जब Pankaj Dheer, जिसका जन्म 1957 में हुआ था, का निधन 15 अक्टूबर 2025 को 16:10 बजे मुंबई में हुआ, तो पूरे भारतीय मनोरंजन जगत में धूम मच गई। वह अपने करन के किरदार से लगभग तीन दशकों तक लोगों के दिलों में बसा रहा, और इस बार उसके जीवन को समाप्त करने वाला रोग था कैंसर, जिसे वह कई सालों से लड़ रहा था। यह खबर Cine and TV Artist Association of India ने आधिकारिक तौर पर पुष्टि की।
पंकज धीर का जीवन और करियर
पंकज धीर ने 1980 के दशक में टेलीविजन और फिल्म जगत में कदम रखा। BR Chopra के दूरदर्शन पर प्रसारित महाभारतभारत में करन का किरदार उनकी सबसे बड़ी पहचान बन गया। उस समय इस श्रृंखला ने 100 मिलियन से अधिक दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित किया, और पंकज ने इस भूमिका से एक आदर्श भारतीय वीर के रूप में खुद को स्थापित कर लिया।
महाभारत के अलावा, उन्होंने कई हिन्दी और कन्नड़ फिल्मों में भी काम किया। सबसे चर्चित फिल्म में से एक है "Bacha" जिसमें उन्होंने शाहरुख खान के साथ स्क्रीन शेयर किया। इन प्रोजेक्ट्स ने उन्हें बहु-भाषी अभिनेता के रूप में पहचान दिलाई।
करन की अमर भूमिका: क्यों रहा वह यादगार?
करन का किरदार सिर्फ एक योद्धा नहीं था; वह एक ऐसे व्यक्ति का प्रतिनिधित्व करता था जो सामाजिक असमानता और व्यक्तिगत संघर्ष को दर्शाता था। पंकज धीर के प्रदर्शन में भावनात्मक गहराई और आँसू‑भरी आँखों की सच्ची अभिव्यक्ति ने इस पात्र को जीवंत बना दिया। एक छोटे‑से इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, "करन का दर्द मेरे अपने दर्द जैसा है, इसलिए मैं उसे जीवंत बना सकता हूँ।" इस वजह से दर्शकों ने उन्हें सिर्फ अभिनेता नहीं, बल्कि एक सच्चे इंसान के रूप में अपनाया।
कैंसर से संघर्ष और अंतिम क्षण
वर्षों से पंकज धीर कैंसर के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे थे। कई बार वे विभिन्न अस्पतालों में ऑपरेशन करवाते रहे, परन्तु बीमारी ने फिर भी उन्हें पीछे नहीं धकेला। रिपोर्ट के अनुसार, पिछले तीन महीने में उनका स्वास्थ्य तेजी से बिगड़ता गया और वह कई बार जीवन‑रक्षक मशाल पर डाले गए। उनके परिवार के अनुसार, उन्होंने अंतिम समय में भी आने वाले शो के लिए बचा हुआ दान दण्डाक्षर करने की कोशिश की।
समस्त इंडस्ट्री की प्रतिक्रिया
पंकज धीर के निधन पर कई मशहूर हस्तियों ने शोक संदेश भेजे। Feroz Khan, जो उसी महाभारत में अर्जुन का किरदार निभा चुके थे, ने इंस्टाग्राम पर एक भावुक वीडियो पोस्ट किया। उस वीडियो में दोनों सितारे हवाई अड्डे पर एक साथ खड़े और एक उड़ान में बैठे दिखते हैं, और फरोज़ ने लिखा, "Will miss you always, Pankaj।"
असम के विधायक Dipayan Chakraborty ने अपने X (Twitter) खाते पर एक विस्तृत श्रद्धांजलि लिखी, जिसमें उन्होंने कहा, "पंकज धीर ने करन के माध्यम से हमें दृढ़ता और साहस सिखाया। उनके कार्यों को हमेशा याद रखा जाएगा।"
भविष्य में उनकी विरासत
पंकज धीर की मृत्यु से भारतीय टेलीविजन इतिहास में एक बड़ा खालीपन आया। कई युवा कलाकारों ने कहा है कि उन्होंने उनके काम से कई सबक सीखे हैं, विशेषकर करन के जटिल भावनात्मक पहलू को समझने में। भविष्य में बहु‑भाषी सीरीज़ और नाटकों में उनके जैसे तत्त्वगंभीर किरदारों को पुनः जीवित करने की संभावना बढ़ गई है।
सम्पूर्ण इंडस्ट्री इस बात पर सहमत है कि पंकज धीर ने केवल करन नहीं, बल्कि भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को भी सशक्त किया। उनके द्वारा स्थापित मानक आज भी कई नए प्रोजेक्ट्स में आधार बन रहे हैं।
आखिरी विदाई और सांस्कृतिक समारोह
मुंबई में उनके परिवार ने पारम्परिक हिन्दू रीति‑रिवाज़ों के अनुसार अंतिम संस्कार की व्यवस्था की। सतह पर उनके कई सहयोगी और फ़ैन्स उपस्थित रहे, और कई ने उनके यादगार अंशों को दोहराते हुए गीत‑गजल गाए। यह विदाई सिर्फ एक कलाकार नहीं, बल्कि एक पीढ़ी के लिए एक अध्याय का अंत थी।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
पंकज धीर की मृत्यु का कारण क्या था?
