इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉर्पोरेशन (IRFC) ने वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही के लिए अपने वित्तीय परिणाम घोषित किए हैं। कंपनी ने इस दौरान अपने नेट प्रॉफिट में 34% की सालाना वृद्धि दर्ज की है। चौथी तिमाही में IRFC का शुद्ध लाभ 1,043 करोड़ रुपये रहा, जबकि इसी अवधि में कुल आय 6,478 करोड़ रुपये रही।
31 मार्च 2024 तक कंपनी की लोन बुक 13% बढ़कर 2,91,225 करोड़ रुपये हो गई। इस तिमाही में IRFC की प्रति शेयर आय (EPS) 2.35 रुपये रही। कंपनी के निदेशक मंडल ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए शेयरधारकों के अनुमोदन के अधीन 1.22 रुपये प्रति इक्विटी शेयर के लाभांश की सिफारिश की है।
IRFC भारतीय रेलवे की एक समर्पित वित्तपोषण शाखा है, जो इसके आधुनिकीकरण और विस्तार परियोजनाओं के लिए वित्तीय संसाधन जुटाने के लिए जिम्मेदार है। कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन स्थिर रहा है, जो भारतीय रेलवे के बुनियादी ढांचे और आधुनिकीकरण में निवेश की वृद्धि को दर्शाता है।
IRFC की वित्तीय स्थिति मजबूत
IRFC के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक ने कहा कि कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन मजबूत रहा है और यह भारतीय रेलवे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उन्होंने कहा, "हम भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण और विस्तार के लिए वित्तीय संसाधन जुटाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारा मजबूत वित्तीय प्रदर्शन हमारी इस प्रतिबद्धता को दर्शाता है।"
उन्होंने आगे कहा कि IRFC भारतीय रेलवे के साथ मिलकर काम करना जारी रखेगा और देश के विकास में योगदान देगा। कंपनी भारतीय रेलवे के लिए धन जुटाने के नए तरीके तलाशने और उनका विस्तार करने पर ध्यान केंद्रित करेगी।
IRFC की भूमिका अहम
IRFC भारतीय रेलवे के लिए एक महत्वपूर्ण संस्था है। यह रेलवे के विकास और आधुनिकीकरण के लिए वित्तीय संसाधन जुटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। IRFC द्वारा जुटाए गए धन का उपयोग नई रेल लाइनों के निर्माण, मौजूदा लाइनों के विद्युतीकरण, नई ट्रेनों की खरीद और स्टेशनों के आधुनिकीकरण जैसी परियोजनाओं के लिए किया जाता है।
IRFC की स्थापना 1986 में हुई थी और तब से यह भारतीय रेलवे के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। कंपनी बाजार से धन जुटाती है और उसे भारतीय रेलवे को उधार देती है। इससे भारतीय रेलवे को अपनी विकास परियोजनाओं के लिए पर्याप्त धन मिल जाता है।
भविष्य की योजनाएं
IRFC भविष्य में भी भारतीय रेलवे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। कंपनी ने अगले कुछ वर्षों में अपनी लोन बुक को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए कंपनी बाजार से और अधिक धन जुटाएगी और भारतीय रेलवे की विकास परियोजनाओं में निवेश करेगी।
IRFC की योजना भारतीय रेलवे के साथ मिलकर काम करते हुए उसके विकास और आधुनिकीकरण में योगदान देने की है। कंपनी नई तकनीकों और नवाचारों का उपयोग करके भारतीय रेलवे को और अधिक कुशल और आधुनिक बनाने में मदद करेगी।
निष्कर्ष
IRFC का वित्तीय प्रदर्शन मजबूत रहा है और यह भारतीय रेलवे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। कंपनी की योजना अगले कुछ वर्षों में अपनी लोन बुक को दोगुना करने और भारतीय रेलवे की विकास परियोजनाओं में निवेश करने की है। IRFC भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण और विस्तार के लिए वित्तीय संसाधन जुटाने के लिए प्रतिबद्ध है और आने वाले वर्षों में भी इस दिशा में काम करती रहेगी।
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