13 वर्षीय क्रिकेटर वैभव सुर्ववंशी ने IPL नीलामी में रचा इतिहास, 1.1 करोड़ में बिके

क्रिकेट की दुनिया अक्सर अद्वितीय प्रतिभाओं से रोशनी पाती है, लेकिन जब एक 13 वर्षीय खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी पहचान बनाता है, तो यह वास्तव में एक बड़ा कीर्तिमान होता है। ऐसी ही एक कहानी लिखी है बिहार के समस्तीपुर के अद्वितीय क्रिकेटर वैभव सुर्ववंशी ने, जिन्होंने IPL 2025 नीलामी में अपना नाम इतिहास के पन्नों में अंकित किया है। वैभव को राजस्थान रॉयल्स ने 1.1 करोड़ रुपये की बड़ी रकम में खरीदा, जो किसी भी युवा खिलाड़ी के लिए एक महान उपलब्धि है।

वैभव के क्रिकेट सफर की शुरुआत महज नौ साल की उम्र में हुई थी, जब उन्होंने स्थानीय क्रिकेट अकादमी में दाखिला लिया था। वे अपने कौशल और क्रिकेट के प्रति जुनून के लिए जाने जाते थे। कुछ ही वर्षों में, उन्होंने अंडर-16 के लिए विजय मर्चेंट ट्रॉफी के तहत आयोजित चयन ट्रायल्स में हिस्सा लिया और बिहार की घरेलू सर्किट में अपना नाम बनाया।

राजस्थान रॉयल्स और दिल्ली कैपिटल्स के बीच खासी बोलीबाजी हुई। अंतिम मूल्यांकन 30 लाख रुपये के आधार मूल्य से बढ़कर 1.1 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जिससे वैभव की प्रतिभा की पहचान उत्तरदाई लोगों द्वारा भी की गई।

वैभव के लिए सबसे बड़ा मील का पत्थर था, जब उन्होंने 13 वर्ष और 187 दिनों की उम्र में इंडिया अंडर-19 टीम के लिए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलते हुए चमकदार शतक जड़ा। यह प्रदर्शन उन्होंने चेन्नई में किया, जो पहले से रिकॉर्डधारी बांग्लादेश के नजमुल हुसैन शांतो के 14 वर्ष 241 दिन के रिकॉर्ड को तोड़ कर स्थापित किया गया था।

वैभव अब तक बिहार की ओर से पांच प्रथम श्रेणी और एक टी20 मैच सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के अंतर्गत खेल चुके हैं। उन्होंने अपनी मेहनत और समर्पण से यह दिखा दिया है कि उम्र केवल एक संख्या है। उनका क्रिकेट कौशल और जिम्मेदारी का स्तर उन्हें साथी खिलाड़ियों से अलग करता है।

वैभव का कहना है कि वे वेस्ट इंडीज के महान बल्लेबाज ब्रायन लारा को अपना आदर्श मानते हैं और समय-समय पर पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज वसीम जाफर से अपनी तकनीक पर सुझाव लेते रहते हैं। उनके इस सपने को साकार करने के लिए उनका समर्थन करने वालों में उनके परिवार और प्रशिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान है।

यद्यपि हाल ही में उवे अंडर-19 एशिया कप में पाकिस्तान के खिलाफ कठिन समय का सामना करना पड़ा, लेकिन उनकी संभावनाएं और उनकी उपलब्धियां अभी भी क्रिकेट की दुनिया में चर्चा का विषय हैं। युवाओं के लिए वैभव का यह संघर्ष और सफलता एक प्रेरणा है कि लक्ष्य तक पहुंचने के लिए सच्चे प्रयास और कठिन परिश्रम की आवश्यकता होती है।

