आईटीआर फाइलिंग की डेडलाइन और उसका महत्व
वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2024 निर्धारित की गई है। यह समय सीमा सभी करदाताओं के लिए लागू होती है, चाहे वे निवासी हों या अनिवासी भारतीय (एनआरआई) जिनका ऑडिट आवश्यक नहीं है। जो करदाता इस समय सीमा तक अपने रिटर्न दाखिल करने में असफल होते हैं, उन्हें जुर्माना देना पड़ सकता है। समय पर आईटीआर दाखिल करने से न केवल इस जुर्माने से बचा जा सकता है, बल्कि कर कटौती और छूट के फायदे भी बरकरार रहते हैं।
31 जुलाई 2024 को 50 लाख से अधिक ITR फाइलिंग
31 जुलाई को जब डेडलाइन के अंतिम दिन था, लगभग 50 लाख से अधिक आईटीआर दाखिल किए गए। यह संख्या इस बात को दर्शाती है कि करदाताओं में समय पर अपने रिटर्न दाखिल करने की मानसिकता बढ़ रही है। हालांकि, उच्च फाइलिंग की संख्या के बावजूद, ई-फाइलिंग पोर्टल ने कुछ तकनीकी गड़बड़ियों का सामना किया, जिससे करदाताओं को कठिनाई हो रही थी।
ई-फाइलिंग पोर्टल की तकनीकी समस्याएँ
ई-फाइलिंग पोर्टल पर भारी ट्रैफिक होने के कारण कई करदाता तकनीकी समस्याओं का सामना कर रहे थे। पोर्टल का धीमापन, पेज का लोड न होना और अन्य संदेशों के रूप में यह समस्याएं देखी गईं। हालांकि, कर विभाग ने अपने तकनीकी दल को तत्काल सुधार के लिए निर्देशित किया और आश्वासन दिया कि जल्द ही सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी। करदाता अब भी समय पर अपने रिटर्न दाखिल करने के प्रयास में जुटे हुए हैं।
डेडलाइन का विस्तार और संभावित विकल्प
जैसे ही अंतिम तारीख नजदीक आ रही थी, कई करदाता और उद्योग संगठन कर विभाग से डेडलाइन विस्तार की अपील कर रहे थे। हालांकि, ऐसी कोई आधिकारिक घोषणा अब तक नहीं हुई है। करदाताओं को सलाह दी जा रही है कि वे समय रहते अपने रिटर्न दाखिल करें ताकि जुर्माने से बचा जा सके।
करों की दरें और नई कर प्रणाली
इस वित्तीय वर्ष और अगले वर्ष के लिए करों की दरों में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। नई कर प्रणाली को डिफ़ॉल्ट माना गया है, जब तक कि कोई करदाता पुरानी कर प्रणाली को नहीं चुनता। इसका अर्थ है कि करदाताओं को नई प्रणाली की विशेषताओं के अनुसार अपने कर रिटर्न दाखिल करने होंगे, यदि वे पुरानी प्रणाली का प्रयोग नहीं करते हैं।
विलंबित ITR दाखिल करने पर जुर्माना
आईटीआर दाखिल करने की समय सीमा समाप्त होने के बाद, विलंबित दाखिल करने पर धारा 234F के तहत जुर्माना लगाया जा सकता है। इसका अर्थ है कि यदि कोई करदाता अपने रिटर्न को समय पर दाखिल नहीं करता, तो उसे रु. 5,000 का जुर्माना चुकाना पड़ सकता है। वहीं, जिन करदाताओं की आय रु. 5 लाख से कम है, उनके लिए यह जुर्माना रु. 1,000 तक सीमित होगा।
