन हो सकता है)।
- राज्य, जिला, शहरी/ग्रामीण चयन और ब्लॉक/एरिया का पता लिखित रूप में।
- एक हाई-क्वालिटी फोटो जिसमें तिरंगा साफ दिखे—धुंधली या डार्क इमेज से बचें।
फोटो टिप्स: बैकग्राउंड में तेज रोशनी न हो ताकि चेहरा और ध्वज ओवरएक्सपोज न हों। फ्रेम में ध्वज का ऊपरी हिस्सा साफ दिखे, झुका या उलटा न हो। सेल्फी स्टिक या किसी से मदद लेकर फोटो लें ताकि हाथ कांपे नहीं।
टाइमिंग: अपलोड विंडो 2–15 अगस्त तक सक्रिय रहती है। इस अवधि में किसी भी समय सबमिट करें, सर्टिफिकेट उसी वक्त बन जाता है।
अब फ्लैग कोड की बात। भारत का ‘Flag Code of India, 2002’ नागरिकों को रोज तिरंगा फहराने की अनुमति देता है—सम्मान और गरिमा के साथ। 2022 में नियमों में बदलाव के बाद पॉलिएस्टर और मशीन-मेड झंडे भी मान्य हैं। रात में भी आप ध्वज फहरा सकते हैं, बशर्ते वह खुले में या आपके भवन पर ठीक से लगाया गया हो; बेहतर है कि पर्याप्त रोशनी हो ताकि ध्वज मर्यादित दिखे।
ध्यान रखने लायक नियम:
- फटा, गंदा या क्षतिग्रस्त ध्वज न लगाएं।
- ध्वज जमीन, पानी या मिट्टी को न छुए—इसे गिरने न दें।
- ध्वज को कपड़ों, कवर, पर्दों या मेज़पोश की तरह इस्तेमाल न करें।
- किसी भी निजी वाहन पर ऐसे न लगाएं कि वह सड़क पर छूता चले या उलटा दिखे।
- शोक (राजकीय निर्देश) के बिना ध्वज आधा झुका कर न फहराएं।
- उत्सव के बाद कागज़ी झंडों का सम्मानजनक निपटान करें; मर्यादा के अनुरूप निजी रूप से नष्ट करना स्वीकार्य है।
टेक्निकल सपोर्ट के बिना भी यह प्रक्रिया आसान है, फिर भी अगर दिक्कत आए तो ये त्वरित समाधान आज़माएं:
- OTP नहीं आए? दो मिनट रुककर ‘Resend’ करें या नेटवर्क बदलें।
- फोटो अपलोड फेल हो? फाइल साइज कम करें, पोर्ट्रेट मोड में दोबारा क्लिक करें, या दूसरा ब्राउज़र ट्राय करें।
- पेज लोड नहीं हो रहा? ब्राउज़र कैश क्लियर करें या मोबाइल डेटा से वाई-फाई/वाई-फाई से मोबाइल डेटा पर स्विच करें।
गोपनीयता और सुरक्षा: यह प्रक्रिया मुफ्त है—किसी को पैसा न दें। OTP/पासवर्ड किसी से साझा न करें। केवल आधिकारिक पोर्टल पर ही अपनी जानकारी भरें। किसी थर्ड-पार्टी ऐप को फोटो/कॉंटैक्ट्स की अनावश्यक परमिशन न दें।
किसके लिए उपयोगी? स्कूल-कॉलेज अपने छात्रों के साथ यह गतिविधि कर सकते हैं ताकि नागरिक शास्त्र, इतिहास और प्रतीकों की समझ बने। हाउसिंग सोसायटी/ऑफिस अपनी कम्युनिटी एक्टिविटी के हिस्से के तौर पर भागीदारी बढ़ा सकते हैं—हर व्यक्ति का अलग सर्टिफिकेट जेनरेट होता है, जिससे रिकॉर्ड रखना आसान रहता है।
शेयरिंग और प्रिंट: सर्टिफिकेट PDF को आप फोन या कंप्यूटर में सेव करें, चाहें तो इसे प्रिंट कर फ्रेम करें। डिजिटल बैज और ई-कार्ड सोशल मीडिया डिस्प्ले पिक्चर, ईमेल सिग्नेचर या व्हाट्सऐप स्टेटस में भी लगाया जा सकता है—इसी से दूसरों को भी भाग लेने की प्रेरणा मिलती है।
कई लोगों का सवाल होता है—क्या सेल्फी जरूरी है? हां, प्रमाणन के लिए तिरंगे के साथ आपकी उपस्थिति वाली साफ फोटो सबसे बेहतर है। इससे सिस्टम आपके लोकेशन इनपुट के साथ सबमिशन रिकॉर्ड करता है और तुरंत सर्टिफिकेट बना देता है।
आखिर में यही बात: ये महज़ एक सर्टिफिकेट नहीं, बल्कि आपके हिस्से की भागीदारी का डिजिटल सबूत है। तिरंगे की मर्यादा रखें, नियमों का पालन करें, और तय तारीखों के भीतर प्रक्रिया पूरी करें—आपका छोटा-सा कदम राष्ट्रीय पर्व को और खास बना देता है।
