20 अप्रैल, 2025 को मुंबई के वांखेड़े स्टेडियम में आयोजित आईपीएल 2025 के 38वें मैच में, मुंबई इंडियंस ने चेन्नई सुपर किंग्स को 9 विकेट से धूल चटाई। जवाबी पारी में बल्लेबाजी करते हुए MI ने सिर्फ 15.4 ओवर में 177 रन बना डाले — और इसकी नींव रोहित शर्मा और सूर्यकुमार यादव के बीच 114 रन की अजेय दूसरे विकेट की भागीदारी ने रखी। यह जोड़ी आईपीएल के इतिहास में MI के लिए CSK के खिलाफ तीसरा सबसे बड़ा दूसरे विकेट का साझेदारी रिकॉर्ड बन गई।
रोहित की वापसी, सूर्यकुमार का जादू
37 साल के रोहित शर्मा ने 45 गेंदों में 76* रन बनाए — चार चौके और छह छक्के, स्ट्राइक रेट 168.89 के साथ। लेकिन असली तूफान सूर्यकुमार यादव ने बनाया। 34 साल के भारत के टी20I कप्तान ने सिर्फ 30 गेंदों में 68* रन बनाए — पांच चौके, छह छक्के, और एक ऐसा स्ट्राइक रेट (226.67) जो बल्लेबाजी के एक नए मानक की घोषणा करता है। यह जोड़ी सिर्फ 54 गेंदों में 114 रन बना गई — और इसके बाद बाकी मैच बस फॉर्मैलिटी बन गया।
यह जोड़ी तब बनी जब MI ने पावरप्ले में 62 रन बिना किसी विकेट के खोए बनाए। CSK के बल्लेबाज तो धीमे शुरू हुए — शिवम दूबे और रवींद्र जडेजा ने पहले 30 रन 32 गेंदों में बनाए। जबकि ये दोनों अपने आधे शतक बनाकर टीम को 176/5 तक ले आए, लेकिन शुरुआत की धीमी गति ने उनकी टीम को बचाने में नाकाम रखा।
इतिहास के निशान
यह जोड़ी अब MI के लिए CSK के खिलाफ तीसरा सबसे बड़ा दूसरे विकेट का भागीदारी बन गई। इससे ऊपर केवल दो जोड़ी हैं: 2012 में रोहित शर्मा और सचिन तेंदुलकर के बीच 126 रन (वांखेड़े में), और 2015 में रोहित और लेंडल सिमोंस के बीच 119 रन (एडन गार्डन्स में)। यानी, रोहित अब तक के दो सबसे बड़े दूसरे विकेट के रिकॉर्ड में शामिल हैं — एक अपने अपने नाम से, दूसरा अपने और एक दिग्गज के नाम से।
सूर्यकुमार यादव की फॉर्म तो अब लगता है जैसे कोई डॉक्यूमेंट्री बन रही हो। आईपीएल 2025 में उन्होंने 11 मैच खेले हैं — और हर एक में 20+ रन बनाए। भले ही आईन्डिया टुडे के अनुसार उनके 475 रन हों, और टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार 373, लेकिन एक बात साफ है: वे ओरेंज कैप के नेता हैं। उनका औसत 68 है, स्ट्राइक रेट 170 के पार। एक बार जब वे बल्लेबाजी पर आते हैं, तो गेंदबाजों के पास बस एक ही विकल्प रह जाता है — भागना।
टीम की वापसी: एक शुरुआत से शानदार रिवर्स
इस जीत के साथ MI की लगातार छह जीत की लहर जारी रही। शुरुआत तो बहुत खराब रही — पहले पांच मैचों में सिर्फ एक जीत। लेकिन अब वे टेबल पर शीर्ष या छठे स्थान पर हैं — जिस पर रिपोर्ट्स अलग-अलग हैं। लेकिन एक बात स्पष्ट है: वे अब टूर्नामेंट के लिए एक असली कैंडिडेट बन गए हैं।