समय पर ITR दाखिल करने का लाभ
समय पर आईटीआर दाखिल करने से न केवल जुर्माने से बचा जा सकता है, बल्कि कर कटौती और छूट के फायदे भी बरकरार रहते हैं। उधार लिए गए धन पर ब्याज, निवेश पर आय, और अन्य कर लाभों का दावा तभी किया जा सकता है जब समय पर आईटीआर दाखिल हो। इसके अलावा, समय पर दाखिले से करदाता भविष्य की सुविधाओं के लिए योग्य हो जाते हैं, जैसे कि लोन लेने के लिए बैंक से आसानी से सत्यापन मिलना।
धारा 234F और अन्य संबंधित प्रावधान
आयकर अधिनियम की धारा 234F के तहत विलंबित फाइलिंग के लिए जुर्माना लगाया जाता है, जिसमें देरी से दाखिल करने के लिए फीस और संभावित कर देनदारी पर ब्याज शामिल है। करदाता के पास ऑडिट आवश्यक न होने की स्थिति में भी यह प्रावधान लागू होता है। जो करदाता 31 जुलाई के बाद अपने रिटर्न दाखिल करते हैं, उन्हें इस जुर्माने से बचने के लिए अतिरिक्त शुल्क भी जमा करना पड़ता है।
करदाताओं के लिए अंतिम सुझाव
करदाताओं के लिए यह आवश्यक है कि वे जल्द से जल्द अपने आईटीआर को दाखिल करें और किसी प्रकार की देरी से बचें। इसके लिए उन्हें सभी आवश्यक दस्तावेज और जानकारी तैयार रखनी चाहिए। ई-फाइलिंग पोर्टल की तकनीकी गड़बड़ियों को ध्यान में रखते हुए, करदाता समय रहते तैयारी करें और अनावश्यक तनाव से बचें।
अतः, समय पर आईटीआर दाखिल करने से न केवल कानूनी समस्याओं से मुक्ति मिलती है, बल्कि यह एक जिम्मेदार नागरिक होने का परिचायक भी है। करदाता अपने वित्तीय प्रबंधन में सक्रिय रहें और सभी निर्धारित समय सीमाओं का पालन करें।
16 टिप्पणि
shubham jain
अगस्त 3, 2024 at 13:02 अपराह्न
धारा 234F के तहत जुर्माना रु. 5,000 है अगर आय रु. 5 लाख से अधिक है। अगर कम है तो रु. 1,000। ये स्पष्ट है।
Dinesh Kumar
अगस्त 4, 2024 at 03:19 पूर्वाह्न
ये ई-फाइलिंग पोर्टल तो अब बिल्कुल बेकार हो गया है! एक बार लॉगिन हो जाता है, फिर वो लोड होता ही नहीं! दो घंटे बैठे, फिर भी फेल! अब तो लोग एजेंट के पास जा रहे हैं। ये डिजिटल इंडिया क्या है? बस नाराजगी का नाम है!
Ali Zeeshan Javed
अगस्त 6, 2024 at 01:30 पूर्वाह्न
मैंने भी पिछले साल देर से फाइल किया था, रु. 1,000 जुर्माना लगा था। इस बार तो मैंने अपने बैंक अकाउंट, 26AS, और सभी इन्वेस्टमेंट रसीदें पहले से तैयार कर लीं। एक दिन में ही हो गया। बस थोड़ी तैयारी चाहिए। कोई डरने की बात नहीं।
shivam sharma
अगस्त 6, 2024 at 12:05 अपराह्न
अभी तक डेडलाइन बढ़ाने की बात नहीं हुई? ये सरकार तो बस लोगों को दबाव डालने के लिए ही बनी है! अगर ये पोर्टल ठीक होता तो लोग खुद फाइल कर देते। अब तो देरी का बहाना बना रहे हैं!