6 टिप्पणि
krishna poudel
अगस्त 30, 2025 at 16:30 अपराह्न
अरे भाई ये सब तो बस एक और गवर्नमेंट ट्रेंड है जिसका मतलब नहीं होता। मैंने पिछले साल भी सर्टिफिकेट डाउनलोड किया था और फिर किसी ने उसे देखा भी नहीं। अब ये बैज और ई-कार्ड भी जोड़ दिया है। अगर मैं अपने घर पर तिरंगा लगा रहा हूँ तो मुझे किसी के सामने साबित करने की क्या जरूरत है? ये सब डिजिटल शो-ऑफ है जिसका कोई असली असर नहीं।
Anila Kathi
अगस्त 30, 2025 at 20:42 अपराह्न
अरे वाह 😍 ये तो बहुत बढ़िया है! मैंने अपनी नानी के घर पर तिरंगा लगाया और उन्होंने खुद फोटो ली! उन्हें ऑनलाइन फॉर्म भरने में दिक्कत हुई लेकिन मैंने उनके लिए भर दिया। उनका सर्टिफिकेट बहुत सुंदर आया 🎉 और उन्होंने इसे अपने दोस्तों को शेयर किया। ये अभियान बुजुर्गों को भी डिजिटल दुनिया में लाता है। बस थोड़ी सी मदद की जरूरत होती है। इसे गांवों में भी प्रचारित करें ताकि सब जुड़ सकें!
vasanth kumar
अगस्त 31, 2025 at 23:41 अपराह्न
इस अभियान की सच्चाई ये है कि ये लोगों को राष्ट्रीय चेतना के बारे में सोचने पर मजबूर करता है। मैंने अपने बालकनी पर तिरंगा लगाया और देखा कि पास के घर भी अचानक तिरंगा लगाने लगे। इसका कोई टेक्निकल ट्विस्ट नहीं है। बस एक छोटा सा कदम। अगर आप इसे एक रिवॉर्ड के तौर पर देखेंगे तो ये बेकार लगेगा। लेकिन अगर आप इसे एक अवसर के तौर पर देखें तो ये आपके और आपके आसपास के लोगों के बीच एक अदृश्य बंधन बना देता है।
Andalib Ansari
सितंबर 1, 2025 at 05:05 पूर्वाह्न
ये अभियान सिर्फ तिरंगा फहराने के बारे में नहीं है। ये एक फिलॉसफिकल एक्सपेरिमेंट है-क्या एक डिजिटल एक्शन वास्तविक भावनात्मक जुड़ाव पैदा कर सकता है? हम अक्सर इतिहास को बुक्स में देखते हैं लेकिन यहां हम इसे अपने बालकनी पर लगा रहे हैं। एक फोटो के जरिए एक राष्ट्रीय पर्व को अपना बनाना। ये तो आधुनिक नागरिकता की एक नई परिभाषा है। अगर हम इसे बस एक फॉर्म भरने के रूप में देखेंगे तो हम खुद को धोखा दे रहे हैं। ये एक नया रित्युअल है-एक डिजिटल पूजा जिसमें तिरंगा हमारा अलमारी नहीं बल्कि हमारा दिल है।
Pooja Shree.k
सितंबर 1, 2025 at 11:54 पूर्वाह्न
मैंने अपने बेटे के साथ यह किया, और उसने बहुत खुश होकर सर्टिफिकेट को प्रिंट करके अपने स्कूल के लॉबी में लगा दिया, और उसकी टीचर ने भी इसे देखकर बहुत प्रभावित होकर पूरी कक्षा को इसमें शामिल कर लिया, और अब वो भी अपने घरों में तिरंगा लगा रहे हैं, और मैं बहुत खुश हूँ, क्योंकि ये छोटा सा कदम बहुत बड़ा असर डाल रहा है, और मुझे लगता है कि यही तो वास्तविक देशभक्ति है, और मैं इसे बहुत पसंद करती हूँ, और आप सभी को भी इसमें शामिल होना चाहिए।
Abhinav Dang
अगस्त 30, 2025 at 11:59 पूर्वाह्न
ये अभियान वाकई में बहुत अच्छा है। हर घर में तिरंगा फहराने का विचार न सिर्फ सिंबलिक है बल्कि इससे नागरिक जागरूकता में भी बदलाव आता है। जो लोग इसे सिर्फ एक फोटो शूट समझते हैं वो गलत समझ रहे हैं। ये डिजिटल पहचान का एक तरीका है जो राष्ट्रीय एकता को टेक्नोलॉजी के जरिए जोड़ता है। फोटो क्वालिटी और फ्लैग कोड के नियमों का पालन करना जरूरी है क्योंकि ये सिर्फ एक डिजिटल एक्शन नहीं बल्कि एक सांस्कृतिक अभिव्यक्ति है।