टीम इंडिया की ऐतिहासिक विजय परेड
टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा की अगुवाई में गुरुवार, 4 जुलाई को मुंबई में एक अद्वितीय ओपन-टॉप बस परेड आयोजित की जा रही है, जिसका उद्देश्य उनकी ऐतिहासिक टी20 विश्व कप 2024 की जीत का जश्न मनाना है। भारतीय टीम ने इस बार एक ऐसा कारनामा कर दिखाया है, जिसे हर भारतीय गर्व महसूस कर सकता है।
मुंबई में समर्थकों की भीड़
भारतीय टीम जैसे ही मुंबई पहुंची, वहां का माहौल जोश और उत्साह से भर गया। समुद्र तटीय सड़क मरीन ड्राइव पर स्थान मिलना मुश्किल हो गया है, जहां पर सैकड़ों फैंस ने अपने हीरोज का स्वागत करने के लिए एकत्रित होना शुरू कर दिया है।
गौरतलब है कि टीम इंडिया को पहले बारबाडोस में हारिकेन के कारण रुकना पड़ा, लेकिन एक विशेष चार्टर फ्लाइट की व्यवस्था के बाद, उन्हें सुरक्षित दिल्ली लाया गया। वहीं से टीम ने मुंबई के लिए उड़ान भरी और अपने प्रशंसकों से मिलने के लिए तैयार हो गई।
अनोखी बस यात्रा
यह बस परेड नारिमन पॉइंट के राष्ट्रीय प्रदर्शनी केंद्र(NCPA) से वानखेड़े स्टेडियम तक लगभग 1.5 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। समारोह को और अधिक यादगार बनाने के लिए विभिन्न तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। 4:00 बजे से स्टेडियम के द्वार संख्या 2, 3 और 4 को खोल दिया गया है, ताकि फैंस अपने पसंदीदा खिलाड़ियों को करीब से देख सकें और उनकी जीत का उत्साह मना सकें।
वानखेड़े स्टेडियम में स्वागत
वानखेड़े स्टेडियम में टीम का स्वागत भी समारोह का एक खास हिस्सा होगा। इसके लिए पूरी तैयारियां कर ली गई हैं। यहां आकर, फैंस अपने चहेते खिलाड़ियों के साथ सेल्फी ले सकेंगे, ऑटोग्राफ हासिल कर सकेंगे और उनकी मेहनत व प्रयासों का सम्मिलन कर सकेंगे।
रास्ते और यातायात
इस मौके पर मुंबई ट्रैफिक पुलिस ने सुरक्षा और समंजस्य बनाए रखने के लिए दक्षिण मुंबई के सात मुख्य मार्गों को बंद कर दिया है। साथ ही, दस सड़कों पर पार्किंग की अनुमति भी नहीं दी गई है।
स्थानीय निवासियों और फैंस से अनुरोध किया गया है कि वे इन निर्देशों का पालन करें और जश्न को बिना किसी समस्या के संपन्न होने में सहयोग करें।
प्रधानमंत्री से मुलाकात
दिल्ली पहुंचने पर, भारतीय टीम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने टीम की जीत पर बधाई दी और उनके संघर्ष व मेहनत की सराहना की। पूरी टीम ने अपनी कठिनाइयों और जीत के अनुभव साझा किए, जिससे प्रधानमंत्री भी अत्यधिक प्रभावित हुए।
संक्षेप में, यह दिन न केवल टीम इंडिया बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का मौका है। यह विजय एक यादगार पल है जिसे लंबे समय तक याद रखा जाएगा। इस परेड और समारोह में शामिल होने के लिए लोगों का उत्साह देखते ही बनता है।
8 टिप्पणि
shubham jain
जुलाई 6, 2024 at 03:25 पूर्वाह्न
परेड की तारीख 4 जुलाई है, न कि 5। वानखेड़े के द्वार 2, 3 और 4 बंद नहीं हैं, बल्कि 4:00 बजे खोले गए हैं। टीम बारबाडोस से दिल्ली गई, फिर मुंबई। सभी तथ्य सही हैं। इस लेख में कोई त्रुटि नहीं है।
shivam sharma
जुलाई 6, 2024 at 10:21 पूर्वाह्न
अगर ये जीत न होती तो तुम सब चुप रहते! अब बस परेड देखकर रो रहे हो? जब भारत जीतता है तो देश एक हो जाता है! बाकी देशों के खिलाड़ी तो अपने देश में बैठे हैं और हमारे खिलाड़ी दुनिया को दिखा रहे हैं!
