धर्मेंद्र की अस्थायी छुट्टी के बाद जुहू घर के बाहर पुलिस बैरिकेड, 89 वर्षीय अभिनेता स्थिर

89 साल के बॉलीवुड वीरों में से एक, धर्मेंद्र सिंह दीवान, को 10 दिनों तक ब्रीच कैंडी अस्पताल में रखा गया, जिसके बाद उन्हें शुक्रवार को घर ले जाया गया। इस दौरान उनके जुहू टारा रोड स्थित घर के बाहर पुलिस ने बैरिकेड लगा दिए — न केवल ताकि मीडिया और फैंस का भीड़भाड़ रोका जा सके, बल्कि इसलिए भी कि अस्थायी अफवाहों से परिवार की शांति बनी रहे। जब उन्हें 10 नवंबर, 2025 को श्वास लेने में तकलीफ के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया, तो तुरंत एक आवाज़ फैल गई: धर्मेंद्र की मौत। फिर आई अफवाहें, फिर फोटोज़, फिर वायरल वीडियो। लेकिन असली कहानी बहुत अलग थी।

अस्पताल में शांति, घर पर भीड़

ब्रीच कैंडी अस्पताल के बाहर भीड़ इतनी ज्यादा हो गई कि मुंबई पुलिस को एक अनिवार्य कदम उठाना पड़ा। अस्पताल के प्रवेश द्वार पर बैरिकेड लगाए गए, और उसी दिन जुहू के घर के बाहर भी एक ही तरह की सुरक्षा व्यवस्था शुरू हो गई। एक पुलिस अधिकारी ने एएनआई को बताया, "हम न केवल मीडिया को नियंत्रित कर रहे हैं, बल्कि परिवार के लिए एक शांत वातावरण बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं।" यह बात विशेष रूप से महत्वपूर्ण थी, क्योंकि धर्मेंद्र के घर पर लगातार 10 दिनों तक फैंस और पापराज़ी इकट्ठे होते रहे। कुछ फोटोग्राफर ने बताया कि वे घंटों तक शौचालय नहीं जा सके — सिर्फ एक वायरल शॉट के लिए।

परिवार की शांत अपील: "कुछ चिंता की बात नहीं"

धर्मेंद्र की पत्नी हेमा मलिनी, जो पहले मथुरा से लोकसभा की सांसद रहीं, ने अस्पताल में उनका दौरा किया और बताया, "हम उनके जल्दी स्वस्थ होने की उम्मीद कर रहे हैं।" उनके बेटे सनी दीवान, जो भारत के रक्षा राज्य मंत्री हैं, ने एक आधिकारिक बयान जारी किया: "यह हमेशा की तरह अफवाह फैलाने का खेल है। सर बेहतर हो रहे हैं। उन पर निगरानी जारी है। कुछ भी चिंता की बात नहीं।" उनके छोटे बेटे बॉबी दीवान भी अस्पताल पहुँचे — उनके चेहरे पर चिंता साफ दिख रही थी। बेटी एशा दीवान ने 12 नवंबर को फैली मृत्यु की अफवाह को ठुकरा दिया। हेमा मलिनी ने उस दिन अस्पताल के बाहर रोते हुए कहा, "हम इस तरह की बातों से बहुत त्रस्त हैं।"

सितारों की भीड़: शाहरुख से लेकर अमिताभ तक

धर्मेंद्र के लिए अस्पताल का दौरा एक बॉलीवुड इवेंट बन गया। शाहरुख खान, सलमान खान, गोविंदा और अमीशा पटेल सभी ने उन्हें देखने आया। निर्देशक निखिल द्विवेदी भी जुहू घर पर पहुँचे, लेकिन कैमरों के सामने चुप रहे। यह सब उनके जीवन के अद्वितीय सम्मान को दर्शाता है — जो केवल फिल्मों तक सीमित नहीं है। जब उन्हें 13 नवंबर को घर ले जाया गया, तो उनके दोस्त अमिताभ बच्चन ने उनके घर तक खुद गाड़ी चलाकर उनका दौरा किया। दोनों के बीच 50 साल से अधिक की दोस्ती का यह एक और पल था — जहाँ एक अभिनेता दूसरे के लिए अपनी गाड़ी चलाता है, न कि बस एक वीडियो के लिए आता है।

