अरविंद केजरीवाल की इस्तीफे की खबर
17 सितंबर 2024 का दिन दिल्ली की राजनीति के लिए महत्वपूर्ण रहा। इसी दिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। यह इस्तीफा उन्होंने दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना को सौंपा। केजरीवाल के इस अचानक फैसले ने राजनीतिक गलियारों में खलबली मचा दी है और मीडिया में इस फैसले को लेकर जोरदार चर्चाएं हो रही हैं।
आतिशी की नई भूमिका
अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद, वरिष्ठ आम आदमी पार्टी (आप) नेता आतिशी अब दिल्ली की नई मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं। आतिशी वर्तमान में कैबिनेट मंत्री हैं और राजस्व, शिक्षा, और लोक निर्माण विभाग जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय संभाल रही हैं। पार्टी ने उन्हें अपने विधायक दल का नेता चुना और उन्हें सरकार बनाने का दावा प्रस्तुत करने के लिए उपराज्यपाल को पत्र सौंपा गया।
आतिशी ने अपनी नई जिम्मेदारी को लेकर कहा कि वे अरविंद केजरीवाल को अपना 'गुरु' मानती हैं और उनके मत में दिल्ली के एकमात्र मुख्यमंत्री केजरीवाल ही हैं। उन्होने यह भी स्पष्ट किया कि उनका कार्यकाल केवल अस्थायी रहेगा और अगले विधानसभा चुनावों तक ही चलेगा।
आने वाले चुनाव और चुनौती
आतिशी ने यह भी बताया कि अत्यंत संभावना है कि आगामी चुनाव फरवरी में होने के बजाय नवंबर में महाराष्ट्र के चुनावों के साथ आयोजित किए जाएंगे। उनका प्राथमिक उद्देश्य यही रहेगा कि अरविंद केजरीवाल को पुनः दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाया जाए। इसके साथ ही, उन्होंने दिल्ली के लोगों की सुरक्षा और सरकार की मौजूदा पहलों को जारी रखने का संकल्प भी व्यक्त किया है।
आतिशी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर केजरीवाल और दिल्ली सरकार के खिलाफ षड्यंत्र रचने का आरोप भी लगाया है। उनका दावा है कि केजरीवाल के खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए गए हैं।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
भाजपा ने आतिशी की नियुक्ति पर कड़ा आक्रमण किया है, और उन्हें 'डमी मुख्यमंत्री' करार दिया है। इसी के साथ दिल्ली कांग्रेस के प्रमुख, देवेंदर यादव ने आतिशी से दिल्ली की समस्याओं, विशेषकर महिलाओं की समस्याओं पर ध्यान देने की अपील की है।
केजरीवाल के इस्तीफे का कारण
अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली शराब नीति मामले में उन्हें जमानत दिए जाने के दो दिन बाद आया है। इस मामले में केजरीवाल को करीब छह महीने जेल में बिताने पड़े थे।
अंत में
सम्पूर्ण घटनाक्रम से यह स्पष्ट होता है कि दिल्ली की राजनीति में फिर से हलचल मच गई है। आतिशी का मुख्यमंत्री बनना न केवल दिल्ली की राजनीति के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह आने वाले चुनावों के लिए भी एक प्रमुख मुद्दा बन सकता है।
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