शर्दिया नवरात्रि रंग: जानिए कौन से रंग रखने चाहिए और क्यों
नवरात्रि आते ही घर-आंगन में रंगों की बौछार हो जाती है। लेकिन हर रंग का अपना मतलब होता है और सही रंग चुनने से पूजा में ऊर्जा बढ़ती है। अगर आप भी इस बार अपने घर को रंगों से सजाना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए टिप्स पढ़िए और तुरंत लागू कीजिए।
नवरात्रि में प्रमुख रंग और उनका मतलब
सात अपार स्वर्गीय माता को सम्मानित करने के लिए परम्परागत रूप से सात रंगों का उपयोग किया जाता है। ये सात रंग हैं – लाल, गुलाबी, हरा, नीला, पीला, सफ़ेद और कस्तूरी (ऑरेंज)। प्रत्येक दिन का रंग उस देवी की भावना से जुड़ा होता है।
- लाल: शक्ति और साहस का प्रतीक। पहला दिन माँ कर्णावती को समर्पित, इसलिए लाल रंग से शुरुआत करें।
- गुलाबी: प्रेम और करुणा। दूसरे दिन माँ भरतसुबह के लिए उपयुक्त।
- हरा: समृद्धि और शांति। तीसरे दिन माँ कुमारी को श्रद्धा दिखाने में हरा रंग मदद करता है।
- नीला: शांति और आध्यात्मिकता। चौथे दिन माँ कांडिनिया को दिया जाता है।
- पीला: ज्ञान और उज्जवलता। पाँचवें दिन माँ महागौरी के लिए उत्तम।
- सफ़ेद: पवित्रता और शुद्धि। छठे दिन माँ सिद्धी के सम्मान में प्रयोग होता है।
- कस्तूरी (ऑरेंज): आनंद और ऊर्जा। सांतवें दिन माँ कष्ट मोचक को समर्पित।
इन रंगों को मट्टी के थाल, कपड़े, दीयों या पिचकारियों में बिछाकर रख सकते हैं। इससे घर में एक सामंजस्यपूर्ण माहौल बनता है और ऊर्जा भी सही दिशा में प्रवाहित होती है।
रंगों से घर और पूजा को कैसे सजाएं
अब बात करते हैं व्यावहारिक सजावट की। एक-एक कदम नीचे देखें:
1. रंगीन दियों का मंच: प्रत्येक दिन के रंग के अनुसार छोटी-छोटी मिट्टी की दीयों को रंगीन पाउडर या प्राकृतिक रंग (हल्दी, चूना, केसर) से रंगें। उन्हें शेरदान पर या पूजा मंडप में रखिए। यह न केवल रोशनी देता है, बल्कि रंगों को दर्शाता भी है।
2. रंगीन rangoli: शर्दिया नवरात्रि के लिए रंग-बिरंगी rangoli बनाना बहुत लोकप्रिय है। गेंहू के आटे में हल्का हल्दी मिलाकर बेस बनाइए, फिर तीव्र रंगों की पिचकारियों से डिज़ाइन भरें। एक आसान डिजाइन है सात‑रंग वाले फूल, जो प्रत्येक दिन के रंग को दर्शाता है।
3. कपड़े और बैनर: दरवाज़े पर रंगीन कपड़े टांगें। अगर आप ठीक‑ठाक बजट में रहना चाहते हैं तो कचरापेटी के कपड़े को रंगीन मार्करों से सजा सकते हैं। बैनर पर "शर्दिया नवरात्रि मुबारक" लिखें और हर दिन एक नया रंग लगाएँ।
4. भोजन में रंग: प्रसाद या शिरप्या में भी रंग जोड़ें। पिंक पैनकेक, हरे पखावड़े, या नीले रंग की जलेबी बनाकर हर दिन के रंग को थाली में लाएँ। इससे खाने में भी उत्सव का मज़ा बढ़ता है।
5. फूलों की सजावट: घर में गुलाब (लाल), चमेली (सफ़ेद), गेंदे (पीला) आदि रखें। फूलों को रंगीन रिबन से बांधें और पूजा स्थल पर रखें। फूलों की खुशबू और रंग दोनों ही मन को प्रसन्न कर देते हैं।
इन छोटे‑छोटे कदमों से आप न केवल पूजा को सुंदर बनाते हैं, बल्कि पूरे परिवार में उत्सव का माहौल भी तैयार हो जाता है। याद रखें, रंगों का चयन दिल से करना चाहिए, चाहे वह प्राकृतिक रंग हो या शिल्पकारी की पिचकारी।
अंत में एक बात ज़रूरी है—साफ़-सफ़ाई का ध्यान रखें। रंगीला माहौल बनाते समय फर्श या कपड़ों पर दाग़ न लगें, इसलिए पुरानी चादर या प्लास्टिक शीट नीचे रखें। इससे सफ़ाई आसान रहती है और उत्सव बिना परेशानियों के चलता है।
तो इस शर्दिया नवरात्रि, अपने घर को रंगों से भरिए, दिल से पूजा कीजिए और हर दिन की ऊर्जा को महसूस कीजिए। रंगों की बात ही कुछ अलग है—यह आपको और आपके प्रियजनों को साथ लाता है, और इस पावन उत्सव को यादगार बनाता है।

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