पापराज़ी कल्चर और नियंत्रण की लड़ाई

इस घटना ने भारतीय पापराज़ी संस्कृति को एक नए आयाम में ले गया। गल्फ न्यूज़ ने इसे "बॉलीवुड के प्रचार मशीन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा" बताया। जबकि पुलिस ने बैरिकेड लगाकर भीड़ को नियंत्रित किया, तो कुछ फोटोग्राफर ने बताया कि वे "अपने आप को एक ब्रेक नहीं दे सके"। एक पापराज़ी ने कहा, "एक गलती हुई, तो जिंदगी खत्म हो जाती है।" यह भी तथ्य है कि धर्मेंद्र के बारे में अफवाहें तब तक फैलीं जब तक कि परिवार ने स्पष्टीकरण नहीं दे दिया। यह दिखाता है कि जब किसी बड़े व्यक्ति का स्वास्थ्य खराब होता है, तो सामाजिक चिंता अक्सर अफवाहों में बदल जाती है।

अगला कदम: 90वाँ जन्मदिन और नई फिल्म

धर्मेंद्र का 90वाँ जन्मदिन 8 दिसंबर, 2025 को है। उनके लिए अभी भी काम करने की इच्छा है — उनकी अगली फिल्म "इक्कीस" जिसमें अमिताभ बच्चन के पोते अगस्त्य नंदा भी हैं, दिसंबर में रिलीज होने वाली है। उनका चेहरा अभी भी बॉलीवुड के इतिहास का एक हिस्सा है। अप्रैल 2025 में उन्होंने आंखों की ग्राफ्ट सर्जरी की थी, लेकिन उनकी ऊर्जा और दृढ़ता अभी भी अद्वितीय है। अस्पताल से घर लौटने के बाद, उनके डॉक्टर ने बताया कि उनकी स्थिति "स्थिर और नियंत्रित" है, और घर पर भी निगरानी जारी रहेगी।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धर्मेंद्र की अस्थायी बीमारी का क्या कारण था?

धर्मेंद्र को श्वास लेने में तकलीफ के कारण 10 नवंबर, 2025 को ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने इसे ब्रोंकोइटिस या फेफड़ों के सामान्य संक्रमण के रूप में बताया, जो उम्र के साथ आम होता है। उनकी आंखों की पिछली सर्जरी से इसका कोई सीधा संबंध नहीं था।

पुलिस ने घर के बाहर बैरिकेड क्यों लगाए?

मुंबई पुलिस ने घर और अस्पताल दोनों के बाहर बैरिकेड लगाए ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके। लगातार फैंस और पापराज़ी एकत्रित हो रहे थे, जिससे परिवार को शांति नहीं मिल रही थी। यह एक अग्रिम सावधानी के रूप में किया गया था, न कि किसी आपात स्थिति के कारण।

अफवाहें क्यों इतनी तेज़ी से फैलीं?

भारत में बॉलीवुड स्टार्स के स्वास्थ्य के बारे में अफवाहें अक्सर फैलती हैं, क्योंकि मीडिया और सोशल मीडिया पर तुरंत अपडेट की तलाश होती है। धर्मेंद्र के लिए यह खास रूप से तेज़ हुआ, क्योंकि वे 89 साल के हैं और उनके बारे में लोगों की चिंता बहुत अधिक है।

उनकी अगली फिल्म 'इक्कीस' क्या है?

