भारतीय बैडमिंटन के स्टार खिलाड़ी सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी ने एक बार फिर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। उन्होंने 19 मई, 2024 को बैंकॉक में आयोजित थाईलैंड ओपन सुपर 500 टूर्नामेंट में पुरुष युगल का खिताब जीता। सात्विक और चिराग ने फाइनल में चीन के चेन बो यांग और लियू यी की जोड़ी को सिर्फ 46 मिनट में 21-15, 21-15 से पराजित किया।
यह सात्विक-चिराग की थाईलैंड ओपन में दूसरी जीत है। इससे पहले उन्होंने 2019 में यहां खिताब जीता था। इस जीत के साथ ही उन्होंने आगामी पेरिस ओलंपिक के लिए अपनी दावेदारी को मजबूत किया है। पूरे टूर्नामेंट में सात्विक-चिराग का दबदबा देखने को मिला और उन्होंने बिना कोई गेम गंवाए खिताब अपने नाम किया।
पिछले कुछ महीनों में झेली थी निराशा
हालांकि, इस जीत से पहले सात्विक-चिराग को कुछ निराशाजनक परिणामों का सामना करना पड़ा था। ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप में उन्हें दूसरे दौर में हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद चिराग को चोट के कारण एशिया चैंपियनशिप से हटना पड़ा था। थॉमस कप में भी उनका प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा और उन्हें कुछ करीबी मुकाबलों में हार झेलनी पड़ी।
पेरिस ओलंपिक से पहले आत्मविश्वास बढ़ा
लेकिन थाईलैंड ओपन में मिली इस जीत से सात्विक-चिराग के आत्मविश्वास में इजाफा हुआ है। उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया और अपने प्रतिद्वंद्वियों पर दबाव बनाए रखा। इस जीत से उन्हें 9200 रैंकिंग अंक और लगभग 27,63,306 रुपये की ईनामी राशि मिली है।
सात्विक-चिराग की इस जीत को पेरिस ओलंपिक से पहले उनके प्रतिद्वंद्वियों के लिए एक चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है। उनका थाईलैंड के साथ एक खास रिश्ता रहा है, जहां उन्होंने 2019 में अपना पहला सुपर 500 खिताब जीता था। यह जीत भारतीय जोड़ी के लिए एक नई जीत की शुरुआत करने वाली मानी जा रही है।
पिछले कुछ अहम खिताब
- 2019 थाईलैंड ओपन सुपर 500
- 2022 इंडिया ओपन
- 2022 फ्रेंच ओपन
- 2023 इंडोनेशिया ओपन
पेरिस ओलंपिक में अब सिर्फ एक साल का समय बचा है। ऐसे में सात्विक और चिराग लगातार अच्छा प्रदर्शन करके अपनी तैयारियों को पुख्ता करना चाहेंगे। उनका लक्ष्य ओलंपिक में देश के लिए पहला पुरुष युगल पदक जीतना होगा। अगर वह ऐसा करने में सफल रहते हैं, तो यह भारतीय बैडमिंटन के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगी।
भारतीय बैडमिंटन प्रेमी सात्विक-चिराग से पेरिस ओलंपिक में पदक की उम्मीद लगाए बैठे हैं। उनके प्रदर्शन और लगन को देखते हुए कहा जा सकता है कि यह सपना जल्द ही साकार हो सकता है। चलिए, उनके शानदार भविष्य की कामना करते हैं और उम्मीद करते हैं कि वह देश का नाम रोशन करते रहेंगे।
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