
एशियाई शेयर बाजारों में गिरावट
बुधवार का दिन एशियाई शेयर बाजारों के लिए मुश्किलों भरा रहा, क्योंकि व्यापारी Nvidia की आगामी कमाई की प्रतीक्षा कर रहे थे। जापान और ऑस्ट्रेलिया के शेयर बाजारों में गिरावट देखी गई, जबकि अमेरिकी शेयरों के कॉन्ट्रैक्ट भी कमजोर रहे। Nvidia की कमाई की प्रत्याशा सबसे महत्वपूर्ण थी, क्योंकि कंपनी का AI सेक्टर में बहुत महत्वपूर्ण प्रभाव है। इसके स्टॉक्स में इस साल लगभग 160% की वृद्धि हुई है और अक्टूबर 2022 के बियर-मार्केट निचले स्तर से 1000% की बढ़ोत्तरी हुई है।
व्यापारियों की चिंता और उम्मीदें
Nvidia की कमाई के परिणामों के बाद शेयरों में संभावित 10% की चाल को ध्यान में रखते हुए व्यापारी गंभीर उतार-चढ़ाव के लिए तैयार हो रहे हैं। इस अवधि में तकनीकी क्षेत्र में ठंडक, खासकर चीनी ई-कॉमर्स कंपनी PDD Holdings के निराशाजनक परिणामों के कारण, बाजार के मूड को भी प्रभावित कर सकती है। Wolfe Research के Chris Senyek ने भी यह कहा कि, "बाजार तेज और मंदी दोनों ओर झुका हुआ है, विशेषकर चुनाव के वर्षों में मौसमी कमजोरियों को ध्यान में रखते हुए।"
दूसरे बाजारों में स्थिति
दूसरे बाजारों में भी हलचल दिखी। बिटकॉइन $60,000 से नीचे गिर गया, जिससे व्यापक क्रिप्टो बाजार में गिरावट आई, जिसमें ईथर भी शामिल है। मंगलवार की गिरावट के बाद तेल की कीमतें फिर से बढ़ी, जिससे तीन दिनों की रैली समाप्त हुई। S&P 500 और Nasdaq 100 इंडेक्स में मामूली बढ़त देखी गई, जहाँ S&P 500 लगभग 5,625 तक चढ़ा और Nasdaq 100 में 0.3% की वृद्धि हुई। चिपमेकर्स का एक सूचकांक 1.1% बढ़ा, और Nvidia के शेयर 1.5% चढ़े।
बॉन्ड मार्केट और अन्य डेटा
एशियाई ट्रेडिंग के शुरुआती घंटों में ट्रेजरी बॉन्ड बाजारों ने भी हलचल दिखाई, जिसमें 10-वर्षीय यील्ड्स एक बेसिस पॉइंट बढ़कर 3.82% हो गईं। इस दौरान, यूएस के $69 बिलियन के दो-वर्षीय नोट्स की बिक्री को भी अच्छा प्रतिक्रिया मिला। दूसरी ओर, ऑस्ट्रेलियाई बॉन्ड यील्ड्स स्थिर रहे, क्योंकि देश के मासिक मुद्रास्फीति डेटा का इंतजार किया जा रहा था।
बाजार की दिशा और भविष्य
यह स्पष्ट है कि Nvidia कमाई के परिणाम बाजार की दिशा निर्धारित करने में प्रमुख भूमिका निभाएंगे। निवेशक यह देखना चाहेंगे कि कंपनी के प्रदर्शन ने AI सेक्टर में क्या बदलाव लाया है और इससे भविष्य में कैसी संभावना बनती है। इसके अलावा, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियों और अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर अनिश्चितताएं भी बाजार में बने रहेंगी।