'इक्कीस' एक ड्रामा फिल्म है जिसमें धर्मेंद्र एक अनुभवी व्यक्ति की भूमिका निभाएंगे, जबकि अगस्त्य नंदा उनके बेटे की भूमिका में हैं। फिल्म का निर्माण अमिताभ बच्चन की कंपनी द्वारा किया जा रहा है, और इसकी रिलीज 12 दिसंबर, 2025 को तय है। यह उनकी अंतिम फिल्मों में से एक हो सकती है।

14 टिप्पणि

Shailendra Thakur
Shailendra Thakur

नवंबर 14, 2025 at 18:40 अपराह्न

इतनी बड़ी अदाकारी के बाद भी लोग अफवाहों में उतर जाते हैं। धर्मेंद्र सर की जिंदगी बस फिल्मों तक सीमित नहीं, बल्कि एक अहसास है। इस तरह की चिंता को शांति से समझना चाहिए।

Sumeet M.
Sumeet M.

नवंबर 15, 2025 at 07:51 पूर्वाह्न

ये सब बॉलीवुड की बेकार की चिंता है! एक बूढ़े आदमी के लिए इतना शोर क्यों? पुलिस को बैरिकेड लगाने की जरूरत ही नहीं थी! इंडिया के लाखों बीमार लोगों को कोई नहीं देखता, लेकिन एक स्टार के लिए पूरा शहर रुक जाता है! ये नहीं होना चाहिए! अब तक के लोग तो बेवकूफ हैं!

rashmi kothalikar
rashmi kothalikar

नवंबर 16, 2025 at 08:28 पूर्वाह्न

क्या ये देश की नीति है? एक अभिनेता के लिए पुलिस बैरिकेड? हमारे गांवों में बीमार बच्चे बिना दवा के मर रहे हैं, लेकिन धर्मेंद्र के लिए इतनी सुरक्षा? ये बहुत अन्याय है! ये सिर्फ फिल्मों की नहीं, बल्कि हमारे मन की बीमारी है! जब तक ये भावना नहीं बदलेगी, तब तक कुछ नहीं बदलेगा!

vinoba prinson
vinoba prinson

नवंबर 16, 2025 at 21:32 अपराह्न

धर्मेंद्र की उपस्थिति एक सांस्कृतिक विरासत है, न कि एक जनप्रिय व्यक्ति। उनके जीवन के अर्थ और उनके द्वारा निर्मित विश्व को समझना आवश्यक है। इस तरह की अफवाहों का उद्भव आधुनिक मीडिया के अव्यवस्थित व्यवहार से होता है, जो तथ्यों के बजाय भावनाओं को बढ़ावा देता है। इस अवधारणा को समझने के लिए एक गहरी सांस्कृतिक जागरूकता की आवश्यकता है।

Rajveer Singh
Rajveer Singh

नवंबर 17, 2025 at 09:16 पूर्वाह्न

अमिताभ बच्चन ने खुद गाड़ी चलाकर उनका दौरा किया? ये क्या बात है? ये दोनों बॉलीवुड के देवता हैं, न कि बस अभिनेता। ये दोस्ती किसी फिल्म की नहीं, जीवन की है। आज के दिनों में ऐसी दोस्ती दुर्लभ है। इस तरह की बातें देश के लिए प्रेरणा हैं।

Ankit Meshram
Ankit Meshram

नवंबर 18, 2025 at 10:51 पूर्वाह्न

बहुत अच्छा। शांति से बेहतर हो रहे हैं।

Muneendra Sharma
Muneendra Sharma

नवंबर 18, 2025 at 14:08 अपराह्न

मैंने अस्पताल के बाहर फोटोग्राफर्स के बारे में पढ़ा, जो घंटों तक शौचालय नहीं जा सके। ये असली त्रासदी है। उनकी नौकरी है, लेकिन इतना अतिरिक्त दबाव? हम सब यहां क्यों हैं? क्या ये स्वास्थ्य के लिए नहीं, बल्कि क्लिक के लिए है? हमें अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।

