संघ बजट 2025: भारत की अर्थव्यवस्था के विकास हेतु वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के संकल्प

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बजट 2025-26: विकास का महायोजना

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फरवरी 1, 2025 को संघ बजट 2025-26 प्रस्तुत करते हुए देश की आर्थिक प्रगति के प्रति अपना संकल्प प्रकट किया। यह बजट नरेन्द्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट है और इसे देश के आर्थिक विकास, समावेशी वृद्धि और मौजूदा चुनौतियों से निपटने के लिए डिज़ाइन किया गया है। निर्मला सीतारमण के लिए यह उनका आठवां बजट प्रस्तुतीकरण था और इस बार भी यह बजट कई स्तरों पर सराहनीय रहा।

वित्त मंत्री ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष के लिए देश की आर्थिक विकास दर 6.3% से 6.8% के बीच रहने की उम्मीद है। यह जानकारी वित्त मंत्री ने वित्त वर्ष 2024-25 के आर्थिक सर्वेक्षण के संदर्भ में साझा की, जो बजट से एक दिन पहले पेश किया गया था। इसके अलावा, बजट में भारत के मध्यम वर्ग के लिए विशेष ध्यान दिया गया है, ताकि उनकी क्रय शक्ति में वृद्धि हो सके। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बढ़ोतरी से मध्यवर्गीय परिवारों को कर छूट मिलेगी, जो उन्हें आर्थिक दृष्टि से मजबूत बना सकती है।

कृषि क्षेत्र और अन्य प्रमुख पहल

भारत की कृषि के लिए ‘धान धन्य कृषि योजना’ बजट की प्रमुख घोषणाओं में से एक है, जिसे राज्यों के साथ साझेदारी में शुरू किया गया है। यह योजना 100 जिलों को कवर करेगी और इसका उद्देश्य कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देना है। कृषि के अलावा, रियल एस्टेट क्षेत्र ने 'इंडस्ट्री' का दर्जा दिए जाने की भी आशा जताई, हालांकि उत्तरी घोषणाओं में इस पर कोई पुष्टि नहीं मिली है। बजट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विकास और उसके उपयोग को लेकर भी वित्तीय समर्थन की अपेक्षाएं हैं, जिससे प्रतिस्पर्धा और आर्थिक विकास में वृद्धि हो।

बढ़ती महंगाई की समस्या को भी इस बजट में प्रमुखता से रखा गया है। खाद्य मुद्रास्फीति FY24 के 7.5% से बढ़कर वर्तमान वित्तीय वर्ष में 8.4% हो गई है। वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार इस बजट में आर्थिक वृद्धि और अर्थव्यवस्था के संतुलन पर ध्यान देगी, जिसमें उच्च गुणांक वाले क्षेत्रों पर विशेष जोर रहेगा।

वैश्विक जोखिम और आर्थिक स्थिरता

वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत आर्थिक सर्वेक्षण ने वैश्विक जोखिमों की ओर इशारा किया, खासकर चीन पर भारत की निर्भरता को देखते हुए। सरकार की योजना घरेलू और विदेशी निवेश के प्रोत्साहन के माध्यम से इन जोखिमों को कम करने की है। रोजगार से संबंधित महत्वपूर्ण मेट्रिक्स जैसे बेरोजगारी दर, श्रमबल भागीदारी दर और जनसंख्या के प्रति कार्यकर्ता की दर में सुधार हुआ है।

बैंकिंग प्रणाली में सकल गैर-निष्पादित संपत्ति (एनपीए) 12 वर्षों के निम्न स्तर पर आ गई है, जो सकल ऋणों और उन्नतियों का 2.6% रही। निर्माण क्षेत्र ने भी FY21 के मध्य से गति समेटी है, पूर्व-महामारी प्रवृत्ति से लगभग 15% अधिक हो गई है। बजट 2047 तक ‘विकसित भारत’ के लिए प्राप्त करने हेतु ठोस नींव रखने की योजना का हिस्सा है, जिसमें 8% वार्षिक वृद्धि, 35% निवेश दर और विनिर्माण, एआई, रोबोटिक्स, एवं जैव प्रौद्योगिकी के विस्तार की आवश्यकता है।

नरेंद्र मोदी की सरकार के कार्यकाल का महत्व

बजट सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के दोनों सदनों में संयुक्त भाषण से हुई। निर्मला सीतारमण के बजट भाषण ने सरकार की तेजी और समावेशी विकास की प्रतिबद्धता को स्पष्ट किया। बजट ने गरीबों, युवाओं, अन्नदाताओं और नारियों पर केंद्रित रहते हुए समावेशी विकास की दिशा में कदम उठाए हैं। बजट 2025-26 का यह बजट मोदी सरकार की दूरदर्शी योजनाओं और उनके तीव्र कार्यान्वयन का और एक उदाहरण प्रस्तुत करता है, जिसमें विकास और समृद्धि के नए आयाम खोलने की तैयारी है।

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