वैभव सुर्ववंशी के इस कारनामे ने न केवल उनके परिवार और राज्य को गर्वान्वित किया है, बल्कि वे भारतीय युवा क्रिकेटरों के लिए भी एक उदाहरण बनकर उभरे हैं। उनकी यात्रा बताती है कि कोई भी सपना छोटा नहीं होता, बशर्ते कि आप उसे साकार करने की दृढ़ इच्छाशक्ति और धैर्य रखते हों।

19 टिप्पणि

vasanth kumar
vasanth kumar

दिसंबर 2, 2024 at 03:53 पूर्वाह्न

ये लड़का तो बस एक बच्चा नहीं, एक फेनोमिनन है। बिहार के छोटे से शहर से ऐसा कर दिखाया, असली भारत की कहानी है।

Pooja Shree.k
Pooja Shree.k

दिसंबर 3, 2024 at 22:31 अपराह्न

मैंने देखा था उसका एक वीडियो, बल्ले का स्विंग देखकर लगा जैसे कोई बड़ा खिलाड़ी खेल रहा हो। उम्र का कोई मतलब नहीं है अगर दिमाग और हाथ सही हों।

Karan Raval
Karan Raval

दिसंबर 5, 2024 at 22:31 अपराह्न

इस उम्र में जो बच्चा इतना फोकस कर रहा है, वो देश का भविष्य है। उसके परिवार और कोच को बधाई। ऐसे बच्चों को सपोर्ट करना हम सबकी जिम्मेदारी है।

divya m.s
divya m.s

दिसंबर 7, 2024 at 03:35 पूर्वाह्न

1.1 करोड़? बस एक बच्चे को बेच दिया गया है। इंडिया में अब बच्चों को टूरिस्ट एट्रैक्शन बना दिया जा रहा है। ये क्रिकेट नहीं, कार्निवल है।

PRATAP SINGH
PRATAP SINGH

दिसंबर 8, 2024 at 10:04 पूर्वाह्न

ये सब बहुत अच्छा है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि इस उम्र में एक बच्चे को इतनी जिम्मेदारी देना सही है? इससे पहले कि वो बड़ा हो, उसका मानसिक स्वास्थ्य तबाह हो सकता है।

krishna poudel
krishna poudel

दिसंबर 9, 2024 at 18:53 अपराह्न

लारा का आदर्श? बस बेवकूफी है। ब्रायन लारा ने तो अपनी जिंदगी बर्बाद कर दी, और ये बच्चा उसका फॉलोअर बनना चाहता है? वसीम जाफर से सीखो, वो तो असली गुरु हैं।

Anila Kathi
Anila Kathi

दिसंबर 10, 2024 at 17:16 अपराह्न

वाह 😍 ये बच्चा तो भारत का नया आशा का प्रतीक है! उसके लिए दुआएं भेज रही हूँ 🙏 उम्मीद है वो दुनिया को चकित कर देगा!

Andalib Ansari
Andalib Ansari

दिसंबर 11, 2024 at 12:13 अपराह्न

ये सिर्फ एक खिलाड़ी की कहानी नहीं, ये एक युग की शुरुआत है। जब एक 13 साल का बच्चा IPL में खरीदा जाता है, तो ये दर्शाता है कि भारत अब बुद्धि को उम्र से ज्यादा मानता है। ये एक नया दर्शन है।

Arpit Jain
Arpit Jain

दिसंबर 12, 2024 at 12:13 अपराह्न

1.1 करोड़? अरे भाई, इतना पैसा तो एक बच्चे के लिए बहुत है। अब तो बच्चों को बेचने का बिजनेस शुरू हो गया है। नीलामी नहीं, गुलामी हो रही है।

Akash Kumar
Akash Kumar

दिसंबर 12, 2024 at 20:10 अपराह्न

इस उपलब्धि को आधिकारिक रूप से स्वीकार करने के लिए बीसीसीआई को एक विशेष अवार्ड बनाना चाहिए। यह एक ऐतिहासिक घटना है जिसे दस्तावेजीकृत किया जाना चाहिए।

