दिल्ली और एनसीआर में बारिश की तबाही
दिल्ली और एनसीआर में बुधवार को भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। बारिश के कारण कई इलाकों में जलभराव हो गया और ट्रैफिक जाम की स्थिति बन गई। दिल्ली के गाजीपुर इलाके के खोडा कॉलोनी के पास एक नाले में डूबने से एक 22 वर्षीय महिला तानुजा और उसके तीन वर्षीय पुत्र प्रियांश की मृत्यु हो गई। घटना के समय वे एक अधूरे नाले में गिर गए थे।
महिला और उसके पुत्र को गोताखोरों और क्रेनों की मदद से बाहर निकाला गया और लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। इस घटना ने दिल्ली में सुरक्षा उपायों की कमी और अधूरा निर्माण कार्यों की लापरवाही को उजागर किया है।
गुरुग्राम में भी बारिश के कारण त्रासदी देखने को मिली। IFFCO चौक मेट्रो स्टेशन के पास एक पेड़ के नीचे बिजली के तारों के संपर्क में आने के कारण तीन लोगों की करंट से मौत हो गई। यह सभी पीड़ित निजी कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारी थे और ऑफिस से घर लौट रहे थे।
स्कूल बंद और मौसम की चेतावनी
भारी बारिश के बाद, दिल्ली सरकार ने गुरुवार को सभी निजी और सरकारी स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अगले दो दिनों में मध्यम बारिश और गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना जताई है। इस दौरान आसमान में बादल छाए रहने की संभावना है और तापमान लगभग 34 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा।
IMD ने अपनी 'राष्ट्रीय फ्लैश फ्लड मार्गदर्शन बुलेटिन' में दिल्ली को 'चिंताजनक क्षेत्रों' की सूची में शामिल किया है और लोगों से अनावश्यक बाहर ना जाने, खिड़कियों और दरवाजों को सुरक्षित रखने और सावधानी बरतने की सलाह दी है।
बाढ़ की स्थिति और प्रशासन की तैयारियां
दिल्ली के कई इलाकों में जलभराव की स्थिति गंभीर रही। कश्मीरी गेट, करोल बाग और प्रगति मैदान जैसे क्षेत्रों में पानी भरने के कारण लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। नगर निगम दिल्ली को जलभराव की चार शिकायतें और विभिन्न हिस्सों से पेड़ों के गिरने की तीन कॉल प्राप्त हुईं। इसके अलावा, दिल्ली में कई स्थानों पर बिजली कटौती की भी सूचना मिली।
पुरानी दिल्ली के दरियागंज इलाके में एक स्कूल की बाउंड्री वाल गिरने से बाहर खड़ी कारें क्षतिग्रस्त हो गईं और सड़क का हिस्सा धंस गया। दक्षिण दिल्ली के छतरपुर इलाके में सड़कों पर पानी भरने के कारण चप्पलें तैरती दिखीं और वाहन पानी में फंसते रहे।
सरकारी और प्रशासन की प्रतिक्रिया
भारी बारिश के बाद हुई इन घटनाओं ने दिल्ली और एनसीआर प्रशासन की आपदा प्रबंधन तैयारियों की पोल खोल दी है। नागरिकों ने जलभराव और ट्रैफिक जाम को लेकर प्रशासन की आलोचना की है। वहीं, प्रशासन का कहना है कि वह स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं और आगे भी तत्काल उपाय किए जा रहे हैं।
राजधानी और एनसीआर के निवासियों से आग्रह किया गया है कि वे संभावित बाढ़ के खतरों को ध्यान में रखते हुए सावधानी बरतें और प्रशासन द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन करें। स्कूलों, सरकारी दफ्तरों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर अतिरिक्त सतर्कता रखने के निर्देश दिए गए हैं ताकि किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचा जा सके।
आवश्यक कदम और सार्वजनिक सहयोग
वर्तमान हालात को देखते हुए, यह आवश्यक हो गया है कि प्रशासन जल निकासी प्रणाली को तुरंत सुधारें और निर्माण कार्यों को समय पर पूरा करें। लोगों को भी अपनी जिम्मेदारी समझते हुए सुरक्षित स्थानों पर रहें और प्रशासन की मदद करें। जलभराव की समस्या का स्थायी समाधान निकालने के लिए दीर्घकालिक योजनाओं की आवश्यकता है ताकि भविष्य में इस तरह की आपदाओं से बचा जा सके।
इस तरह की घटनाएं हमारी व्यवस्था की सुरक्षा परिणामों और आपदा प्रबंधन प्रणाली की क्षमता पर प्रश्नचिह्न लगाती हैं। समय पर कार्रवाई और सतर्कता ही हमें इन समस्याओं से बचा सकती है।
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