इरानी कप में मुम्बई का जबरदस्त प्रदर्शन
इरानी कप के दूसरे दिन का खेल क्रिकेट प्रेमियों के लिए किसी रोमांचक दास्तान से कम नहीं रहा। इस दिन का सबसे बड़ा आकर्षण रहा मुम्बई के युवा बल्लेबाज सरफराज खान का बेहतरीन दोहरा शतक। उनकी इस जानदार पारी ने मुम्बई टीम को 536/9 के दमदार स्कोर पर पहुंचा दिया। आखिरी दिन के खेल खत्म होते समय सरफराज खान 221 नाबाद रन बनाकर ग्राउंड पर वापस लौटे। यह पारी उनकी प्रथम श्रेणी करियर की 15वीं शतकीय पारी थी।
सरफराज खान की रिकार्ड तोड़ पारी
सरफराज ने बैटिंग की शुरुआत से ही आक्रामक खेल का प्रदर्शन किया और अपनी टीम के लिए अनमोल रन बनाए। इस पारी में 276 गेंदों में उन्होंने 25 चौके और 4 छक्के जड़े। उनके इस जबरदस्त प्रदर्शन ने मुम्बई के बल्लेबाज रामनाथ पारकर के 195 रनों के स्कोर को पीछे छोड़ दिया। यह रिकॉर्ड पारकर ने 1972 में बनाया था। इस रिकॉर्ड को तोड़ते हुए सरफराज इरानी कप के चौथे सबसे युवा दोहरा शतकवीर बन गए।
उस दिन का खेल अजिंक्य रहाणे और सरफराज खान के बीच 131 रनों की साझेदारी से शुरू हुआ। हालांकि रहाणे अपने शतक से मात्र 3 रन पहले 97 के स्कोर पर यश दयाल की गेंद पर आउट हो गए, लेकिन उनकी इस पारी ने भी मुम्बई को मजबूत स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया। इसके बाद शम्स मुलानी क्रीज पर आए, लेकिन वे भी मुकेश कुमार की गेंद पर जल्दी आउट हो गए। हालांकि सरफराज ने अपने बल्लेबाजी के फॉर्म को बरकरार रखते हुए स्वाभाविक तरीके से खेलना जारी रखा।
कोटियन और खान का योगदान
कोटियन, जिन्होंने सरफराज के साथ साझेदारी की, ने 64 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेली। उनकी पार्टनरशिप ने मुम्बई को जीत के करीब पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। इस साझेदारी में कोटियन ने अपना 13वां प्रथम श्रेणी अर्धशतक भी पूरा किया। उनकी यह साझेदारी तब खत्म हुई जब प्रसिद्ध कृष्णा ने कोटियन को आउट कर दिया।
सरफराज खान की इस पारी ने उन्हें क्रिकेट जगत के बड़े नामों के साथ खड़ा कर दिया। उन्होंने सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, शिखर धवन और यशस्वी जायसवाल जैसे दिग्गजों के साथ अपना नाम जोड़ा, जिनके पास इरानी कप में दो शतक हैं। हालांकि, सरफराज के लिए ये दिन उनके लिए खास महत्व रखता है, क्योंकि उन्होंने अपनी टीम के लिए एक मजबूत आधार तैयार किया, जो भविष्य में खेलने वाले दिन के लिए संतोषजनक साबित हो सकता है।
आने वाले समय की उम्मीदें
इरानी कप के प्रदर्शन ने मुम्बई को आधिकारिक तौर पर एक मज़बूत स्थिति में ला खड़ा किया है। अगले दिन के खेल के लिए अब सबकी नज़रें इस बात पर होंगी कि क्या टीम इस बढ़त को और बड़ा बनाकर मैच को अपने हक़ में कर सकेगी। वर्तमान में, सरफराज खान और उनके साथियों ने सिद्ध किया है कि मुम्बई का क्रिकेट की दुनिया में एक अलग ही स्तर है। उनके जबरदस्त प्रदर्शन ने दर्शाया है कि मुम्बई के क्रिकेटर किस प्रकार आगे बढ़कर अपने घरेलू क्रिकेट को महान ऊंचाईयों तक ले जाने में सक्षम हैं।
6 टिप्पणि
Dinesh Kumar
अक्तूबर 3, 2024 at 09:43 पूर्वाह्न
वाह!! ये तो सच में एक ऐतिहासिक पल है!! 🎉🔥 सरफराज ने न सिर्फ रिकॉर्ड तोड़ा, बल्कि एक नई पीढ़ी को जन्म दिया! ये बच्चा तो अब टेस्ट टीम का बादशाह बन चुका है! जय हिंद! जय मुंबई! जय भारत! 💪🇮🇳
Sanjay Gandhi
अक्तूबर 5, 2024 at 02:16 पूर्वाह्न
क्या आपने देखा कि सरफराज ने अपनी पारी में कितने चौके लगाए? और ये सब तब जब देश में बहुत सारे बच्चे फोन पर घंटों बिता रहे होते हैं... ये लड़का न सिर्फ बल्लेबाज है बल्कि एक प्रेरणा है। मैं अपने भाई को भी इसके लिए रोज बुला रहा हूँ।
Srujana Oruganti
अक्तूबर 6, 2024 at 19:28 अपराह्न
हमेशा ऐसे ही होता है... कोई एक बच्चा दोहरा शतक लगा देता है और सब उसे भगवान बना देते हैं। असली टीम का क्या हुआ? बाकी बल्लेबाज कौन हैं? ये सब फैंस तो बस एक नाम के आगे भाग जाते हैं।
fatima mohsen
अक्तूबर 7, 2024 at 18:46 अपराह्न
अगर ये बच्चा असली टीम में खेलता है तो भारत का भविष्य सुरक्षित है 🙏❤️ लेकिन अगर ये सिर्फ घरेलू क्रिकेट में ही रह गया तो ये बहुत बड़ी गलती होगी। कोचेस और BCCI इसे नज़रअंदाज नहीं कर सकते। ये देश का भविष्य है। #SaveOurFuture
Pranav s
अक्तूबर 8, 2024 at 00:08 पूर्वाह्न
221 नाबाद? ये तो बहुत अच्छा है... पर बाकी टीम के बल्लेबाज कहाँ गए? जितना बड़ा शतक बनाया उतना ही टीम का नाम बर्बाद हो रहा है। बस एक आदमी के ऊपर निर्भर रहना बहुत खतरनाक है।
shivam sharma
अक्तूबर 3, 2024 at 04:20 पूर्वाह्न
ये लड़का तो असली मुंबई का बेटा है! बस इतना ही कहना है कि ये दोहरा शतक कोई आम बात नहीं जो कोई भी कर ले। इस देश में बस इतना ही चाहिए कि बच्चे बल्ले से जीत लें न कि राजनीति से।