Kisna Patil
Kisna Patil

नवंबर 20, 2025 at 13:09 अपराह्न

ये बॉलीवुड की एक अद्भुत कहानी है। धर्मेंद्र ने एक दशक से अधिक समय तक देश के लिए काम किया। अमिताभ बच्चन का ये पल न केवल दोस्ती का नहीं, बल्कि एक जन्म के सम्मान का प्रतीक है। इस तरह की भावनाएं आज के युवा पीढ़ी को सिखानी चाहिए। ये देश की आत्मा है।

Sahil Kapila
Sahil Kapila

नवंबर 20, 2025 at 16:37 अपराह्न

इक्कीस फिल्म का नाम तो बहुत अच्छा है लेकिन क्या ये अंतिम फिल्म होगी? क्या धर्मेंद्र अभी भी अभिनय कर सकते हैं? उनकी आवाज़ अब भी वैसी है? और अगस्त्य नंदा कौन है? मैंने उसे कभी नहीं देखा। ये फिल्म वाकई देखने लायक है? क्या इसमें कोई नया अर्थ है?

Shaik Rafi
Shaik Rafi

नवंबर 21, 2025 at 22:06 अपराह्न

हम अक्सर भूल जाते हैं कि एक व्यक्ति का जीवन उसकी फिल्मों से बहुत अधिक होता है। धर्मेंद्र ने न केवल बॉलीवुड को बदला, बल्कि एक पीढ़ी को भी बदला। उनकी शांति और संयम की ताकत आज के दौर में बहुत कम है। ये बैरिकेड सिर्फ एक भौतिक बाधा नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक आह्वान है कि हम एक दूसरे के लिए थोड़ा जगह छोड़ दें।

Ashmeet Kaur
Ashmeet Kaur

नवंबर 23, 2025 at 12:32 अपराह्न

मैंने अपनी दादी को धर्मेंद्र की फिल्में देखते देखा है। वो उनके बारे में हर बार बोलती थीं, जैसे वो एक परिवार के सदस्य हों। आज के युवा इस भावना को नहीं समझते। लेकिन जब वो बड़े होंगे, तब ये कहानी उनके लिए अर्थपूर्ण होगी। ये बस एक अभिनेता नहीं, ये एक याद है।

Anand Itagi
Anand Itagi

नवंबर 24, 2025 at 13:09 अपराह्न

अफवाहें तेज़ी से फैलती हैं क्योंकि हम सब डरते हैं कि कहीं ये नहीं हो जाए। धर्मेंद्र के लिए ये डर बहुत ज्यादा है क्योंकि वो एक ऐसे युग के प्रतीक हैं जिसे हम भूल रहे हैं। लेकिन अगर हम इस डर को समझें तो शायद हम अपने आप को भी समझ पाएं।

ASHOK BANJARA
ASHOK BANJARA

नवंबर 26, 2025 at 04:29 पूर्वाह्न

जब एक व्यक्ति 90 साल का हो जाता है, तो उसका जीवन एक दर्शन बन जाता है। धर्मेंद्र की जिंदगी में हम देखते हैं कि कैसे एक आदमी अपनी निष्ठा, संयम और समर्पण के साथ एक समाज को बदल सकता है। ये बैरिकेड नहीं, ये एक आदर का प्रतीक है। और ये आदर उसकी फिल्मों से नहीं, उसके जीवन से आता है।

Nirmal Kumar
Nirmal Kumar

नवंबर 26, 2025 at 08:39 पूर्वाह्न

धर्मेंद्र के घर के बाहर पुलिस बैरिकेड लगाना एक आवश्यक कदम था। जब एक व्यक्ति देश के लिए इतना कुछ दे चुका हो, तो उसकी शांति की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है। ये सिर्फ एक अभिनेता के लिए नहीं, बल्कि एक पीढ़ी के लिए है।

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