ईरान ने इजराइल के हमले की कड़ी निंदा की
ईरान ने इजराइल द्वारा यमन के हौथी-नियंत्रित होदेदा बंदरगाह पर किए गए हवाई हमले की कड़ी निंदा की है। इस हमले में छह लोगों की जान चली गई और दर्जनों घायल हो गए। यह हवाई हमला हौथी विद्रोहियों द्वारा तेल अवीव पर किए गए घातक ड्रोन हमले के प्रत्युत्तर में किया गया था, जिसमें एक नागरिक की मौत हो गई थी।
ईरानी स्पोक्सपर्सन का बयान
ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनानी ने इस हमले को 'बच्चे मारने वाले इजराइली शासन के आक्रामक व्यवहार का प्रदर्शन' बताया। उनका कहना था कि इजराइल और उसके समर्थक, जिनमें अमेरिका भी शामिल है, गाज़ा में हो रहे अपराधों और यमन पर हमलों के खतरनाक और अप्रत्याशित परिणामों के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं।
हौथी विद्रोहियों की प्रतिक्रिया
हौथी विद्रोहियों ने इजराइल को 'भारी' प्रतिशोध की धमकी दी है। क्षेत्र में तनाव तब से भड़के हुए हैं जब से अक्टूबर में इजराइल-हमास के बीच युद्ध की शुरुआत हुई है। इस युद्ध में ईरान समर्थित उग्रवादी गुट सीरिया, लेबनान, इराक और यमन से भी जुड़े हो सकते हैं।
इजराइल-हमास युद्ध की वजह से बढ़े तनाव
इजराइल ने हमास को नष्ट करने की कसम खाई है, खासकर जब उसके लड़ाकों ने अक्टूबर 7 को हुए हमले में 1,200 लोगों की हत्या कर दी और लगभग 250 लोगों को बंधक बना लिया। हमास द्वारा संचालित गाज़ा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इजराइल के हमले के बाद से करीब 39,000 फिलीस्तीनी मारे जा चुके हैं। जबकि इजराइल का अनुमान है कि मृतकों की संख्या लगभग 30,000 है, जिनमें से अधिकांश लड़ाके थे।
ईरान का समर्थन और उसकी स्थिति
इस्लामिक गणराज्य ने इन गुटों के प्रति अपना समर्थन दोहराया है, लेकिन जोर दिया कि ये गुट अपने निर्णयों और कार्यों में स्वतंत्र हैं।
हालांकि, परिस्थिति जितनी भी गंभीर हो, क्षेत्रीय सुरक्षा और शांति बनाए रखने के प्रयास जारी रहेंगे। ऐसे विवादों में निर्दोष जीवन का नुकसान हमेशा दुखद होता है और हर देश को समझदारी और संयम के साथ कार्य करना चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भूमिका
संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस मामले में हस्तक्षेप कर त्वरित और ठोस समाधान खोजने की दिशा में प्रयासरत रहना चाहिए। बातचीत और समझौते के माध्यम से ही इस प्रकार के हिंसात्मक कार्रवाइयों को रोका जा सकता है और क्षेत्र में स्थायी शांति स्थापित की जा सकती है।
मानवीय संकट और सहायता
इस पूरे घटनाक्रम ने यमन और गाज़ा में मानवीय संकट को और गहरा कर दिया है। मासूम नागरिकों के साथ-साथ सैनिक भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय संगठनों को सहायता और राहत कार्यों में तीव्रता लानी होगी।
समग्र रूप से, यमन का होदेदा बंदरगाह एक बेहद अहम बंदरगाह है, जिसका उपयोग महत्वपूर्ण सामग्रियों की आपूर्ति के लिए होता है। ऐसे में यहां पर किसी भी प्रकार की हिंसात्मक गतिविधि का असर स्थानीय नागरिकों के जीवन पर भी पड़ता है।
भविष्य की राह
ऐसे विवादास्पद और संवेदनशील मुद्दों का समाधान निकालना आसान नहीं होता, लेकिन यह आवश्यक है कि सभी संबंधित पक्ष संयम और समझदारी के साथ इस दिशा में कदम बढ़ाएं। उम्मीद की जानी चाहिए कि आने वाले समय में बातचीत और शांतिपूर्ण उपायों के माध्यम से स्थायी समाधान निकाला जा सकेगा।
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