Aditya Ingale
अगस्त 7, 2024 at 12:52 अपराह्न
देखो, जब तक लोगों को ये नहीं समझाया जाता कि ये फाइलिंग तुम्हारे लिए है, न कि सरकार के लिए - तब तक ये डर और अनदेखी चलती रहेगी। मैंने अपने दोस्त को समझाया, उसने आज फाइल किया। अब उसका लोन बैंक वाले तुरंत मंजूर कर रहे हैं। ये जानकारी बदल देती है।
Sanjay Gandhi
अगस्त 9, 2024 at 08:45 पूर्वाह्न
मैं तो हर साल देर से फाइल करता हूँ, लेकिन एक बात समझ गया - जब तुम आईटीआर दाखिल करते हो, तो तुम एक नागरिक बन जाते हो। ये बस एक फॉर्म नहीं, ये तुम्हारी जिम्मेदारी है। जापान में लोग फाइलिंग के लिए नौकरी छोड़ देते हैं। हमारे यहाँ तो ये एक बोझ बन गया।
GITA Grupo de Investigação do Treinamento Psicofísico do Atuante
अगस्त 9, 2024 at 11:19 पूर्वाह्न
मैं तो इस बार नई कर प्रणाली चुन रही हूँ, क्योंकि मुझे लगता है कि पुरानी प्रणाली में अधिक डिडक्शन्स का झूठा आकर्षण है। वास्तव में, नई प्रणाली अधिक पारदर्शी है, और यदि आपकी आय रु. 12 लाख से कम है, तो आप अधिक बचत करते हैं। यह एक गणितीय निर्णय है, न कि भावनात्मक।
Žééshañ Khan
अगस्त 9, 2024 at 13:34 अपराह्न
जुर्माने की बात करने से पहले सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पोर्टल स्थिर हो। जब तक तकनीकी समस्याएँ नहीं दूर होतीं, तब तक जुर्माने का उल्लेख अनुचित है। यह नागरिकों के प्रति अनुचित व्यवहार है।
Pranav s
अगस्त 10, 2024 at 06:30 पूर्वाह्न
मैंने अपना आईटीआर 30 जुलाई को फाइल किया था, पोर्टल ठीक था। लेकिन जब मैंने अपने दोस्त को बताया, तो उसका पोर्टल टूट गया। ये लोग तो बस डर के आधार पर फाइल करते हैं।
ritesh srivastav
अगस्त 12, 2024 at 01:54 पूर्वाह्न
ये सब बकवास है। जब तक हम अपने नागरिकों को नहीं सिखाते कि कर देना अपनी ज़िम्मेदारी है, तब तक ये लोग बस डेडलाइन बढ़ाने की मांग करते रहेंगे। अमेरिका में कोई डेडलाइन बढ़ाने की बात नहीं करता। हमारी संस्कृति ही खराब है।
Shreya Prasad
अगस्त 13, 2024 at 02:56 पूर्वाह्न
समय पर आईटीआर दाखिल करना एक वित्तीय जागरूकता का संकेत है। यह न केवल कानूनी आवश्यकता है, बल्कि व्यक्तिगत विकास का भी हिस्सा है। यदि आप अपने वित्तीय लेनदेन को व्यवस्थित रखते हैं, तो यह आपके भविष्य के लिए एक बड़ा लाभ है।
Srujana Oruganti
अगस्त 14, 2024 at 05:51 पूर्वाह्न
इतनी बड़ी फाइलिंग संख्या के बावजूद, क्या वाकई सभी फाइलिंग सही हैं? क्या कोई चेक करता है कि आय और ब्याज के बीच का अंतर सही है? मुझे लगता है कि यह सब एक बड़ा धोखा है।
anil kumar
अगस्त 15, 2024 at 05:36 पूर्वाह्न
आईटीआर फाइलिंग को एक जीवन के रूप में देखो - यह एक अंतर्दृष्टि है, एक आत्म-परीक्षण है। जब तुम अपने आय और खर्च को दर्ज करते हो, तो तुम अपने जीवन के रास्ते को देखते हो। यह बस एक फॉर्म नहीं, यह तुम्हारा दर्पण है। और अगर तुम इसे देर से करते हो, तो तुम अपने आप को झूठ बोल रहे हो।
fatima mohsen
अगस्त 16, 2024 at 23:09 अपराह्न
कर देना एक धर्म है। जो लोग इसे बचाने की कोशिश करते हैं, वे अपने देश के खिलाफ षड्यंत्र कर रहे हैं। जुर्माना बहुत कम है - अगर आप अपने देश के लिए जिम्मेदार हैं, तो आप बिना किसी बहाने के फाइल कर देंगे। यह आपका देशभक्ति का परीक्षण है। 😊
sumit dhamija
अगस्त 18, 2024 at 22:32 अपराह्न
मैंने अपने बच्चों को भी यह सिखाया है कि जब वे काम करने लगेंगे, तो आईटीआर फाइल करना उनकी जिम्मेदारी होगी। यह कोई डर की बात नहीं है - यह एक नियम है, जैसे ट्रैफिक लाइट पर रुकना। अगर हम इसे नियम के रूप में लें, तो सब कुछ आसान हो जाएगा।
Nithya ramani
अगस्त 2, 2024 at 05:25 पूर्वाह्न
आईटीआर दाखिल करना अब कोई भारी काम नहीं रह गया। बस एक घंटे का समय निकाल लो, सब कुछ ऑटो-फिल हो जाता है। देरी मत करो, जुर्माना तो बहुत बड़ा नहीं लगता, पर उसकी चिंता तो रहती ही है।