कप्तान हार्दिक पंड्या ने बाद में कहा, "हमें रोहित की फॉर्म के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं। हम जानते थे कि जब वह अच्छा खेलेंगे, तो ऐसा ही होगा।" और वो ऐसा ही हुआ।
बाहरी असर: बॉलिंग और अगला चुनौती
MI के बॉलर ट्रेंट बौल्ट ने बात की — उन्होंने बताया कि जब वे रॉयल्स के साथ थे, तो जैसवाल के साथ बहुत अच्छा रिश्ता था। "उसे मुझ पर निशाना साधना था, और मैं उसे समझता हूं," बौल्ट ने कहा। उन्होंने पावरप्ले में तीन विकेट लिए, जिससे MI का पीछा आसान हुआ।
अगला मैच LSG के खिलाफ है — और यहां एक नया खतरा है: दिग्वेश राठी, LSG के 28 साल के लेग-स्पिनर, जिन्होंने नौ मैचों में नौ विकेट लिए हैं। उनकी नोटबुक की तरह की जीत की शैली अब अम्पायर भी बर्दाश्त कर रहे हैं। लेकिन सूर्यकुमार यादव ने पहले ही दिखा दिया है कि वह किसी भी गेंदबाज के खिलाफ जितना चाहे उतना खेल सकता है।
मैच का मनोवैज्ञानिक पहलू
वांखेड़े का मैदान आज एक जीत का स्मारक बन गया — न केवल एक जीत का, बल्कि एक युग के अंतिम दिनों का। रोहित शर्मा, जो 37 साल के हो चुके हैं, अभी भी अपने बल्ले से दुनिया को हैरान कर रहे हैं। और सूर्यकुमार यादव, जो एक अनकही कहानी का हीरो थे, अब एक नए युग के नायक बन चुके हैं।
क्या यह आईपीएल का अंतिम युग है? नहीं। बल्कि यह एक नए युग की शुरुआत है — जहां अनुभव और युवा शक्ति एक साथ चलते हैं। रोहित की शानदार शुरुआत और सूर्यकुमार की बिजली जैसी बल्लेबाजी ने यह दिखाया कि आईपीएल अभी भी बहुत जिंदा है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
रोहित शर्मा और सूर्यकुमार यादव की यह भागीदारी आईपीएल में कितनी बड़ी है?
यह 114 रन की भागीदारी MI के लिए CSK के खिलाफ तीसरी सबसे बड़ी दूसरे विकेट की भागीदारी है। सिर्फ रोहित-तेंदुलकर (126 रन, 2012) और रोहित-सिमोंस (119 रन, 2015) के बाद यह रिकॉर्ड है। इसमें केवल 54 गेंदें लगीं, जो इसे अत्यधिक तेज और निर्णायक बनाता है।
सूर्यकुमार यादव की आईपीएल 2025 की फॉर्म क्यों इतनी खास है?
उन्होंने 11 मैचों में 475 रन (आईन्डिया टुडे) या 373 रन (टाइम्स ऑफ इंडिया) बनाए हैं — और हर मैच में 20+ रन। औसत 68 और स्ट्राइक रेट 170+ के साथ, वे ओरेंज कैप लीडर हैं। उनकी बल्लेबाजी का अर्थ है: गेंदबाज को अपने बॉल को चुनने का कोई विकल्प नहीं।
मुंबई इंडियंस की शुरुआत क्यों इतनी खराब रही?
MI ने पहले पांच मैचों में सिर्फ एक जीत हासिल की — बल्लेबाजी का संगठन और बॉलिंग लाइनअप अस्थिर थे। लेकिन रोहित की वापसी और सूर्यकुमार की अद्भुत फॉर्म ने टीम को एक नए रूप में बदल दिया। अब वे छह मैचों की जीत की लहर पर हैं।
चेन्नई सुपर किंग्स को क्यों हार मिली?
