रामोजी राव: मीडिया जगत के क्रांतिकारी और ईटीवी नेटवर्क के अध्यक्ष का 87 वर्ष की आयु में निधन

रामोजी राव: एक मीडिया की दिग्गज हस्ती का सफ़र

भारतीय मीडिया और फिल्म उद्योग के महानायक रामोजी राव का 87 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। वे हैदराबाद के एक अस्पताल में भर्ती थे जहां उनकी उच्च रक्तचाप और साँस लेने में असुविधा के कारण उनकी मृत्यु हो गई। उनके निधन ने मीडिया और फिल्म जगत को गहरा सदमा पहुँचा दिया है।

रामोजी ग्रुप और ईटीवी नेटवर्क के संस्थापक

रामोजी राव भारतीय मीडिया और मनोरंजन उद्योग का एक महत्वपूर्ण नाम थे। रामोजी ग्रुप ऑफ कंपनीज़ और ईटीवी नेटवर्क के संस्थापक और अध्यक्ष के रूप में उन्होंने मीडिया की दुनिया में एक नई क्रांति लाई। उनके कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई नए चैनल्स और मीडिया प्लैटफॉर्म्स की स्थापना की, जिनमें ईटीवी नेटवर्क के विभिन्न क्षेत्रीय चैनल्स शामिल थे। यह नेटवर्क आज भी भारतीय मीडिया के महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक है।

रामोजी ग्रुप के तहत उन्होंने फिल्म निर्माण और वितरण में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने उषाकिरण मूवीज के माध्यम से कई जाने-माने फिल्मों का निर्माण किया, जो राष्ट्रीय और फिल्मफेयर पुरस्कारों से नवाजी गईं।

रामोजी फिल्म सिटी: भारतीय सिनेमा का हृदय

रामोजी राव ने सिर्फ मीडिया ही नहीं, बल्कि फिल्म उद्योग में भी उल्लेखनीय योगदान दिया। रामोजी फिल्म सिटी, जो विश्व की सबसे बड़ी फिल्म सिटी में से एक है, का स्थापना उन्हीं के द्वारा हुआ था। यह फिल्म सिटी हज़ारों फिल्में और टीवी शो निर्माताओं के लिए एक प्रमुख स्थल बन गई है। इसके अलावा, कई पर्यटकों के लिए भी यह आकर्षण का केंद्र है।

प्रधानमंत्री की संवेदना और प्रशंसा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामोजी राव के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया और उन्हें एक दूरद्रष्टा बताते हुए भारतीय मीडिया में क्रांति लाने वाला शख्सियत कहा। मोदी ने उनके योगदान को याद करते हुए कहा कि रामोजी राव ने भारतीय मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र को नई ऊंचाईयों पर पहुँचाया।

भाजपा नेता ग किशन रेड्डी ने भी दी श्रद्धांजलि

वरिष्ठ भाजपा नेता ग किशन रेड्डी ने भी उनकी मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया और कहा कि रामोजी राव ने तेलुगू मीडिया और पत्रकारिता में अभूतपूर्व योगदान दिया है। उनके इस योगदान को सदैव याद रखा जाएगा।

अनुकरणीय पुरस्कार और सम्मान

अनुकरणीय पुरस्कार और सम्मान

रामोजी राव को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए अनेक पुरस्कारों से नवाजा गया था। 2016 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था, जो भारत का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है। यह पुरस्कार उन्हें मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र में उनके अनमोल योगदान के लिए प्रदान किया गया था।

फिल्म उद्योग में प्रमुख योगदान

रामोजी राव सिर्फ मीडिया ही नहीं, बल्कि फिल्म उद्योग में भी एक प्रमुख शख्सियत थे। उन्होंने कई ऐसी फिल्में बनाई जो भारतीय सिनेमा के इतिहास में मील का पत्थर साबित हुईं। उनकी फिल्में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित हुईं।

रामोजी राव की धरोहर

रामोजी राव की धरोहर

रामोजी राव ने अपने जीवनकाल में जो धरोहर छोड़ी है, वह मात्र उनकी कंपनियों तक सीमित नहीं है, बल्कि उनके नवाचार और दूरदृष्टि ने भारतीय मीडिया और फिल्म उद्योग को एक नया आयाम दिया। उनकी मौत को न सिर्फ उनके परिवार और कर्मचारियों, बल्कि पूरे देश के मीडिया और फिल्म समुदाय ने व्यक्तिगत क्षति के रूप में महसूस किया है।

