आईपीएल में प्लेऑफ की रेस में टीमों पर बड़ा झटका
आखिरी समय में बदलाव, वो भी तब जब टीमें प्लेऑफ की रेस में हों, किसी भी टूर्नामेंट की चमक फीकी कर सकता है। कुछ ऐसा ही हुआ है आईपीएल 2025 में, जहां IPL 2025 के अहम मुकाबलों के ऐन पहले आठ साउथ अफ्रीकी खिलाड़ियों को टूर्नामेंट छोड़कर अपने देश लौटना होगा। वजह है – विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) फाइनल। बीसीसीआई ने सभी फ्रेंचाइजियों को आदेश दिया है कि 26 मई तक इन खिलाड़ियों को रिलीज करें ताकि वे 11 जून को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाले डब्ल्यूटीसी फाइनल की तैयारी कर सकें।
प्लेऑफ के लिए संघर्ष कर रही टीमों पर इसका गहरा असर दिखेगा। मुंबई इंडियंस, गुजरात टाइटन्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु जैसी टीमें अपने कुछ मुख्य खिलाड़ियों के बिना अपने आखिरी मुकाबले और संभावित प्लेऑफ खेलने उतरेंगी। इनमें कगिसो रबाडा (गुजरात), मार्को जेनसन (पंजाब किंग्स), ट्रिस्टन स्टब्स (दिल्ली कैपिटल्स), कोरबिन बॉश (मुंबई इंडियंस), रयान रिकेलटन (मुंबई इंडियंस), लुंगी एनगिडी (आरसीबी), एडेन मार्करम (लखनऊ सुपर जायंट्स), और वियान मुल्डर (सनराइजर्स हैदराबाद) जैसे नाम शामिल हैं।
टीमों की रणनीति पर असर और आगे की चुनौतियां
मुंबई इंडियंस की बात करें तो विकेटकीपिंग और बैटिंग में योगदान देने वाले रयान रिकेलटन और आलराउंडर कोरबिन बॉश की गैरमौजूदगी सीधे टीम की परफॉर्मेंस को प्रभावित करेगी। टीम पूरे टूर्नामेंट में बैटिंग लाइनअप पर निर्भर रही थी और अब दोनों खिलाड़ियों के बाहर होने से कॉम्बिनेशन बिगड़ना तय है।
गुजरात टाइटन्स के लिए यह फैसला और बड़ा झटका है। कगिसो रबाडा टूर्नामेंट के सबसे उम्दा तेज गेंदबाजों में से एक हैं और उनकी विकेट लेने की क्षमता गुजरात को कई मैच जितवा चुकी है। उनके जाने के बाद डैथ ओवर्स में नई रणनीति बनानी होगी।
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु वैसे भी अपनी बॉलिंग को लेकर परेशान रही है, ऐसे में लुंगी एनगिडी की गैरमौजूदगी उनके लिए डबल टेंशन बन सकती है। पंजाब किंग्स की ताकत मार्को जेनसन के ऊपर बहुत हद तक टिकी रही है, खासकर उनकी स्विंग गेंदबाजी और अंतिम ओवर्स में उम्मीद से बढ़कर परफॉर्मेंस। दिल्ली कैपिटल्स की मिडिल ऑर्डर में ट्रिस्टन स्टब्स का योगदान कमाल का रहा है, उनके जाने से टीम की बल्लेबाजी और फील्डिंग दोनों कमजोर पड़ेंगी।
हालांकि, सनराइजर्स हैदराबाद पहले ही टूर्नामेंट से बाहर हो चुकी है लेकिन बाकी टीमें अब मजबूरी में अपने बैकअप खिलाड़ियों को मौका देंगी। लखनऊ सुपर जायंट्स की किस्मत प्लेऑफ की रेस पर टिकी है—अगर वे क्वालिफाई नहीं कर सके तो एडेन मार्करम को जल्दी रिलीज किया जा सकता है।
