हिज़्बुल्लाह के नेता हसन नसरल्लाह की इस्राइली हवाई हमले में मौत की पुष्टि

हिज़्बुल्लाह के नेता हसन नसरल्लाह की मौत की पुष्टि

28 सितंबर, 2024 को हिज़्बुल्लाह ने पुष्टि की कि उसके नेता हसन नसरल्लाह की इस्राइली हवाई हमले में मौत हो गई। यह हमला बीरुत, लेबनान के दक्षिणी उपनगर डाहिये में हुआ था, जो हिज़्बुल्लाह का गढ़ माना जाता है। इस्राइली सेना ने भी नसरल्लाह की मौत की पुष्टि की, और इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस घटना पर प्रतिक्रिया दी।

इस्राइली हवाई हमले की वजह

इस्राइल द्वारा हिज़्बुल्लाह के खिलाफ यह अभियान एक व्यापक ऑपरेशन का हिस्सा था, जिसमें हिज़्बुल्लाह के ठिकानों को निशाना बनाया गया था। हमले के माध्यम से इस्राइल ने हिज़्बुल्लाह के मिसाइल बलों के कमांडर मुहम्मद इस्माइल और उनके डिप्टी हुसैन अहमद इस्माइल को भी मार दिया।

लेबनीज स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इस हमले में छह लोग मारे गए और 91 लोग घायल हुए। इस्राइली सेना ने बेका वैली में भी हिज़्बुल्लाह के ठिकानों को निशाना बनाया।

नेतन्याहू की संयुक्त राष्ट्र में प्रतिक्रिया

हमले से पहले, इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया और इस्राइल की स्थिति को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा, "जब तक हिज़्बुल्लाह युद्ध का रास्ता चुनता है, इस्राइल को अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कोई और विकल्प नहीं है।" उनके भाषण के दौरान कई प्रतिनिधि हॉल से बाहर चले गए और इसके बाद नेतन्याहू ने अपनी न्यूयॉर्क यात्रा को संक्षिप्त करके इस्राइल लौटने का निर्णय लिया।

हमले के परिणाम

इन हमलों के बाद डाहिये में भारी जान-माल की हानि हुई। इस्राइली हवाई हमले के बाद से 700 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोगों को अपने घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है। लोग अब बीरुत के केंद्रीय चौकों, पार्कों और तटीय क्षेत्रों में इकट्ठा हो रहे हैं।

शुरुआती रिपोर्टों में हसन नसरल्लाह की हालत को लेकर विभिन्न अटकलें लगाई जा रही थीं। कुछ सूत्रों ने कहा था कि नसरल्लाह जीवित हैं या उनको खोजा नहीं जा सका है। लेकिन हिज़्बुल्लाह की पुष्टि और इस्राइली सेना के बयान के बाद यह स्पष्ट हो गया कि नसरल्लाह वाकई में इस हवाई हमले में मारे गए हैं।

लेबनीज जनता की प्रतिक्रिया

इस्राइली हमलों के चलते लेबानीज जनता में गहरा आक्रोश है। यहां के लोग काफी समय से अस्थिरता का सामना कर रहे हैं और इस हमले ने उनके दुःख और गुस्से को और बढ़ा दिया है। कई परिवारों ने अपने घर छोड़ दिए हैं और वे अस्थायी राहत शिविरों में रह रहे हैं। लोगों के दिलों में भय और असमंजस का माहौल है।

इस घटनाक्रम के परिणामस्वरूप, लेबनान में सुरक्षा स्थिति और खराब हो गई है। लोग अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं और भविष्य को लेकर अनिश्चितता महसूस कर रहे हैं। बीरुत में अलग-अलग स्थानों पर लोग धरना प्रदर्शन कर रहे हैं और पूरे देश में आक्रोश की लहर दौड़ गई है।

इस घटना का अंतरराष्ट्रीय प्रभाव

इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान भी आकर्षित किया है। कई राष्ट्रों ने इस्राइल और हिज़्बुल्लाह के बीच चल रहे संघर्ष पर चिंता व्यक्त की है। इस्राइल के इन हमलों की व्यापक निंदा हो रही है और इस्राइली-लेबनीज सीमा पर तनाव बढ़ता जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने इस मामले को शांति से सुलझाने का आह्वान किया है।

इस बीच, इस्राइल भी अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त कदम उठा रहा है। इस्राइली सेना ने अपनी सीमाओं पर सुरक्षा को मजबूत कर दिया है और संभावित हमलों का मुकाबला करने के लिए तैयारियां तेज कर दी हैं।