रामोजी राव का योगदान हमेशा याद रखा जाएगा और वे आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत रहेंगे। उनकी कहानी हमें यह सिखाती है कि कैसे एक शख्स की दृष्टि और मेहनत से कोई भी उद्योग नई ऊंचाईयों को छू सकता है।

10 टिप्पणि

Nithya ramani
Nithya ramani

जून 9, 2024 at 05:40 पूर्वाह्न

रामोजी राव जी ने जो किया, वो कोई आम इंसान नहीं कर सकता था। उनकी मेहनत ने हमारे तेलुगू घरों को टीवी के माध्यम से जोड़ दिया। उनकी याद हमेशा जिंदा रहेगी।

Dinesh Kumar
Dinesh Kumar

जून 10, 2024 at 07:28 पूर्वाह्न

वाह!! एक आदमी ने बस एक फिल्म सिटी बनाकर भारत के सिनेमा का इतिहास बदल दिया! रामोजी फिल्म सिटी? ये तो एक जीवित अद्भुत है-हर रोज़ हज़ारों कलाकार वहाँ काम करते हैं! उनकी आत्मा को शांति मिले!

Sanjay Gandhi
Sanjay Gandhi

जून 11, 2024 at 06:32 पूर्वाह्न

मैं बचपन में रामोजी फिल्म सिटी का टूर करने गया था... वहाँ का वातावरण ऐसा था जैसे किसी फिल्म के अंदर घुस गया हो। उनकी नज़र ने सिर्फ टीवी नहीं, बल्कि हमारे सपनों को भी बनाया। श्रद्धांजलि।

Srujana Oruganti
Srujana Oruganti

जून 11, 2024 at 11:15 पूर्वाह्न

इतना सब कुछ किया और फिर भी पद्म विभूषण मिला? अब तो लोग बिना कुछ किए भी पद्म पाते हैं। ये सब फैक्ट्स तो हर कोई जानता है।

fatima mohsen
fatima mohsen

जून 13, 2024 at 03:15 पूर्वाह्न

इस देश में जो असली देशभक्त हैं, वो अपने देश की भाषा और संस्कृति को बचाते हैं। रामोजी राव ने तेलुगू फिल्मों को राष्ट्रीय स्तर पर लाया। ये वो आदमी थे जिन्होंने अपनी ज़मीन को नहीं बेचा। 🙏

Pranav s
Pranav s

जून 14, 2024 at 05:12 पूर्वाह्न

पद्म विभूषण मिला तो बहुत अच्छा... par kya unhone kabhi kisi small time filmmaker ko support kiya? Sab apne company ke liye hi karte the.

Ali Zeeshan Javed
Ali Zeeshan Javed

जून 14, 2024 at 15:13 अपराह्न

मैं बिहार से हूँ, लेकिन मेरी बहन तेलुगू फिल्में देखती थीं। रामोजी राव ने भारत के हर कोने को एक साथ लाया। उनकी याद को अपने बच्चों को बताऊंगा। वो सिर्फ एक उद्यमी नहीं, एक संस्कृति के रक्षक थे।

Žééshañ Khan
Žééshañ Khan

जून 15, 2024 at 20:36 अपराह्न

उनके निधन के समय देश के सर्वोच्च सम्मानों की घोषणा होनी चाहिए थी। यह एक ऐसा व्यक्ति था जिसकी दृष्टि ने राष्ट्रीय इमेज को बदल दिया। उनके लिए राष्ट्रीय श्रद्धांजलि अनिवार्य है।

ritesh srivastav
ritesh srivastav

जून 17, 2024 at 05:44 पूर्वाह्न

हर कोई उनकी तारीफ कर रहा है... लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि उन्होंने छोटे निर्माताओं को दबोचा था? ये सब बड़े बाज़ार की चाल है।

sumit dhamija
sumit dhamija

जून 17, 2024 at 14:39 अपराह्न

रामोजी राव जी के जीवन का संदेश स्पष्ट है: दृढ़ता, नवाचार और सांस्कृतिक गरिमा के साथ काम करना। उनके निर्माण की विरासत अभी भी जीवित है। उनकी यादों को सम्मान देना हमारा कर्तव्य है।

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