फीफा वर्ल्ड कप 2026 क्वालिफायर्स: भारत की मुहिम 2-1 की हार के साथ समाप्त
फीफा वर्ल्ड कप 2026 क्वालिफायर्स के दूसरे राउंड में भारतीय पुरुष फुटबॉल टीम की यात्रा का समापन कतर के खिलाफ 2-1 की हार से हुआ। कतर के दोहा में स्थित जसिम बिन हमद स्टेडियम में खेले गए आखिरी ग्रुप ए मुकाबले में भारत को हार मिली। इस हार के साथ भारतीय टीम तीसरे स्थान पर रही और अगले राउंड में प्रवेश नहीं कर सकी।
खेल का विवरण
विश्व रैंकिंग में 34वें स्थान पर काबिज कतर ने गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू की प्रारंभिक प्रयासों को विफल कर दिया। मैच के शुरूआती मिनट में ही गुरप्रीत को एक कठिन अवरोधन करना पड़ा। पहले 15 मिनट में कतर की टीम ने लगातार भारतीय डिफेंस पर दबाव बनाया।
हालांकि, भारतीय टीम ने भी मौके बनाए और 37वें मिनट में लालियनजुआला छांग्टे के गोल की बदौलत बढ़त हासिल की। ब्रैंडन फर्नांडिस के क्रॉस पर छांग्टे ने कतर के गोलकीपर शहाब अल-एलेथी को छेकते हुए गेंद को नेट में डाला।
दूसरे हाफ में कतर ने वापसी की कोशिशें तेज कर दीं और 73वें मिनट में यूसुफ ऐमन के गोल से बराबरी कर ली। अंततः 85वें मिनट में अहमद अल-रावी ने गोल कर भारत की हार को सुनिश्चित किया।
कतर की मजबूत वापसी
दूसरे हाफ में कतर की टीम ने भारतीय डिफेंस पर लगातार प्रहार किया। भारत के महताब सिंह ने 54वें मिनट में एक निर्णायक अवरोधन किया लेकिन विरोधी टीम अपना दबाव बनाए रही और यूसुफ ऐमन के गोल ने उन्हें खेल में पुनः जीवित कर दिया।
कोच इगोर स्टिमैक की टीम ने खेल के अंतिम क्षणों में भी जोरदार प्रयास किए, लेकिन कतर के डिफेंस के सामने वह सफल नहीं हो पाए। अंतिम 10 मिनटों में जय गुप्ता और लीस्टन कोलाको के प्रयास भी अप्रभावी रहे और कतर ने खेल को अपने नाम कर लिया।
आगे का मार्ग
इस हार के साथ भारतीय टीम का फीफा वर्ल्ड कप 2026 का सफर समाप्त हो गया है, लेकिन टीम के प्रदर्शन में सुधार की उम्मीद अभी बरकरार है। भारत को अब आने वाले टूर्नामेंट्स की तैयारी करनी होगी और अपने प्रदर्शन में मजबूती लानी होगी।
फीफा वर्ल्ड कप में क्वालिफाई करना भारतीय फुटबॉल टीम के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हालांकि, इस बार टीम अपने लक्ष्य तक नहीं पहुँच सकी, लेकिन टीम के खिलाड़ियों ने मेहनत की और इससे भविष्य में उम्मीदें और मजबूत होंगी।
उम्मीद है कि भारतीय फुटबॉल फेडरेशन आने वाले समय में बेहतर योजना और प्रबंधन के साथ खिलाड़ियों की प्रतिभा को और निखार सकेगा।
समाप्ति
भारतीय फुटबॉल टीम की हार के बावजूद, खिलाड़ियों के प्रयासों और उत्साह की सराहना करनी होगी। कतर जैसी मजबूत टीम के खिलाफ लड़ते हुए उन्होंने कई बेहतरीन पल दिखाए। अब, महत्वपूर्ण यह है कि आने वाले टूर्नामेंट्स के लिए टीम और कोचिंग स्टाफ मिलकर एक मजबूत योजना बनाएं और अपनी कमजोरियों को दूर करें। भविष्य में भारतीय फुटबॉल के लिए यह एक सीख है और इस संघर्ष से टीम और भी मजबूत होकर उभरेगी।
14 टिप्पणि
shivam sharma
जून 15, 2024 at 00:33 पूर्वाह्न
अरे भाई ये क्या हो रहा है? हमारी टीम फिर से बेवकूफ बन रही है? कतर के खिलाफ ये बेकार का खेल? अब फेडरेशन को बदलना पड़ेगा नहीं तो अगले 20 साल भी वर्ल्ड कप नहीं देखेंगे
Dinesh Kumar
जून 15, 2024 at 12:29 अपराह्न
हार तो हुई... पर दिल जीत गया! छांग्टे का गोल? वो तो बॉलीवुड फिल्म से निकला हुआ दृश्य था! ये टीम अभी शुरुआत कर रही है! जय हिन्द! जय फुटबॉल! अगली बार जरूर क्वालिफाई करेंगे! 🙌🔥
