ईद‑मिलाद का पूरा मार्गदर्शन
जब हम ईद‑मिलाद, नबी मुहम्मद ﷺ के जन्म दिवस को मनाने वाला प्रमुख इस्लामी पर्व. इसे अक्सर मव्लिद अन्‑नबी कहा जाता है, तो इस शब्द का मतलब समझना ज़रूरी है। इस्लाम, विश्व में पाँचवीं बड़ी धर्म, जो एकेश्वरवाद पर आधारित है की सांस्कृतिक परंपराओं में मिलाद नुबाविय्या, नबी की生े के दिन को सम्मानित करने वाली विशेष पूजा-प्रणालियां प्रमुख भूमिका निभाती हैं। इन सभी तत्वों का मिलन धार्मिक समारोह, समुदायिक प्रार्थना, गीत-भजन और विशेष खाद्य वितरण से भरपूर आयोजन बनाता है, जहाँ लोग एक‑दूसरे को बधाई और शांति का संदेश भेजते हैं।
ईद‑मिलाद के पीछे की मुख्य प्रेरणा सरल है: नबी की जीवन‑शैली को याद करके उनके चरित्र को अपनाना। इस बात को समझाने में तीन प्रमुख संबंध स्पष्ट होते हैं। पहला, ईद‑मिलाद इस्लाम की बड़ी त्योहारी घटनाओं में से एक है, क्योंकि यह एक आध्यात्मिक पुरी को दर्शाता है। दूसरा, यह मिलाद नुबाविय्या के विशेष रिवाजों से जुड़ा है, जैसे कि नबी के जीवन से जुड़े कहानियों का पाठ, पंक्तियों का जप और क़ुरआन की आयतों का तिलावट। तीसरा, धार्मिक समारोह में प्रार्थना (सलाह) और सामुदायिक भोजन (इफ़्तार) का महत्व बढ़ जाता है, जिससे सामाजिक बंधन मजबूत होते हैं। इन तीनों संबंधों को देखें तो पता चलता है कि हर पहलू एक‑दूसरे को सुदृढ़ करता है।
आधुनिक समय में ईद‑मिलाद का उत्सव कई रूप ले चुका है। बड़े‑बड़े मस्जिदों में खुली सभा होती है, जहाँ प्रवचनकार नबी की शिक्षाओं को आज़ के संदर्भ में समझाते हैं। डिजिटल युग ने इसे ऑनलाइन लाइव-स्ट्रीम, यूट्यूब और सोशल मीडिया पर भी लाया है; लोग घर बैठे ही गीत‑भोजन प्रसाद देख और सुन सकते हैं। कई शहरों में विशेष बाजार लगते हैं, जहाँ मीठे पकवान जैसे बर्फी, सूजनी और खीर बिकते हैं। यह आर्थिक पहलू भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इन छोटे‑बड़े व्यावसायिक गतिविधियों से स्थानीय व्यापार को मदद मिलती है। साथ ही, दान‑धर्म (ज़कात) को बढ़ावा देने के लिए दान और वस्तु वितरण के कार्यक्रम भी आयोजित होते हैं।
भौगोलिक विविधता के कारण ईद‑मिलाद की रस्में अलग‑अलग क्षेत्रों में थोड़ा‑बहुत बदलती हैं। दक्षिण एशिया में लोग नबी के जन्मस्थली मेक्के की ओर देख कर प्रार्थना करते हैं, जबकि मध्य पूर्व में विशेष नफ़्ल (सैलाव) और नबी की शहादत के समय की यादों को उजागर करने वाले प्रार्थना समूह होते हैं। अफ्रीका में दोपहर के लंच के बाद सामुदायिक पिकनिक और खूबसूरत नाश्ते की परम्परा है। इन विविधताओं के बावजूद, मूल सिद्धांत समान रहता है—परस्पर सम्मान और आध्यात्मिक शुद्धि।
इन्हीं कारणों से, ईद‑मिलाद को समझना सिर्फ एक धार्मिक कर्तव्य नहीं, बल्कि सामाजिक एकता का लेंस भी बन जाता है। अगले सेक्शन में आप विभिन्न लेखों, रिपोर्टों और विश्लेषणों को पाएँगे जो इस उत्सव के इतिहास, इस्लामी विद्वानों की व्याख्याएं, और आज के युवा कैसे इस दिन को जी रहे हैं—इन सबको एक ही जगह देखेंगे। तैयार हो जाइए, क्योंकि नीचे सूचीबद्ध पोस्ट आपके लिए एक संपूर्ण गाइड बनेंगी, चाहे आप नई जानकारी की खोज में हों या बस उत्सव की खुशियों को फिर से महसूस करना चाहते हों।

सितंबर 2025 में सभी राज्यों के बैंक बंदी की पूरी सूची – आरबीआई की छुट्टियों का विवरण
रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने सितंबर 2025 के बैंक छुट्टियों की विस्तृत सूची जारी की, जिसमें ईद‑मिलाद, महाराजा अग्रसेन जयंती और दुर्गा पूजा शामिल हैं। राज्य‑विषयक बंदी से ग्राहकों को योजना बनानी होगी।
और देखें