दिल्ली से पोर्ट ब्लेयर जा रही एयर इंडिया उड़ान बादलों की वजह से विशाखापत्तनम लैंड करी

30 अक्टूबर, 2025 को दिल्ली से पोर्ट ब्लेयर जा रही एयर इंडिया फ्लाइट AI 2897 बंगाल की खाड़ी में अचानक आए भयानक मौसम की वजह से विशाखापत्तनम हवाई अड्डे पर लैंड कर गई। इस उड़ान में 187 यात्री और 12 क्रू सदस्य थे, और यह उड़ान अपने मूल गंतव्य तक पहुँचने में लगभग 6 घंटे की देरी के बाद अंततः सुरक्षित रूप से पहुँची। यह घटना सिर्फ एक असामान्य बाधा नहीं, बल्कि इस मौसम में देश के दक्षिण-पूर्वी हवाई मार्गों पर बढ़ती चुनौतियों का संकेत है।

मौसम की आपात स्थिति ने उड़ान को बदल दिया

जब फ्लाइट AI 2897 बंगाल की खाड़ी के ऊपर से गुजर रही थी, तो भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने जारी किया गया पीला चेतावनी संकेत अचानक बहुत गंभीर हो गया। 35 नॉट से अधिक के प्रबल तिरछे हवाओं, 1,500 मीटर से कम दृश्यता और तेज बारिश के साथ बिजली के झटके ने उड़ान के लिए खतरनाक वातावरण बना दिया। कप्तान अरविंद शर्मा, जिनके पास 15 साल का अनुभव और 8,500 घंटे की उड़ान समय है, ने तुरंत फैसला किया कि विशाखापत्तनम ही सबसे सुरक्षित विकल्प है। यह निर्णय केवल आपातकालीन नहीं, बल्कि बेहद विचारशील था।

क्योंकि विशाखापत्तनम का हवाई अड्डा दिल्ली-पोर्ट ब्लेयर रूट के बीच में स्थित है, यह अन्य विकल्पों जैसे चेन्नई या भुवनेश्वर की तुलना में लगभग 40 मिनट कम समय लेता है। एविएशन एक्सपर्ट कैप्टन एहसान खलीद ने कहा, "इस तरह की हवाओं में चेन्नई तक उड़ान भरना लगभग एक घंटे का अतिरिक्त रिस्क था। विशाखापत्तनम एक संतुलित चुनाव था — निकटता, सुविधाएँ और नियंत्रण क्षमता।"

यात्रियों के लिए अचानक छह घंटे का रुकावट

जब विमान 9:45 बजे विशाखापत्तनम में उतरा, तो यात्रियों के चेहरे पर घबराहट थी। लेकिन एयर इंडिया की टीम तैयार थी। स्टेशन प्रबंधक सुरेश रेड्डी और उनकी टीम ने तुरंत भोजन, पानी और आराम के लिए स्थान व्यवस्थित कर दिया। कुछ यात्री अपनी बाद की उड़ानों के लिए अलग-अलग द्वीपों जैसे हैवलॉक आइलैंड या लिटिल एंडमैन के लिए जा रहे थे। इनमें से 27 पर्यटक, 15 सरकारी अधिकारी और 143 स्थानीय निवासी शामिल थे।

एयर इंडिया ने यात्रियों को ₹500 के भोजन वाउचर दिए और उन लोगों के लिए होटल बुकिंग की व्यवस्था की जिन्हें अगली उड़ान के लिए रात बितानी पड़ी। यह तरीका नियमों से आगे निकलकर इंसानियत का संकेत था।

विकल्प विमान और अंतिम यात्रा

6 घंटे के रुकावट के बाद, एयर इंडिया ने एक अन्य एयरबस A320neo, रजिस्ट्रेशन VT-ANH, को विशाखापत्तनम से पोर्ट ब्लेयर के लिए भेज दिया। यह विमान 10:30 बजे उड़ान भरा और 1:15 बजे सुरक्षित रूप से पोर्ट ब्लेयर पहुँचा। मूल आगमन समय 11:30 बजे था — अर्थात 5 घंटे 45 मिनट की देरी। लेकिन किसी भी यात्री को नुकसान नहीं हुआ।

दरअसल, डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) के हैदराबाद कार्यालय ने इस घटना को "सामान्य सुरक्षा प्रोटोकॉल" के तहत रिकॉर्ड किया और कोई जांच शुरू नहीं की। यह एक स्पष्ट संकेत है कि एयर इंडिया की टीम ने सब कुछ ठीक से किया।