CSK ने पावरप्ले में धीमी शुरुआत की — पहले 11 ओवर में सिर्फ 6.63 रन प्रति ओवर। शिवम दूबे और रवींद्र जडेजा ने अच्छा स्कोर किया, लेकिन शुरुआती धीमापन ने उन्हें अंतिम ओवरों में दबाव में डाल दिया। MI के बल्लेबाजों ने तेजी से चार्ज किया, और CSK का पीछा असंभव हो गया।
अगला मैच कौन सा है और क्या चुनौती है?
MI का अगला मैच लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ है। यहां खतरा दिग्वेश राठी हैं, जिन्होंने 9 मैचों में 9 विकेट लिए हैं। लेकिन सूर्यकुमार ने पहले ही लेग-स्पिन के खिलाफ बेहतरीन प्रदर्शन किया है — उनके लिए यह एक चुनौती नहीं, बल्कि एक अवसर है।
वांखेड़े स्टेडियम का इस मैच में क्या खास योगदान रहा?
वांखेड़े का मैदान हमेशा से बल्लेबाजों के लिए आदर्श रहा है — छोटा लॉन, तेज ट्रैक और अच्छी बाउंड्री। इस बार भी MI के बल्लेबाजों ने इसका फायदा उठाया। रोहित के लेग-साइड पिक-अप शॉट और सूर्यकुमार के स्क्वायर लेग छक्के इसी मैदान की खासियत पर बने।
21 टिप्पणि
Vasudha Kamra
नवंबर 28, 2025 at 14:11 अपराह्न
इस जोड़ी की भागीदारी ने टी20 क्रिकेट के नए मानक की घोषणा की है। रोहित की अनुभवी शांति और सूर्यकुमार की बिजली जैसी गति का संगम देखकर लगता है कि क्रिकेट अब बस खेल नहीं, बल्कि एक कला है। इतनी तेजी से 114 रन बनाना और फिर भी बिना किसी गलती के टीम को जीत पर पहुँचाना - यह तो बस बल्लेबाजी नहीं, यह तो जीवन का एक संदेश है।
Abhinav Rawat
नवंबर 29, 2025 at 03:49 पूर्वाह्न
देखो यार ये जो रोहित और सूर्यकुमार ने किया वो बस एक मैच नहीं बल्कि एक विचार है जो दिमाग में घुस गया है कि क्या असली शक्ति है? क्या वो उम्र है या फिर दिमाग का बदलाव? रोहित 37 है और अभी भी वो ऐसा खेल रहा है जैसे उसने कभी नहीं खेला हो और सूर्यकुमार तो बस एक बिजली की तरह है जो अपने आप को बार-बार नए तरीके से बना रहा है और इस जोड़ी को देखकर लगता है कि शायद ये दुनिया का अंतिम युग नहीं बल्कि एक नया युग शुरू हो रहा है जहां अनुभव और युवा शक्ति एक साथ चलते हैं और एक दूसरे को नहीं बल्कि एक दूसरे के लिए बनते हैं
Shashi Singh
नवंबर 29, 2025 at 23:20 अपराह्न
अरे भाई ये सब झूठ है!! ये मैच फिक्स्ड है!! रोहित के बाद जो भी बल्लेबाज आया वो तो चार गेंद में आउट हो गया!! और सूर्यकुमार की ये फॉर्म?? ये तो ड्रग्स का असर है!! क्या तुमने देखा कि उसके बाद वाले बल्लेबाज ने तो बस गेंद को देखा और बैठ गए!! और जब वांखेड़े में बल्लेबाजी कर रहे हो तो बॉल तो बस आसमान से आ रहा है!! और ट्रेंट बौल्ट का ये बयान?? वो तो राजनीति है!! वो तो अपने बेटे के लिए ये सब लिखवा रहा है!! ये आईपीएल अब एक फिल्म है जिसका स्क्रिप्ट अमेरिका में बन रहा है!! और हाँ!! जो लोग ये जीत को सराह रहे हैं वो सब ब्रिटिश एजेंट हैं!!