Ali Zeeshan Javed
जून 16, 2024 at 06:43 पूर्वाह्न
अगर हम अपने युवाओं को गाँव-गाँव में फुटबॉल के लिए मैदान दें, तो ये बस शुरुआत है। हमारे पास टैलेंट है, सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है। आज का खेल भारत के भविष्य का संकेत है।
Aditya Ingale
जून 17, 2024 at 17:14 अपराह्न
देखो भाई, ये टीम ने जो दिखाया, वो बस एक गोल नहीं था... ये एक भावना थी! जब तक ये जुनून बना रहेगा, भारतीय फुटबॉल गिरेगा नहीं। अगले दो साल में ये टीम एशिया का धमाका बन जाएगी।
anil kumar
जून 18, 2024 at 09:28 पूर्वाह्न
इतिहास कभी नहीं भूलता। हमने कतर के खिलाफ लड़ा, और लड़ने का साहस दिखाया। ये हार नहीं, एक नया आधार है। जब तक हम खुद को बेवकूफ नहीं समझेंगे, तब तक भारतीय फुटबॉल कभी अंधेरे में नहीं जाएगा। ये खेल हमारे लिए एक जागृति है।
हम जितने लोग ये खेल देखते हैं, उतने ही बच्चे अब घरों में फुटबॉल लेकर खेल रहे होंगे। ये गोल बस एक बॉल नहीं था, ये एक जन्मदाता था।
हमारे खिलाड़ी जो आज टॉप लेवल पर खेल रहे हैं, वो आज नहीं, कल नहीं, पर एक दिन विश्व की शीर्ष टीम बनेंगे।
हम नहीं जानते कि आगे क्या होगा, पर हम जानते हैं कि ये टीम अब बस खेल नहीं, एक आंदोलन है।
हर गोल के बाद एक नया खिलाड़ी जन्म लेता है। आज का खेल उन सभी के लिए एक बातचीत है।
हमारी टीम ने दिखाया कि भारत का दिल फुटबॉल के लिए धड़कता है।
हम अपने खिलाड़ियों को अपना नहीं, अपने देश का मानते हैं।
हर बार हार के बाद एक नया युग शुरू होता है।
हम नहीं खोए, हम सिर्फ अपनी राह ढूंढ रहे हैं।
ये खेल हमारे लिए एक नया नाम लेकर आया - भारतीय फुटबॉल।
अब हम नहीं बस देखेंगे, हम बनाएंगे।
क्योंकि जब तक एक बच्चा फुटबॉल लेकर दौड़ेगा, तब तक भारतीय फुटबॉल मरेगा नहीं।
fatima mohsen
जून 19, 2024 at 05:05 पूर्वाह्न
फेडरेशन के लोग तो बैठे हैं बैंगलोर के एयरकंडीशनेड ऑफिस में, जबकि हमारे बच्चे गंदे मैदानों में खेल रहे हैं! ये खेल बस एक शो नहीं, ये जीवन है! अब तक नहीं समझे? 😒
Srujana Oruganti
जून 19, 2024 at 18:49 अपराह्न
फिर से यही बात। बस इतना ही।
ritesh srivastav
जून 21, 2024 at 18:02 अपराह्न
कतर ने जीता तो क्या? हमने उनके खिलाफ खेला। अगर ये देश जीत गया तो भारत की ताकत दिख गई। अब ये बात है कि हम किस तरह से खेलते हैं।
Aarya Editz
जून 23, 2024 at 06:36 पूर्वाह्न
हार ने दिखाया कि हम कहाँ हैं। लेकिन जीत के लिए हम कहाँ जा सकते हैं - ये तो अभी अनजान है। अब बस रास्ता बनाना है।
Pranav s
जून 24, 2024 at 09:13 पूर्वाह्न
ये गोल जो छांग्टे ने मारा था वो तो बस एक फ्री किक था ना? कोच ने कुछ नहीं सीखा क्या?
sumit dhamija
जून 25, 2024 at 09:38 पूर्वाह्न
हमारे बच्चे आज फुटबॉल के बजाय क्रिकेट खेलते हैं। ये टीम ने एक नई पीढ़ी को दिखाया कि फुटबॉल भी है। अब देखना है कि कौन उन्हें समर्थन देता है।
Žééshañ Khan
जून 26, 2024 at 02:05 पूर्वाह्न
सरकारी निधि आवंटन के आधार पर विश्लेषण करने पर, फुटबॉल के लिए निर्धारित बजट खेल के विकास के लिए पर्याप्त नहीं है।
Sanjay Gandhi
जून 26, 2024 at 21:08 अपराह्न
भारतीय फुटबॉल के इतिहास में ये एक नया अध्याय है। जब एक छोटे से गाँव का लड़का देश के लिए खेलता है, तो वो बस खिलाड़ी नहीं - वो एक आशा है। ये हार नहीं, ये एक नया अंक है।
shubham jain
जून 14, 2024 at 10:36 पूर्वाह्न
भारत ने अच्छा खेला, लेकिन अंतिम 15 मिनट में डिफेंस की कमी साफ दिखी। गोलकीपर ने बहुत कुछ किया, लेकिन बैकलाइन फेल हो गई।