ऐसा पहली बार नहीं है कि इंटरनेशनल कमिटमेंट की वजह से आईपीएल शेड्यूल एडजस्ट करना पड़ा है, मगर इस बार मामला प्लेऑफ के नजदीक का है। ये सीधे तौर पर टीम के संतुलन पर असर डालता दिख रहा है। खिलाड़ियों के लिए भी सैलरी पर असर पड़ेगा क्योंकि बीसीसीआई के प्रावधान के तहत जितने मैच नहीं खेलेंगे, उतने का पैसा कटेगा—यानी प्रो-राटा सैलरी सेटलमेंट।
इन स्थितियों में सभी फ्रेंचाइजी अपने रणनीतिकारों के साथ नए कॉम्बिनेशन और बैकअप तैयार कर रहे हैं। अब देखना यही है कि कौन सी टीम, इस मुश्किल हालात से बचकर सही समय पर अपनी रणनीति को लागू करती है और प्लेऑफ में मजबूती से उतरती है।
20 टिप्पणि
Vinay Vadgama
मई 25, 2025 at 00:54 पूर्वाह्न
इस निर्णय को समझना जरूरी है। विश्व टेस्ट चैंपियनशिप एक ऐतिहासिक प्रतियोगिता है, और भारत के लिए इसका फाइनल खेलना एक गौरव का मुद्दा है। आईपीएल तो बिजनेस है, लेकिन राष्ट्रीय प्रतिष्ठा नहीं बेची जा सकती।
Pushkar Goswamy
मई 25, 2025 at 16:37 अपराह्न
अरे भाई, ये सब तो बस एक बड़ा नाटक है। जब तक भारत के खिलाड़ी टेस्ट में नहीं खेलेंगे, तब तक वो दुनिया के लिए अधूरे हैं। आईपीएल तो बस एक बड़ा शो है, जहां लोग बिना बुद्धि के खेलते हैं।
Abhinav Dang
मई 27, 2025 at 12:00 अपराह्न
इस स्थिति में टीमों को एक नए रणनीतिक फ्रेमवर्क की आवश्यकता है। बैकअप प्लेयर्स के डेवलपमेंट पर जोर देना होगा, वरना इंटरनेशनल कॉमिटमेंट्स के कारण हमेशा टीम्स असंतुलित रहेंगी।
krishna poudel
मई 27, 2025 at 16:26 अपराह्न
सुनो यार, ये सब तो बस बीसीसीआई का झूठ है। अगर वो असली भारतीय खिलाड़ियों को बढ़ावा देते तो आईपीएल में इतने विदेशी नहीं होते। अब ये सब खिलाड़ी भारत के लिए खेल रहे हैं, लेकिन अपने देश के लिए नहीं।
Anila Kathi
मई 28, 2025 at 10:55 पूर्वाह्न
अरे यार, ये तो बस एक बड़ा बदशगुन है। आईपीएल का मजा ही नहीं रह गया। अब तो लगता है जैसे किसी ने हमारे खेल का दिल निकाल दिया हो। 😔
vasanth kumar
मई 30, 2025 at 06:55 पूर्वाह्न
हमारे देश में टेस्ट क्रिकेट को बहुत अहमियत दी जाती है, लेकिन आईपीएल भी एक अलग धरोहर है। दोनों के बीच संतुलन बनाना जरूरी है, नहीं तो एक तरफ खिलाड़ी थक जाएंगे, दूसरी तरफ फैंस नाराज।
Andalib Ansari
मई 30, 2025 at 09:36 पूर्वाह्न
क्या हम वाकई यह सोच रहे हैं कि क्रिकेट एक खेल है या एक व्यापार? जब हम खिलाड़ियों को दो अलग दुनियाओं के बीच फंसा रहे हैं, तो क्या हम उनकी इंसानियत को भूल रहे हैं? क्या यही हमारी प्रगति है?
Pooja Shree.k
मई 30, 2025 at 10:20 पूर्वाह्न
ये सब बहुत बुरा है... बहुत बुरा है... बहुत बुरा है... बहुत बुरा है... बहुत बुरा है... बहुत बुरा है...