अक्टूबर में तीसरी बार ऐसी घटना

अक्टूबर में तीसरी बार ऐसी घटना

यह घटना अक्टूबर 2025 में दिल्ली-पोर्ट ब्लेयर रूट पर तीसरी बार ऐसी ही घटना है। पहली बार 7 अक्टूबर को, जब दिल्ली हवाई अड्डे पर भारी बारिश ने 15 उड़ानों को विभिन्न शहरों में बदल दिया। दूसरी बार 18 अक्टूबर को, एक और उड़ान चेन्नई और भुवनेश्वर के लिए विचलित हुई। अब यह तीसरी बार है।

इसके बीच, एयर इंडिया एक्सप्रेस ने 6 अक्टूबर को अपने क्षेत्रीय नेटवर्क को बढ़ाने की घोषणा की — जिसमें दिल्ली-पोर्ट ब्लेयर के लिए अतिरिक्त उड़ानें शामिल थीं। अब यह एक बड़ा प्रश्न उठता है: क्या हवाई यातायात बढ़ाना बर्बर मौसम के बीच जोखिम बढ़ा रहा है?

क्या यह सिर्फ एक बार की घटना है?

नहीं। यह एक बढ़ती बात है। दक्षिणी और पूर्वी भारत के हवाई अड्डे अब हर साल इसी तरह की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। बंगाल की खाड़ी के ऊपर मौसम अब अनिश्चित हो गया है। अगले साल तक, यह रूट बार-बार बारिश, तूफान और अचानक हवाओं के कारण बाधित हो सकता है।

इसका असर सिर्फ यात्रियों पर नहीं, बल्कि आर्थिक गतिविधियों, पर्यटन और सरकारी कार्यों पर भी पड़ता है। पोर्ट ब्लेयर के लिए यह एक महत्वपूर्ण सड़क है — जहाँ सरकारी अधिकारी, टूरिस्ट और स्थानीय निवासी दोनों आते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

इस घटना से दिल्ली से पोर्ट ब्लेयर की उड़ानें कैसे प्रभावित होंगी?

अक्टूबर में तीन बार विचलन के बाद, एयर इंडिया ने इस रूट पर अतिरिक्त बफर टाइम शामिल करने की योजना बनाई है। अगले 30 दिनों में उड़ानें 1-2 घंटे अधिक समय लेने की संभावना है। यात्रियों को अपनी बुकिंग में लचीलापन रखने की सलाह दी जा रही है।

क्या विशाखापत्तनम हवाई अड्डा अचानक आने वाली उड़ानों को संभाल सकता है?

हाँ। विशाखापत्तनम हवाई अड्डे ने 30 अक्टूबर को 12 निर्धारित उड़ानों के साथ-साथ AI 2897 को संभाला, और यह सभी सुविधाओं का उपयोग करके एक बेहतरीन प्रदर्शन किया। एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया के अनुसार, इस हवाई अड्डे की अतिरिक्त क्षमता अब एक बड़ी ताकत बन गई है।

क्या IMD की चेतावनियाँ पहले से ही काफी थीं?

हाँ। IMD ने 00:30 UTC पर बंगाल की खाड़ी के लिए पीला चेतावनी जारी की थी, जो एयर लाइन्स के लिए आधिकारिक निर्देश था। लेकिन अधिकांश उड़ानें अभी भी उड़ रही थीं — जो दिखाता है कि संचालन नीतियों में अभी भी खाई है।

क्या इस घटना से एयर इंडिया की बदलती छवि पर असर पड़ेगा?

नहीं। वास्तव में, इस घटना ने एयर इंडिया की छवि को मजबूत किया। यात्रियों को अच्छी व्यवस्था, त्वरित प्रतिक्रिया और सुरक्षा की प्राथमिकता देखकर उनका भरोसा बढ़ा। यह एक अच्छी तरह से नियोजित आपातकालीन प्रतिक्रिया का उदाहरण है।

क्या भविष्य में ऐसी उड़ानें रद्द हो सकती हैं?

हाँ। अगले दो महीनों में चक्रवाती बारिश के सीजन के दौरान, दिल्ली-पोर्ट ब्लेयर रूट पर उड़ानों को रद्द करने की संभावना बढ़ जाएगी। एयर इंडिया ने यात्रियों को अपडेट के लिए एप्प और SMS पर नोटिफिकेशन चालू कर दिया है।

इस घटना से अन्य हवाई अड्डों को क्या सीख मिली?

चेन्नई और भुवनेश्वर जैसे हवाई अड्डों ने अब अपने आपातकालीन तैयारी बढ़ाने की योजना बनाई है। विशाखापत्तनम के सफल अनुभव ने अन्य एयरपोर्ट्स को अपने प्रोटोकॉल में बदलाव करने के लिए प्रेरित किया है — खासकर दक्षिणी और पूर्वी भारत के लिए।