Shankar V
Shankar V

दिसंबर 13, 2024 at 12:47 अपराह्न

क्या आपने कभी सोचा कि ये नीलामी का नंबर 1.1 करोड़ असल में किसी बड़े बॉस के लिए एक धोखा हो सकता है? शायद वो बच्चे के नाम से टैक्स बचा रहे हैं? इसकी जांच होनी चाहिए।

Aashish Goel
Aashish Goel

दिसंबर 15, 2024 at 08:40 पूर्वाह्न

वैभव का ट्रायल देखा था? वो तो बस एक बच्चा था... पर उसकी आंखों में एक बड़ा खिलाड़ी था... अजीब बात है ना? 😅

leo rotthier
leo rotthier

दिसंबर 16, 2024 at 23:28 अपराह्न

हमारे बच्चे बाहर जा रहे हैं और हम यहां चिल्ला रहे हैं कि वो बहुत छोटे हैं? ये बच्चा तो हमारे देश का गर्व है। अगर तुम नहीं जानते तो चुप रहो।

Karan Kundra
Karan Kundra

दिसंबर 17, 2024 at 18:12 अपराह्न

मैंने उसके प्रशिक्षक से बात की है। वो बता रहे थे कि वैभव रोज 5 बजे उठता है, दौड़ता है, फिर 100 बार बल्ला मारता है। ये नहीं, ये जुनून है।

Vinay Vadgama
Vinay Vadgama

दिसंबर 19, 2024 at 17:12 अपराह्न

यह उपलब्धि भारतीय युवाओं के लिए एक प्रेरणा है। इस तरह की कहानियों को विद्यालयों में पढ़ाया जाना चाहिए ताकि बच्चे सीखें कि संघर्ष के बाद ही सफलता आती है।

Pushkar Goswamy
Pushkar Goswamy

दिसंबर 20, 2024 at 15:15 अपराह्न

1.1 करोड़ की बोली? बस एक नाम बनाने के लिए। अगर वो अगले साल फेल हो गया तो कौन जिम्मेदार होगा? ये नीलामी एक बड़ा धोखा है।

Abhinav Dang
Abhinav Dang

दिसंबर 21, 2024 at 12:22 अपराह्न

इस बच्चे के लिए एक नया रोडमैप बनाना होगा - न सिर्फ क्रिकेट के लिए, बल्कि उसके मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी। इस उम्र में एक बच्चे को इतना बड़ा बोझ नहीं देना चाहिए। ये ट्रेडिंग नहीं, ट्रेनिंग होनी चाहिए।

Vasudev Singh
Vasudev Singh

दिसंबर 22, 2024 at 20:49 अपराह्न

मैं तो उस बच्चे के बारे में जानता हूं। वो स्कूल छोड़कर नहीं आया है, बल्कि अपने स्कूल के साथ ही ट्रेनिंग कर रहा है। उसकी माँ रोज सुबह 4 बजे उठकर उसके लिए नाश्ता बनाती है। उसके पिता बस एक छोटे से दुकानदार हैं। इस बच्चे के पीछे एक पूरा परिवार खड़ा है। इस बच्चे को जो बोली लगाई गई, वो उसके परिवार के जीवन का बदलाव कर सकती है। ये बस एक खिलाड़ी नहीं, ये एक पूरी नस्ल की आशा है। जब तक तुम उसके परिवार की कहानी नहीं जानते, तब तक तुम इस बच्चे को नहीं जानते।

vikram singh
vikram singh

दिसंबर 24, 2024 at 14:05 अपराह्न

ये बच्चा अभी तो बस एक बेबी बल्लेबाज है। जब वो 18 होगा तो शायद बारिश में भी बल्ला मार देगा। लेकिन अभी तो इसका नाम ट्रेंडिंग में है, बाकी सब बस धुआं है।

एक टिप्पणी लिखें

तेज़ी से टिप्पणी करना