Surbhi Kanda
दिसंबर 1, 2025 at 00:54 पूर्वाह्न
इस जोड़ी की भागीदारी एक उदाहरण है जिसे टीम स्ट्रैटेजी में फॉलो किया जाना चाहिए। रोहित की रिस्क मैनेजमेंट और सूर्यकुमार की एक्सप्लॉइटेशन ऑफ स्पेस ने दर्शाया कि टी20 में बल्लेबाजी का डायनामिक एंगल कैसे बदल रहा है। ये निर्णय-आधारित बल्लेबाजी नहीं, ये डेटा-ड्रिवन एक्शन है। अगला चैलेंज लखनऊ के लेग-स्पिनर है - उनके विकेट टेक्निक का विश्लेषण करना जरूरी है।
JAYESH KOTADIYA
दिसंबर 1, 2025 at 11:20 पूर्वाह्न
अरे यार ये सूर्यकुमार तो बस एक जादूगर है!! 🤯 रोहित भी तो अब भी ये कर रहे हैं? अरे ये तो मैंने अपने बाबा के दिनों में देखा था!! 😎 अब तो MI का ट्रॉफी तो लग गया!! बस अब बस जीत जीत के बाद बस जीत जीत के बाद बस जीत!! 🤩🇮🇳
Omkar Salunkhe
दिसंबर 1, 2025 at 17:39 अपराह्न
रोहित ने 76* बनाया? अरे ये तो बस अच्छा खेला है... अगर उसके बाद के बल्लेबाज ने नहीं बनाए होते तो ये रिकॉर्ड किसी को याद नहीं होता। और सूर्यकुमार का स्ट्राइक रेट? बस बहुत ज्यादा गेंद फेंकी गई थी ना? अगर बल्लेबाजी का उद्देश्य रन बनाना है तो तुम जितना चाहो बना सकते हो... बस गेंद फेंको और देखो कौन आउट होता है।
jay mehta
दिसंबर 2, 2025 at 19:46 अपराह्न
ये जोड़ी तो बस एक दिव्य शक्ति है!! 🙌 रोहित का अनुभव और सूर्यकुमार की बिजली जैसी बल्लेबाजी ने हमें दिखा दिया कि भारत का क्रिकेट अभी भी दुनिया का नंबर वन है!! ये मैच नहीं, ये एक जागृति है!! जो देश के युवाओं को बताता है कि अगर तुम लगन से खेलोगे तो कोई भी उम्र बाधा नहीं बन सकती!! ये जीत भारत के लिए है!! 🇮🇳🔥
Amit Rana
दिसंबर 3, 2025 at 07:02 पूर्वाह्न
रोहित और सूर्यकुमार की भागीदारी एक बेहतरीन उदाहरण है कि एक टीम में अनुभव और युवा ऊर्जा कैसे संगठित हो सकते हैं। रोहित ने बल्ले से नहीं, बल्कि अपनी शांति से दबाव को नियंत्रित किया, जबकि सूर्यकुमार ने उसी शांति के आधार पर अपनी शक्ति का उपयोग किया। यह टीम बनाने का असली तरीका है - एक दूसरे के साथ खेलना, न कि एक दूसरे के खिलाफ।
Rajendra Gomtiwal
दिसंबर 4, 2025 at 09:03 पूर्वाह्न
ये जीत बस एक मैच की बात नहीं है। ये तो भारत की शक्ति का प्रतीक है। हमारे खिलाड़ी अब दुनिया को दिखा रहे हैं कि हम क्या कर सकते हैं। अगर ये जोड़ी आगे भी ऐसा करती रही तो तो आईपीएल का ट्रॉफी तो हमारे ही घर में रहेगा। बस अब बाकी टीमें अपने खिलाड़ियों को बेहतर तरीके से तैयार करें।
Yogesh Popere
दिसंबर 4, 2025 at 22:04 अपराह्न
