विश्व संगीत दिवस 2024: तिथि, महत्त्व, थीम, इतिहास और उत्सव हेतु गतिविधियाँ

विश्व संगीत दिवस की उत्पत्ति और इतिहास

विश्व संगीत दिवस की शुरुआत 1982 में फ्रांस में हुई थी, जब तत्कालीन संस्कृति मंत्री जैक लैंग और संगीतकार मौरिस फ्लरे ने इस दिन की स्थापना की। इसका उद्देश्य संगीत प्रेमियों और संगीतकारों को एक मंच पर लाना था, जहां वे अपनी कला का प्रदर्शन कर सकें और इसे साझा कर सकें। इस दिन को 'फेटे डे ला म्यूज़िक' के रूप में भी जाना जाता है, जिसका मतलब है 'संगीत का उत्सव।'

2024 में विश्व संगीत दिवस की तिथि और थीम

हर साल 21 जून को विश्व संगीत दिवस मनाया जाता है, और 2024 में यह शुक्रवार को पड़ेगा। हालांकि 2024 के थीम की अभी तक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन 2023 की थीम थी 'म्यूजिक ऑन द इंटरसेक्शन्स।' थीम हर साल बदलती रहती है, जिससे संगीत के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया जा सके।

संगीत का महत्त्व और उसका प्रभाव

संगीत का महत्त्व और उसका प्रभाव

संगीत मानव सभ्यता का एक अविभाज्य हिस्सा है। इसकी शुरुआत प्रागैतिहासिक काल से हुई है, और यह विभिन्न संस्कृतियों में विभिन्न रूपों में विकसित हुआ है। संगीत में भावनाओं को अभिव्यक्त करने की अद्वितीय क्षमता होती है। यह हमें खुशियों के पलों में जश्न मनाने का मौका देता है और दुख के क्षणों में सुकून प्रदान करता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि संगीत सुनने से तनाव कम होता है और मनोवैज्ञानिक अवस्था बेहतर होती है।

विश्व संगीत दिवस का महत्त्व

विश्व संगीत दिवस का सबसे बड़ा महत्त्व इसकी चिकित्सा और उपचारात्मक शक्ति में निहित है। यह न केवल मनोरंजन का साधन है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है। विभिन्न अनुसंधान यह साबित कर चुके हैं कि संगीत सुनने और बजाने से मस्तिष्क की सक्रियता बढ़ती है और यह भावनात्मक संतुलन को बनाए रखने में सहायक होता है।

उत्सव के विभिन्न तरीके

उत्सव के विभिन्न तरीके

विश्व संगीत दिवस को मनाने के कई तरीके हैं। आप विभिन्न प्रकार के संगीत कार्यक्रमों में भाग ले सकते हैं, दोस्तों के साथ जाम सेशन कर सकते हैं, या फिर क्लबों और कैफे में लाइव संगीत का आनंद ले सकते हैं। इस दिन का उद्देश्य है कि आप अपनी दिनचर्या को कुछ देर के लिए एक तरफ रखकर संगीत के जादू में खो जाएं।

संगीत का मानवीय जीवन पर इतना गहरा प्रभाव है कि इसे विश्व संगीत दिवस के रूप में मनाना जरूरी हो गया है। चाहे आप पेशेवर संगीतकार हों या बस संगीत प्रेमी, इस दिन को मनाने के कई तरीके हैं। कुछ लोग इस दिन नए वाद्ययंत्र सीखते हैं, तो कुछ संगीत कक्षाओं में शामिल होते हैं।

विश्व संगीत दिवस 2024 का संदेश

विश्व संगीत दिवस 2024 का सर्वोत्तम संदेश यही है कि संगीत हमें एक-दूसरे के करीब लाता है। चाहे हम किसी भी भाषा में बात करें, संगीत की भाषा सभी के लिए समान होती है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि सबके जीवन में संगीत का कितना महत्वपूर्ण स्थान है और इसे संरक्षित और प्रोत्साहित करना कितना जरूरी है।

वर्षथीम
2023म्यूजिक ऑन द इंटरसेक्शन्स
2022रीथिंकिंग म्यूजिक
2021म्यूजिक फॉर हैलिंग
निष्कर्ष

निष्कर्ष

विश्व संगीत दिवस 2024 को मनाने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि आप संगीत के साथ समय बिताएं - चाहे वह किसी भी रूप में हो। इससे न केवल आप खुद को अलग तरह से जोड़ पाएंगे बल्कि अपने आसपास के लोगों के साथ भी एक गहरा संबंध स्थापित कर सकेंगे। संगीत की शक्ति अनमोल होती है और इसे हमें हमेशा संजो कर रखना चाहिए।

7 टिप्पणि

Srujana Oruganti
Srujana Oruganti

जून 23, 2024 at 17:10 अपराह्न

बस एक दिन के लिए संगीत का जश्न मनाने की क्या जरूरत? हर दिन तो मैं अपने बेडरूम में बैठकर यूट्यूब पर बॉलीवुड के गाने सुनती हूँ। इस दिन का कोई खास मतलब ही नहीं है।

fatima mohsen
fatima mohsen

जून 24, 2024 at 21:03 अपराह्न

अरे भाई! ये सब विदेशी चीजें लाकर हमारी संस्कृति को बर्बाद कर रहे हो! हमारे राग और ताल का क्या हुआ? ये 'म्यूजिक ऑन द इंटरसेक्शन्स' जैसे अंग्रेजी शब्दों से हमारे बच्चे अपनी जड़ें भूल रहे हैं! 😤

Pranav s
Pranav s

जून 26, 2024 at 20:33 अपराह्न

मैंने आज रात एक नया ढोलक बजाया... बस 5 मिनट लगे... फिर सो गया 😴

Ali Zeeshan Javed
Ali Zeeshan Javed

जून 28, 2024 at 14:07 अपराह्न

संगीत कोई भाषा नहीं है... ये तो दिल की बोली है। मैंने अपने गाँव में एक बूढ़े बांसुरीवाले से सीखा था, जो अपनी आंखें बंद करके राग यमन बजाते थे... उनके बाद कोई भी गाना नहीं सुना। इस दिन को बस एक उत्सव नहीं, बल्कि एक यादगार अनुभव बनाओ। 🙏

Žééshañ Khan
Žééshañ Khan

जून 29, 2024 at 01:26 पूर्वाह्न

विश्व संगीत दिवस की स्थापना फ्रांस में हुई है जिसका अर्थ है कि यह एक पश्चिमी अवधारणा है जिसे भारतीय संदर्भ में लागू करना अनावश्यक है। संगीत का सच्चा अर्थ तो राग-रागिनी के माध्यम से ही समझा जा सकता है।

ritesh srivastav
ritesh srivastav

जून 30, 2024 at 02:33 पूर्वाह्न

2023 की थीम थी 'म्यूजिक ऑन द इंटरसेक्शन्स' और अब 2024 में नहीं बताया? ये सब बहाने हैं। असली संगीत तो गाँव के लोग बजाते हैं ना जो अभी भी बाजे बजाते हैं। इन सब शहरी लोगों को तो बस फोटो खींचने का मौका चाहिए।

sumit dhamija
sumit dhamija

जून 30, 2024 at 16:02 अपराह्न

मैंने आज सुबह अपने बेटे के साथ राग भैरवी सुना। उसने पूछा - 'पापा, ये गाना तो बहुत धीमा है।' मैंने कहा - 'बेटा, ये धीमा नहीं, गहरा है।' उस दिन से वो हर रोज एक नया राग सीखने लगा। संगीत बस आवाज़ नहीं... ये विरासत है।

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