कंगना रनौत के विवादित बयान
मंडी की भाजपा सांसद कंगना रनौत ने अपने हालिया इंटरव्यू में किसानों के आंदोलन पर तीखा बयान दिया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि किसान आंदोलन के दौरान 'बलात्कार, हत्याएं' और अन्य गंभीर अपराध हुए हैं। इसके साथ ही, उन्होंने आंदोलन की तुलना बांग्लादेश जैसे अराजकता के हालात से की और आरोप लगाया कि चीन और अमेरिका जैसे बाहरी देश इस आंदोलन की आड़ में भारत को अस्थिर करने की साजिश रच रहे हैं।
किसान संगठनों की तीखी प्रतिक्रिया
कंगना के इस बयान पर किसान संगठनों और विपक्षी पार्टियों की तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली है। किसान संगठनों का कहना है कि कंगना ने यह बयान किसी साजिश के तहत दिया है ताकि किसान आंदोलन को बदनाम किया जा सके। उन्होंने जांच की मांग की है कि कहीं कंगना अपनी आगामी फिल्म का प्रचार करने के लिए तो ऐसा नहीं कर रही हैं।
बीजेपी का रुख
कंगना के बयान के बाद भाजपा ने भी अपनी दूरी बनाते हुए स्पष्ट किया कि कंगना का ये बयान पार्टी का दृष्टिकोण नहीं है। पार्टी ने उन्हें भविष्य में इस प्रकार के बयान न देने की हिदायत दी है। भाजपा ने अपने प्रतिबद्धता और सामाजिक समरसता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है।
विपक्ष की मांग
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी सहित विपक्षी नेताओं ने कंगना के बयान की कड़ी निंदा की है और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। कुछ नेताओं ने तो यहां तक कह दिया है कि कंगना के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।
कंगना का विवादित रिकॉर्ड
यह पहली बार नहीं है जब कंगना किसान आंदोलन को लेकर विवादों में आईं हैं। पिछले साल भी उन्होंने किसान आंदोलन में शामिल महिलाओं पर यह आरोप लगाया था कि उन्हें पैसे देकर लाया गया है। इसके साथ ही, उन्होंने गलती से एक वृद्ध महिला को शाहीन बाग की बिलकिस बानो समझ लिया था, जिससे उनका अभिनेता-सिंगर दिलजीत दोसांझ के साथ जोरदार बहस भी हो गया था।
क्या होगा आगे?
कंगना के इस बयान के बाद अब देखना यह है कि क्या उनके खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई होती है या नहीं। साथ ही, यह देखना भी दिलचस्प होगा कि भाजपा भविष्य में उनके बयानों पर क्या रुख अपनाती है। बहरहाल, यह विवाद कंगना और किसान आंदोलन के बीच एक नई कड़ी जोड़ता है।
निष्कर्ष
कंगना रनौत के बयान ने किसान आंदोलन पर एक नया विवाद खड़ा कर दिया है, जिससे किसान संगठनों, भाजपा और विपक्षी पार्टियों के बीच गहमागहमी देखने को मिल रही है। अब यह देखना बाकी है कि इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होगी और क्या इससे किसान आंदोलन पर कोई असर पड़ेगा।
10 टिप्पणि
Sanjay Gandhi
अगस्त 29, 2024 at 22:09 अपराह्न
अरे भाई ये तो बिल्कुल राजनीति का खेल है! जब तक किसान आंदोलन बंद नहीं हो जाता, तब तक ये लोग उन्हें बदनाम करने की कोशिश करते रहेंगे। चीन-अमेरिका की बात करना तो बस ध्यान भटकाने की चाल है।
Srujana Oruganti
अगस्त 30, 2024 at 13:04 अपराह्न
बस एक बार इंटरव्यू देख लेती तो बात समझ आ जाती।
fatima mohsen
अगस्त 31, 2024 at 14:16 अपराह्न
ये बयान बिल्कुल सही है! जिन्होंने भारत की आत्मा को बेच दिया, उनकी जान लेनी चाहिए! और जो लोग इनका समर्थन करते हैं, वो देशद्रोही हैं! 😡🇮🇳
Pranav s
सितंबर 2, 2024 at 01:49 पूर्वाह्न
कंगना बहुत बोलती है पर सच बोलती नहीं, फिल्म के लिए बोल रही है।
Ali Zeeshan Javed
सितंबर 2, 2024 at 13:15 अपराह्न
मैं तो इस बारे में बहुत सोचता हूँ कि क्या हम अपने देश के अंदर एक दूसरे के खिलाफ लड़ रहे हैं? किसानों के बारे में गलत बातें करने से क्या फायदा? वो भी इंसान हैं, जिन्होंने अपनी जिंदगी खेतों में गुजारी है। हमें उनके साथ खड़े होना चाहिए, न कि उनकी बदनामी करना।
Žééshañ Khan
सितंबर 4, 2024 at 10:00 पूर्वाह्न
इस प्रकार के बयानों को राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से देखा जाना चाहिए। अन्यथा यह विकृति देश की सामाजिक संरचना को विघटित कर सकती है। विशेषज्ञों की सलाह लेना आवश्यक है।
ritesh srivastav
सितंबर 5, 2024 at 19:24 अपराह्न
कंगना ने सच बोल दिया। जो लोग उसका विरोध कर रहे हैं, वो सब बाहरी शक्तियों के नौकर हैं। किसान आंदोलन एक विदेशी साजिश है। जो इसे समर्थन दे रहा है, वो देश का दुश्मन है।
sumit dhamija
सितंबर 7, 2024 at 08:11 पूर्वाह्न
अगर बयान गलत हैं, तो कानून के तहत जांच होनी चाहिए। अगर सच हैं, तो आंदोलन के नेता जवाब दें। दोनों ही स्थितियों में न्याय का रास्ता अपनाया जाना चाहिए।
Aditya Ingale
सितंबर 7, 2024 at 13:54 अपराह्न
ये बहस तो बस लोगों को बाँटने के लिए है। असली बात ये है कि हमारे किसान भूखे हैं, उनके बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे, और हम यहाँ कंगना के बयान पर लड़ रहे हैं। दोस्तों, असली दुश्मन वो है जो इन सब बहसों को बढ़ावा दे रहा है।
Dinesh Kumar
अगस्त 28, 2024 at 15:20 अपराह्न
ये कंगना तो हर बार नए विवाद खड़े करती है! फिल्म का प्रमोशन चल रहा है, तो किसानों के नाम पर झूठे आरोप लगाने लगी! बस एक बार गाँव जाकर देख लेती अगर उसकी आँखें खुलनी हैं।