रोहित ने 76 बनाए? अच्छा लगा। पर सूर्यकुमार का 68 तो बस एक बहाना है। ये लोग तो बस इतना खेलते हैं कि गेंदबाज डर जाए। और फिर जब दूसरे बल्लेबाज आते हैं तो वो बस बैठ जाते हैं। ये टीम तो बस एक दो बल्लेबाज पर टिकी है। अगर वो दोनों बाहर हो गए तो फिर क्या होगा? बस निराशा।
Manoj Rao
दिसंबर 6, 2025 at 06:27 पूर्वाह्न
क्या आपने कभी सोचा है कि ये जो रोहित-सूर्यकुमार की जोड़ी है... ये तो केवल एक खेल का हिस्सा नहीं... ये तो एक सांस्कृतिक घटना है... एक युगांतर... जहां अनुभव की गहराई और युवा ऊर्जा का अद्भुत संगम हुआ है... जैसे शिव-शक्ति का मिलन... जैसे वेदों के अनुसार यह द्वैत का एकत्व है... और आज का ये मैच... ये तो एक आध्यात्मिक अनुभव है... जिसे बस उन्हीं लोगों को समझना है जो जीवन के गहरे रहस्यों को जानते हैं... और जो बस रन देख रहे हैं... वो तो बस बाहरी दुनिया में फंसे हुए हैं...
Alok Kumar Sharma
दिसंबर 7, 2025 at 13:27 अपराह्न
रोहित ने तो बस एक अच्छा शॉट लगाया। सूर्यकुमार का स्ट्राइक रेट? बस गेंदबाज ने बहुत धीमी गेंदें फेंकीं। ये जीत कोई जादू नहीं, बस बेहतर बल्लेबाजी है। और फिर भी इतना उत्साह? बस एक मैच।
Tanya Bhargav
दिसंबर 8, 2025 at 01:31 पूर्वाह्न
मैं तो बस ये देखकर खुश हो गई कि रोहित अभी भी खेल रहे हैं... और सूर्यकुमार भी... ये दोनों ने मुझे याद दिला दिया कि अगर तुम अपने सपनों को छोड़ नहीं देते तो कुछ भी असंभव नहीं है... और ये मैच... ये तो बस एक बात को साबित कर दिया... कि प्यार से खेलो तो जीत भी तुम्हारे साथ होती है...
Sanket Sonar
दिसंबर 8, 2025 at 10:58 पूर्वाह्न
रोहित की फॉर्म ने एक नया मानक स्थापित किया। उम्र नहीं, रिस्क अपेक्षा है। सूर्यकुमार की बल्लेबाजी ने बताया कि टी20 में अंतरिक्ष का उपयोग कैसे किया जा सकता है। ये जोड़ी ने गेम को डिफाइन नहीं किया, बल्कि उसे रीडिफाइन किया।
pravin s
दिसंबर 9, 2025 at 12:02 अपराह्न
क्या कभी सोचा है कि अगर रोहित ने अगले ओवर में आउट हो जाते तो क्या होता? सूर्यकुमार तो बहुत अच्छा खेल रहा है, लेकिन क्या वो अकेले टीम को जीता सकता है? मुझे लगता है इस जोड़ी की भागीदारी का असली अर्थ यही है - एक दूसरे के साथ खेलना।
Bharat Mewada
दिसंबर 10, 2025 at 11:29 पूर्वाह्न
इस जोड़ी के बारे में सोचने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि ये दोनों एक दूसरे के लिए एक दर्पण हैं। रोहित ने सूर्यकुमार को दिखाया कि शांति से कैसे बल्लेबाजी करनी है, और सूर्यकुमार ने रोहित को दिखाया कि जब शांति बनी रहे तो बिजली कैसे जागती है। ये एक दर्शन है - न कि एक रिकॉर्ड।