आगे की स्थिति

आगे की स्थिति

इस घटना के बाद, यह देखना होगा कि हिज़्बुल्लाह कैसे प्रतिक्रिया करेगा। हिज़्बुल्लाह के नेता की मौत ने संगठन को कमजोर कर दिया है, लेकिन इस संगठन का प्रतिशोध लेने का इतिहास रहा है। आने वाले दिनों में इस्राइल-लेबनान सीमा पर तनाव और बढ़ सकता है।

नसरल्लाह की मौत के बाद हिज़्बुल्लाह के नेतृत्व में बदलाव आ सकता है और इस संगठन का भविष्य क्या होगा, यह देखने वाली बात होगी। लेबनान और इस्राइल के बीच यह संघर्ष समाप्त होता दिखाई नहीं दे रहा है और स्थिति और भी चिंताजनक हो सकती है।

13 टिप्पणि

Sita De savona
Sita De savona

सितंबर 30, 2024 at 08:36 पूर्वाह्न

ये सब तो बस धुंधला दर्शन है जब तक कोई असली शांति नहीं आती

Rahul Kumar
Rahul Kumar

अक्तूबर 2, 2024 at 02:21 पूर्वाह्न

kya bhai ye sab khel abhi bhi chal raha hai? sab kuchh toh phir se shuru ho jayega

shubham jain
shubham jain

अक्तूबर 2, 2024 at 03:43 पूर्वाह्न

Nasrallah ka antim samay ek strategic victory hai Israel ke liye.

shivam sharma
shivam sharma

अक्तूबर 2, 2024 at 18:01 अपराह्न

achha hua khatam ho gaya woh dushman ab israel ke liye koi dar nahi

fatima mohsen
fatima mohsen

अक्तूबर 3, 2024 at 07:59 पूर्वाह्न

ये सब तो बस शांति के नाम पर अत्याचार है। लेबनान के बच्चे अब भी घर छोड़ रहे हैं।

Prathamesh Potnis
Prathamesh Potnis

अक्तूबर 5, 2024 at 05:56 पूर्वाह्न

हमें यह भी समझना चाहिए कि इस संघर्ष में आम लोगों की जिंदगी कैसे बिगड़ रही है। कोई भी नेता नहीं बचा सकता जब बम गिरते हैं।

anil kumar
anil kumar

अक्तूबर 5, 2024 at 15:15 अपराह्न

इतिहास में हर एक शक्ति का अंत एक नए शक्ति के उदय से होता है। नसरल्लाह की मौत केवल एक नेता का नुकसान नहीं, बल्कि एक विचार का अंत है। अब देखना होगा कि कौन इस खाली स्थान पर खड़ा होगा।

Dinesh Kumar
Dinesh Kumar

अक्तूबर 6, 2024 at 02:47 पूर्वाह्न

अरे भाई! ये तो बस शुरुआत है! अब तो बड़ी बात होगी! लेबनान के अंदर ही आग लग जाएगी! इस्राइल के लिए ये तो बस एक बूंद थी!

Sanjay Gandhi
Sanjay Gandhi

अक्तूबर 7, 2024 at 12:03 अपराह्न

क्या आपने कभी सोचा कि अगर ये हमले हमारे देश में होते तो क्या होता? क्या हम भी इसी तरह अपने नेताओं को खो देते?

Shreya Prasad
Shreya Prasad

अक्तूबर 7, 2024 at 22:05 अपराह्न

इस घटना के बाद लेबनान में नेतृत्व का अंतराल होगा। इस समय शांति की ओर बढ़ने का समय है, न कि बदला लेने का।

Nithya ramani
Nithya ramani

अक्तूबर 8, 2024 at 09:37 पूर्वाह्न

हर एक जान जो गई, वो किसी की बेटी, बेटा, माँ, पिता है। ये सिर्फ खबर नहीं, जीवन हैं।

GITA Grupo de Investigação do Treinamento Psicofísico do Atuante
GITA Grupo de Investigação do Treinamento Psicofísico do Atuante

अक्तूबर 9, 2024 at 20:45 अपराह्न

वास्तव में, यदि हम इस्राइल की नीति को अंतरराष्ट्रीय कानून के आधार पर आंकें, तो इसकी कार्रवाई अवैध है, भले ही यह राजनीतिक रूप से स्वीकार्य हो।

Srujana Oruganti
Srujana Oruganti

अक्तूबर 10, 2024 at 18:27 अपराह्न

फिर से यही बात... बस देखो कि कौन अगला नेता बनेगा।

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