पूंजीगत लाभ कर क्या है?
जब आप शेयर, म्यूचुअल फंड या प्रॉपर्टी बेचते हैं तो जो कमाई होती है, उसे पूंजीगत लाभ कहा जाता है। सरकार इसे टैक्स के रूप में लेती है, इसलिए इसे पूंजीगत लाभ कर कहते हैं। आसान शब्दों में, अगर आपने किसी एसेट को खरीदकर बाद में बेचा और उससे पैसा बढ़ा, तो उस बढ़े हुए हिस्से पर आप टैक्स देनी होगी।
शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म के अंतर
पूंजीगत लाभ दो भागों में बाँटा जाता है – शॉर्ट‑टर्म (एक साल से कम) और लॉन्ग‑टर्म (एक साल या उससे अधिक)। शॉर्ट‑टर्म पर आपका टैक्स आमदनी टैक्स स्लैब के हिसाब से लगाया जाता है, यानी जितना ज्यादा इनकम, उतना ज़्यादा कर। जबकि लॉन्ग‑टर्म में अलग दर लगती है: इक्विटी शेयर और ईटीएफ पर 10% (सेक्शन 112A) और बाकी एसेट्स जैसे प्रॉपर्टी या डेब्ट फंड पर 20% प्लस Cess. यह अंतर समझना जरूरी है, क्योंकि सही अवधि चुनकर आप टैक्स बचा सकते हैं।
कर बचाने की आसान टिप्स
1. सेक्शन 54/54F का इस्तेमाल करें – अगर आप प्रॉपर्टी बेचते हैं और उसी साल या अगले दो साल में नई प्रॉपर्टी खरीदते हैं, तो टैक्स छूट मिल सकती है।
2. इंडेक्सेशन बफ़र को याद रखें – डेब्ट फंड के लॉन्ग‑टर्म लाभ पर इंडेक्सेशन एडेजस्टमेंट से कर कम हो जाता है.
3. सालाना ट्रांज़ैक्शन लिमिट का फायदा उठाएँ – हर वित्तीय साल में 1 लाख रुपये तक के शॉर्ट‑टर्म लाभ को आप हेड-ऑफ़ कर सकते हैं, अगर आपका कुल आय इस सीमा से नीचे है.
4. निवेश को टाइम करें – यदि संभव हो तो एसेट्स को एक साल से अधिक समय रखें ताकि लॉन्ग‑टर्म रेट लागू हो सके.
5. डिविडेंड डिस्क्लोजर देखें – कुछ कंपनियों के डिविडेंड पर भी टैक्स नहीं लगता, इसलिए उनपर ध्यान दें.
इन टिप्स को अपने सालाना टैक्स प्लान में जोड़ें और हर साल की रिटर्न देख कर आश्चर्य न हो। याद रखें, सही डॉक्यूमेंटेशन जैसे ट्रेडिंग स्टेटमेंट, खरीद‑बिक्री इनवॉइस, और बैंक पासबुक रखना बहुत जरूरी है, ताकि आयकर विभाग को सबूत दिखा सकें।
अगर आप पहली बार टैक्स रिटर्न फाइल कर रहे हैं तो ITR‑2 या ITR‑3 फ़ॉर्म का उपयोग करें – ये दोनों ही पूंजीगत लाभ की डिटेल्स मांगते हैं। फ़ॉर्म भरते समय “Capital Gains” सेक्शन में शॉर्ट और लॉन्ग टर्म को अलग-अलग लिखें, नहीं तो बाद में दंड लग सकता है.
अंत में, टैक्स बचत का मतलब कम टैक्स देना नहीं, बल्कि सही नियमों के तहत कानूनी छूट लेना है। अगर आप अभी भी उलझन में हैं, तो एक चार्टर्ड अकाउंटेंट से सलाह लें – वो आपके पोर्टफ़ोलियो को देख कर सबसे बेहतर रणनीति बता सकते हैं.

शेयर बाजार में गिरावट: पूंजीगत लाभ पर कर वृद्धि के प्रस्ताव से निवेशकों में निराशा
23 जुलाई, 2024 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए केंद्रीय बजट में पूंजीगत लाभ कर में वृद्धि के प्रस्ताव के बाद भारतीय शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखी गई। इससे पहले सेंसेक्स और निफ्टी में पिछले महीने 4.3% की वृद्धि दर्ज की गई थी। बजट घोषणा से एक दिन पहले रिलायंस इंडस्ट्रीज और कोटक महिंद्रा बैंक में गिरावट देखी गई थी।
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