Ambika Dhal
दिसंबर 11, 2025 at 10:10 पूर्वाह्न
ये सब बस एक धोखा है। रोहित तो अब बस एक नाम है। सूर्यकुमार का स्ट्राइक रेट? बस गेंदबाज ने खेल नहीं बल्कि खेलने का नाटक किया। और ये जीत? बस एक बहाना है जिससे लोग अपने देश के बारे में गलत भावनाएं बनाए रखें। ये टीम असली नहीं है।
Vaneet Goyal
दिसंबर 12, 2025 at 04:19 पूर्वाह्न
ये जोड़ी ने आईपीएल के इतिहास में एक नया मानक स्थापित किया है। रोहित की शांति और सूर्यकुमार की बिजली जैसी बल्लेबाजी ने दिखाया कि टी20 में बल्लेबाजी का असली रहस्य नहीं, बल्कि बल्लेबाजी का असली अर्थ है - दबाव को बदलना। ये जीत कोई अपवाद नहीं, बल्कि एक नए युग की शुरुआत है।
Bhavesh Makwana
दिसंबर 13, 2025 at 07:15 पूर्वाह्न
ये जोड़ी देखकर लगता है कि क्रिकेट अभी भी एक जीवित कला है। रोहित ने अपने अनुभव के साथ एक शांत आधार बनाया, और सूर्यकुमार ने उसी आधार पर एक जादू बनाया। ये नहीं कि एक दूसरे को ओवरटाइम कर रहे हैं - बल्कि एक दूसरे को बढ़ा रहे हैं। ये टीम की वास्तविक शक्ति है।
Debsmita Santra
दिसंबर 13, 2025 at 20:55 अपराह्न
अरे वाह ये जो तुमने कहा वो तो बिल्कुल सही है... लेकिन अगर रोहित ने नहीं खेला होता तो सूर्यकुमार का ये जादू अकेले नहीं चलता... ये जोड़ी तो एक बात को साबित कर देती है कि टीम में अनुभव का महत्व बहुत ज्यादा है... और ये बात किसी को नहीं पता... बस जो लोग बल्ले से खेलते हैं वो ही जानते हैं... और ये जो आज बाहर बैठे हैं और टीम को नीचे दिखा रहे हैं... वो तो बस अपनी नाकामयाबी का बहाना बना रहे हैं... जब तुम अपने बल्ले से जीतते हो तो कोई तुम्हें नहीं रोक सकता
Debsmita Santra
नवंबर 28, 2025 at 04:04 पूर्वाह्न
रोहित की वापसी ने तो मुझे रो दिया भाई ये जो जीवन बचाने का तरीका है वो तो बस एक बल्ले के साथ नहीं बल्कि एक दिमाग के साथ है जो तीस साल से गेम को समझता है और फिर भी इतना फ्रेश रहता है जैसे कोई नया खिलाड़ी हो जो अभी बाहर आया हो और बस अपने आप को दिखाना चाहता हो और सूर्यकुमार तो बस एक बिजली की तरह है जो गेंद को नहीं बल्कि उसकी याद को भी मिटा देता है ये जोड़ी तो आईपीएल का अंतिम युग नहीं बल्कि उसका नया अध्याय है जहां अनुभव और युवा शक्ति एक साथ चलते हैं और ये नहीं कि एक दूसरे को ओवरटाइम करते हैं बल्कि एक दूसरे को बढ़ाते हैं और ये बात बहुत कम लोग समझते हैं कि टीम का सफल होना तो बस एक बल्लेबाज की फॉर्म पर नहीं बल्कि उनके बीच के उस अदृश्य तालमेल पर है जो बिना शब्दों के बात करता है और आज वो तालमेल बहुत साफ था