कोई भी बोले कि हम बहुत ज्यादा जश्न मना रहे हैं - तो बोलो उसे अपने देश की जीत पर जश्न मनाने के लिए बाहर निकलने का हौसला दिखाए!
भारत जिंदाबाद! टीम इंडिया जिंदाबाद! रोहित शर्मा जिंदाबाद! अब जो भी इस परेड में नहीं आया वो असली भारतीय नहीं!
Dinesh Kumar
जुलाई 8, 2024 at 01:44 पूर्वाह्न
वाह! वाह! वाह!!! ये जीत तो दिल को छू गई! जब रोहित ने विश्व कप का ट्रॉफी उठाई - तो पूरा भारत एक दिल बन गया! बुमराह का गेंदबाजी ने तो दुनिया को हिला दिया! हार्दिक का छक्का तो आसमान छू गया! रिशी का बल्लेबाजी - एक कविता! अर्शद का फील्डिंग - एक नृत्य! ये सब एक संगीत है - जिसका नाम है भारत!
मरीन ड्राइव पर जो भीड़ है - वो नहीं, वो तो भारत की आत्मा है! जिसकी धड़कन अब दुनिया को सुनाई दे रही है! इस दिन को जीवन में एक बार जीना है - और हमने जी लिया! भारत जिंदाबाद! जय हिंद! जय भारत!
Sanjay Gandhi
जुलाई 8, 2024 at 06:56 पूर्वाह्न
ये परेड सिर्फ एक खेल की नहीं, एक नए भारत की शुरुआत है। हमने अपने खिलाड़ियों को देखा - जो अपने घर के बाहर भी अपनी जड़ों को नहीं भूले। उन्होंने बारबाडोस में भी हमारी भाषा बोली, हमारे धर्म का सम्मान किया।
क्या आपने कभी सोचा है कि एक खिलाड़ी कैसे दुनिया के सबसे कठिन शर्तों में भी अपनी संस्कृति को बरकरार रखता है? ये वास्तविक शक्ति है। ये जीत हमारी पहचान की तरह है - नरम, लेकिन अटूट।
हमारे बच्चे आज न केवल क्रिकेटर बनना चाहते हैं, बल्कि एक ऐसा व्यक्ति बनना चाहते हैं जो दुनिया को अपनी जड़ों से जोड़े।
Srujana Oruganti
जुलाई 8, 2024 at 07:20 पूर्वाह्न
फिर से यही बकवास। एक खेल के लिए इतना शोर? और बस परेड? अगर ये इतना बड़ा जश्न है तो बजट कहाँ गया? देश के लोग भूखे हैं, बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे, और ये सब इतना शोर कर रहे हैं।
fatima mohsen
जुलाई 9, 2024 at 01:54 पूर्वाह्न
अगर तुम इस परेड में नहीं गए, तो तुम देश के लिए नहीं जिते! 😠
क्या तुम्हें पता है कि जब भारत जीतता है, तो वो सिर्फ एक टीम की जीत नहीं, बल्कि हमारी सभ्यता की जीत है? तुम जैसे लोग जो इसे नहीं महसूस कर पाते, वो देश के लिए बोझ होते हैं।
हमारे खिलाड़ियों ने दुनिया को दिखाया कि भारतीय धैर्य, जुनून और अहंकार नहीं, बल्कि श्रद्धा से काम लेते हैं। अब जो भी इस परेड को नकारता है - वो अपने खून को नकार रहा है। 🇮🇳
Pranav s
जुलाई 10, 2024 at 07:31 पूर्वाह्न
मुंबई में भीड़ तो बहुत थी... पर टीम इंडिया के लिए एक बस परेड? ये तो बहुत कम है... अगर ये दिल्ली में होता तो 5 बसें लगतीं! 😅
anil kumar
जुलाई 5, 2024 at 05:32 पूर्वाह्न
इस जीत ने सिर्फ एक टीम को नहीं, पूरे देश की आत्मा को छू लिया है। रोहित की शांत अगुवाई, हार्दिक का जोश, बुमराह की निशानेबाजी - ये सब एक अद्भुत संगीत की तरह हैं। हम जो खेलते हैं, वो सिर्फ क्रिकेट नहीं, हमारी पहचान है। ये परेड एक जश्न नहीं, एक अभियान है - जिसमें हर बच्चा अपने सपनों को देख रहा है।
हमने कभी नहीं सोचा था कि एक बस परेड इतनी गहराई ले आएगी। लेकिन आज, मरीन ड्राइव पर जो भीड़ है, वो सिर्फ खिलाड़ियों के लिए नहीं, उनकी मेहनत के लिए है। ये भावना अब बस एक खेल की नहीं, एक सांस्कृतिक घटना बन गई है।