Akshay Srivastava
मई 31, 2025 at 23:38 अपराह्न
ये फैसला बिल्कुल गलत है। आईपीएल के लिए खिलाड़ियों को बुलाया गया था, अब उन्हें बाहर कर देना एक अपमान है। ये निर्णय न सिर्फ टीमों को नुकसान पहुंचाएगा, बल्कि खिलाड़ियों के विश्वास को भी तोड़ देगा।
Amar Khan
जून 2, 2025 at 20:06 अपराह्न
मुझे लगता है ये सब बस एक बड़ा बहाना है... मुझे नहीं पता कि ये फैसला किसके लिए है... मुझे नहीं पता कि ये लोग क्या सोच रहे हैं... मुझे नहीं पता कि ये टीमें कैसे बचेंगी... मुझे नहीं पता कि ये खिलाड़ी कैसे महसूस कर रहे हैं...
Roopa Shankar
जून 4, 2025 at 19:42 अपराह्न
हर टीम को अपने बैकअप खिलाड़ियों को भरोसा करना चाहिए। ये मौका उनके लिए भी है। बस एक बार अपने अंदर की आत्मा को जगाओ, बाकी सब खुद हो जाएगा।
shivesh mankar
जून 5, 2025 at 20:15 अपराह्न
ये बदलाव टीमों के लिए एक नया अवसर भी हो सकता है। जब बड़े खिलाड़ी नहीं होंगे, तो नए नाम उभरेंगे। शायद यहीं से भारत का अगला बड़ा खिलाड़ी निकले।
avi Abutbul
जून 5, 2025 at 21:25 अपराह्न
अगर बीसीसीआई ने इन खिलाड़ियों को बाहर करने का फैसला किया है, तो उन्हें बर्बरी का नाम देना चाहिए। ये टूर्नामेंट तो अब बस एक शो बन गया है।
Hardik Shah
जून 6, 2025 at 18:34 अपराह्न
ये सब तो बस बीसीसीआई की लापरवाही है। आईपीएल का नाम तो भारतीय क्रिकेट का है, लेकिन अब ये एक अंग्रेजी शो बन गया है।
manisha karlupia
जून 6, 2025 at 19:34 अपराह्न
मुझे लगता है कि ये सब एक बड़ा सवाल है... क्या हम खिलाड़ियों को अपने देश के लिए खेलने के लिए बाध्य कर रहे हैं? या फिर हम उनकी जिंदगी को अपने लाभ के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं?
vikram singh
जून 7, 2025 at 21:49 अपराह्न
ये तो बस एक बड़ा बहाना है! जब तक भारतीय खिलाड़ियों को नहीं बढ़ावा दिया जाएगा, तब तक ये सब बस एक नाटक है। ये दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ी तो बस अपनी जेब भर रहे हैं, भारत के लिए नहीं!
balamurugan kcetmca
जून 9, 2025 at 10:50 पूर्वाह्न
इस स्थिति में फ्रेंचाइजी को अपने लंबे समय के रणनीतिक योजना के आधार पर बैकअप प्लेयर्स के डेवलपमेंट पर निरंतर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों के अनुसार खिलाड़ियों की उपलब्धता अनिश्चित होती है, और इसके लिए एक टीम को लचीला और बहुआयामी होना चाहिए ताकि वह अपने अंतर्निहित स्रोतों के आधार पर अपनी प्रदर्शन गुणवत्ता को बनाए रख सके।
Arpit Jain
जून 10, 2025 at 08:04 पूर्वाह्न
अरे यार, ये तो बस बीसीसीआई का एक बड़ा धोखा है। आईपीएल का मतलब ही बदल गया है। अब ये टेस्ट के लिए एक ट्रेनिंग ग्राउंड बन गया है।
Karan Raval
जून 11, 2025 at 16:54 अपराह्न
हर खिलाड़ी को अपना मौका मिलना चाहिए। ये बदलाव नए तालिम पाए खिलाड़ियों के लिए एक नया दरवाजा खोल सकता है।
Karan Kundra
मई 24, 2025 at 01:05 पूर्वाह्न
ये सब तो बस बीसीसीआई की बेकार की नीति है। आईपीएल का मौका छीनकर टेस्ट के लिए भेज देना? ये खिलाड़ी तो आईपीएल में अपनी जिंदगी बदल चुके हैं। टेस्ट तो अभी भी एक बूढ़े का खेल है।