पेरिस ओलंपिक 2024 में विनेश फोगाट के रजत पदक का फैसला 16 अगस्त तक स्थगित

पेरिस ओलंपिक 2024 में विनेश फोगाट की रजत पदक की अपील का निर्णय स्थगित

पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय पहलवान विनेश फोगाट की रजत पदक की अपील का निर्णय 16 अगस्त 2024 तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। विनेश फोगाट ने महिला 50 किलोग्राम वर्ग में कांस्य पदक हासिल किया, लेकिन उन्होंने यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) के फैसले के खिलाफ अपील की है क्योंकि उन्हें रजत पदक से वंचित कर दिया गया।

अपील का कारण

अपने सेमीफाइनल मैच में तुर्की की पहलवान इविन डेमिर्हान के खिलाफ जीत के बाद, विनेश फोगाट ने महसूस किया कि स्कोरिंग में गलती हुई थी, जिससे उन्हें रजत पदक नहीं मिल सका। उन्होंने तुरंत UWW के सामने अपनी अपील दायर की। पहले यह सुनवाई 14 अगस्त को होनी थी, लेकिन प्रक्रियात्मक कारणों के चलते इसे 16 अगस्त तक स्थगित कर दिया गया।

विनेश फोगाट का कहना है कि उनके सेमीफाइनल मैच में एक महत्वपूर्ण निर्णायक क्षण था, जब उन्हें अंकों से वंचित किया गया था। यह मुद्दा केवल स्कोरिंग की तकनीकीता तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक खिलाड़ी के करियर और उसकी मेहनत का सवाल है।

UWW का दृष्टिकोण

UWW ने फोगाट की अपील को स्वीकार कर लिया है और कहा है कि वे मैच के फुटेज और स्कोरिंग की समीक्षा करेंगे। संगठन ने यह भी स्पष्ट किया कि वे निष्पक्ष और न्यायसंगत निर्णय लेने के लिए प्रत्याशित हो रहे हैं, जो सभी पहलवानों के हित में होगा।

भारतीय समुदाय का समर्थन

विनेश फोगाट की यह अपील भारतीय समुदाय में काफी ध्यान आकर्षित कर रही है। अनेक लोग और खेल प्रेमी उनके समर्थन में आगे आये हैं, और उन्हें सही न्याय मिलने की उम्मीद कर रहे हैं। यह कदम न केवल फोगाट के करियर के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि युवा खिलाड़ियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन सकता है।

भविष्य पर प्रभाव

विनेश फोगाट की इस अपील का परिणाम उनके भविष्य के लिए निर्णायक साबित हो सकता है। अगर फैसला उनके पक्ष में आता है तो यह न केवल उनके करियर में बड़ी उपलब्धि होगी, बल्कि भारतीय कुश्ती के लिए भी गर्व की बात होगी। अगर फैसला अनुकूल नहीं आता है, तब भी फोगाट की इस लड़ाई ने खेल जगत में विवादास्पद स्कोरिंग के मुद्दे पर ध्यान आकर्षित किया है और भविष्य में ऐसी गलतियों से बचने के लिए एक मिसाल कायम की जाएगी।

अब सभी की निगाहें 16 अगस्त पर टिकी हैं, जब UWW अंतिम फैसला सुनाएगा। यह देखना होगा कि फोगाट को रजत पदक मिलेगा या नहीं, लेकिन एक बात तो तय है कि उन्होंने अपनी लड़ाई बिल्कुल सही दिशा में लड़ी है और यह उनके साहस और दृढ़ता का प्रतीक है।

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