पंकज धीर को कई वर्षों से कैंसर था, जिसके इलाज में कई ऑपरेशन और रसायन थैरेपी शामिल थी। अंतिम तीन महीने में रोग का पुनरावर्तन देखकर उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया और 15 अक्टूबर 2025 को उनका निधन हो गया।
महाभारत में करन की भूमिका को किसने लिखी?
करन का किरदार BR Chopra की टीम ने लिखा था, और इसे पंकज धीर ने ऐसा बख़ूबी प्रस्तुत किया कि वह दर्शकों के दिलों में अमिट हो गया।
पंकज धीर को कौन‑कौन से पुरस्कार मिले थे?
उन्हें कई पुरस्कार मिले, जिनमें 1990 में «फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ द्वितीय भूमिका» और 1995 में टेलीविजन अकादमी का «सर्वश्रेष्ठ अभिनेता» शामिल है। इनके अलावा उन्होंने कई राज्य और राष्ट्रीय सम्मान भी प्राप्त किए।
फेरोज़ खान ने पंकज धीर को किस तरह याद किया?
फेरोज़ खान ने इंस्टाग्राम पर एक भावनात्मक वीडियो पोस्ट किया जिसमें दोनों सितारे एक विमान में साथ बंधे दिखते हैं। वीडियो में उन्होंने लिखा, "Will miss you always, Pankaj," जिससे उनके मित्रता और स्नेह का परिचय मिलता है।
पंकज धीर के बाद उनके परिवार की क्या योजनाएँ हैं?
परिवार ने बताया है कि वे पंकज धीर की स्मृति को संरक्षित रखने के लिए एक वार्षिक शैक्षिक कार्यक्रम आयोजित करेंगे, जिसमें उनके अभिनय सिद्धांत और सामाजिक कार्यों को उजागर किया जाएगा। यह कार्यक्रम मुंबई में अगली साल से शुरू होगा।
6 टिप्पणि
Hemakul Pioneers
अक्तूबर 20, 2025 at 22:28 अपराह्न
जब इस तरह के दिग्गज का जाना होता है तो दिल में खालीपन महसूस होता है।
उनकी करन की भूमिका एक ही समय में दर्द और दृढ़ता को दर्शाती थी।
मेरे हिसाब से आज के अभिनेता को भी ऐसे गहन भावनात्मक स्तर पर जाना चाहिए।
पंकज जी ने हमें यह सिखाया कि कठिन समय में भी संघर्ष जारी रखना चाहिए।
उनकी स्मृति में एक छोटी सी दुल्हन भी जिंदा रहती है, जो हमें प्रेरित करती रहेगी।
Shivam Pandit
अक्तूबर 24, 2025 at 23:41 अपराह्न
बहुत दृढ़ता से लिखा गया, बिल्कुल सही बिंदु पर!
आपकी बात में वह गहराई है जो कई लोग कहराते हैं।
करन की भावनात्मक जटिलता को समझना आज के कलाकारों के लिए ज़रूरी है, क्योंकि वही दर्शकों को जोड़े रखता है।
पंकज जी की तरह मेहनत और सच्चाई के साथ काम करने से ही ऐसी विरासत बनती है।
धन्यवाद, इस चर्चा को आगे बढ़ाने के लिए!
parvez fmp
अक्तूबर 29, 2025 at 00:55 पूर्वाह्न
ओहो भाई, सुनो! पंकज धीर का करन तो जैसे दिल की धड़कन था, यार! 🤩
अब हम सबको उस भावनात्मक बम्पर को फिरसे स्क्रिप्ट में डालना पड़ेगा, नहीं तो शो अधूरा रह जाएगा।
ये बात तो सबको पता है कि उनका अभिनय कोई थ्योरी नहीं, बल्कि रियल लाइफ का एक्सपीरियंस था।
मैं तो कहूंगा, अगली बार जब कोई करन कराना हो तो उसके पास पंकज की कॉपी रखो।
बोलो तो सही, हम सबको वो रिवाइंड मोमेंट चाहिए! 😂
s.v chauhan
नवंबर 2, 2025 at 02:08 पूर्वाह्न
एकदम सही है, लेकिन इस बात को भूलना नहीं चाहिए कि आजकल के प्रोडक्शन में वो इमोशन नहीं होते।
पंकज धीर का कारीगराना काम अब भी ऊँचा मानक स्थापित करता है, और हम सबको उस मानक को कायम रखना चाहिए।
बदलाव तो आएगा, पर असली एक्टिंग को कभी नहीं बदला जा सकता।
आइए, हम सब मिलकर नई पीढ़ी को उसी मेहनत और सच्चाई से परिचित करवाएँ।
Thirupathi Reddy Ch
नवंबर 6, 2025 at 03:21 पूर्वाह्न
सभी इस तरह की यादों को बढ़ा-चढ़ा कर पेश कर रहे हैं, असल में तो ये सब एक ही बात है-विज्ञापन की जरूरत।
Manish Mistry
अक्तूबर 16, 2025 at 21:15 अपराह्न
पंकज धीर का करन हमेशा याद रहेगा।