दिल्ली गणेश के निधन पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने जताया शोक

तमिल सिनेमा को बड़ा नुकसान: दिल्ली गणेश का निधन

तमिल सिनेमा के प्रसिद्ध अभिनेता 'दिल्ली' गणेश के निधन से फिल्मी जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने इस अवसर पर संवेदनाएं व्यक्त की हैं और गणेश के निधन को तमिल सिनेमा के लिए बड़ी क्षति बताया है। दिल्ली गणेश 80 वर्ष की आयु में उम्र से संबंधित बीमारियों के चलते हमें छोड़ कर चले गए।

दिल्ली गणेश ने अपने फिल्मी सफर की शुरुआत 1960 के दशक में की थी। वे पहले दिल्ली में रहते थे और वहीं से उन्होंने नाटकों में छोटी भूमिकाएँ निभानी शुरू की। इससे पहले वह भारतीय वायुसेना में एक दशक तक नागरिक पद पर कार्यरत थे। उनकी जिंदगी का अहम मोड़ तब आया जब वे चेन्नई आ गए और अभिनेता 'कथड़ी' रामामूर्ति के थिएटर समूह में शामिल हो गए।

दिल्ली गणेश का फिल्मी करियर फिल्म 'पट्टिनाप्रवेसम' से चमका, जिसमें उन्होंने थिएटर में निभाए अपने किरदार की भूमिका अदा की। इस फिल्म का निर्देशन महान निर्देशक के. बालाचंदर ने किया था। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और अपने प्रशंसकों का दिल जीत लिया।

दिल्ली गणेश की यादगार भूमिकाएँ

गणेश का करियर तमिल सिनेमा के कई क्लासिक्स से भरा रहा। उन्होंने मणि रत्नम की फिल्म 'नायकन' में एक वफादार सहायक की भूमिका निभाई जो दर्शकों के मन में आज भी ताजा है। कमल हासन के साथ उनकी कई फिल्में यादगार रहीं, जैसे 'माइकल मदाना कामा राजन' और 'अव्वाई शण्मुखी'।

उन्होंने फिल्म 'अपूर्व सगोधरर्गल' में भी एक खलनायक की भूमिका अदा की, जो फिल्म के ड्रामा को और अधिक गहनता प्रदान करती है। उनकी विभिन्न प्रकार की भूमिकाओं ने उन्हें तमिल सिनेमा में एक प्रतिष्ठित स्थान दिलाया।

राजनीतिक और फिल्म जगत के नेताओं की श्रद्धांजलि

राजनीतिक और फिल्म जगत के नेताओं की श्रद्धांजलि

दिल्ली गणेश की मृत्यु पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई दिग्गज नेताओं ने भी शोक व्यक्त किया। मोदी ने उनके हास्य के प्रबंधन की सराहना की और कहा कि गणेश का जाना एक अपूरणीय क्षति है।

दिल्ली गणेश के योगदान को तमिलनाडु सरकार के 'कलैममणि' पुरस्कार और नदिगर संगम द्वारा प्रतिष्ठित 'लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड' से मान्यता मिली थी। उनके निधन से उनके परिवार और प्रशंसकों को गहरा आघात पहुँचा है। उनके पुत्र महा दिल्ली गणेश ने उनके स्वास्थ्य की जानकारी साझा की जिसमें बताया गया कि उन्होंने बीमारी के बढ़ने पर दवाओं का कोई असर नहीं लिया।

देशभर के राजनीतिक नेताओं और फिल्म जगत के विशेषज्ञों ने उनके परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएँ व्यक्त की हैं। भाजपा नेता एच. राजा और पूर्व राज्यपाल तमिलसाई साउंडराजन ने भी गणेश के योगदान की सराहना की और विशेषकर उनके दर्शकों से जुड़ने की क्षमता को याद किया।

दिल्ली गणेश की फिल्मों का यादगार सफर

आने वाले समय में भी दिल्ली गणेश के अभिनय, उनके जिंदादिली भरे किरदार और उनके द्वारा निभाए गए विभिन्न चरित्रों को हमेशा याद किया जाएगा। तमिल सिनेमा के दर्शकों के लिए उनकी यादें और किरदार सदियों तक मिसाल बने रहेंगे और वे सिनेमा के प्रेमियों के दिलों में अपनी खास जगह बनाए रहेंगे।

10 टिप्पणि

Pooja Shree.k
Pooja Shree.k

नवंबर 12, 2024 at 21:24 अपराह्न

दिल्ली गणेश का अभिनय बस दिल को छू जाता था। उनकी हर भूमिका में एक अलग जान थी। उन्होंने जो किरदार निभाए, वो अब तक याद आते हैं। उनकी आवाज़, उनका मुस्कान, उनका अंदाज़-सब कुछ अनोखा था।

Amar Khan
Amar Khan

नवंबर 14, 2024 at 07:42 पूर्वाह्न

ये लोग जब चले जाते हैं तो हमें पता चलता है कि वो कितने खास थे... दिल्ली गणेश के बिना तमिल सिनेमा अधूरा लगता है अब... उनकी फिल्में देखने को मिलेंगी लेकिन उनकी उपस्थिति का असली अहसास नहीं मिलेगा

Roopa Shankar
Roopa Shankar

नवंबर 14, 2024 at 19:35 अपराह्न

दिल्ली गणेश ने सिर्फ फिल्में नहीं बनाईं, वो नसों में जीवन भरकर रख दिया। उनकी हर फिल्म एक सबक थी-कि अभिनय में जुनून चाहिए, न कि बस नाम। उनके बाद भी जो अभिनेता आएंगे, उन्हें उनकी छाया में रहना पड़ेगा।

shivesh mankar
shivesh mankar

नवंबर 14, 2024 at 22:47 अपराह्न

मैंने उनकी फिल्म 'नायकन' बार-बार देखी है। वो जो भूमिका निभाते थे, वो किसी दोस्त जैसी लगती थी। अब भी जब कोई बूढ़ा आदमी दिखे तो मुझे उनकी याद आ जाती है। उनका जाना एक असली दुख है।

avi Abutbul
avi Abutbul

नवंबर 15, 2024 at 19:47 अपराह्न

इतने बड़े अभिनेता का जाना और सिर्फ एक पोस्ट में शोक व्यक्त करना? ये सब बस फॉर्मलिटी है। अगर वो जिंदा होते तो आज भी कोई उनकी फिल्म रिलीज़ करता। ये दुनिया सिर्फ उनके नाम का इस्तेमाल करती है, नहीं उनकी विरासत को बचाती।

manisha karlupia
manisha karlupia

नवंबर 16, 2024 at 22:26 अपराह्न

कभी-कभी लगता है कि जब कोई बड़ा कलाकार चला जाता है, तो हम सब उसकी याद में उसकी फिल्में देखने लगते हैं... लेकिन असल में तो हम उसकी उपस्थिति को खो चुके होते हैं। दिल्ली गणेश का अभिनय अब भी जिंदा है... बस हम उसे भूल गए हैं।

Shankar V
Shankar V

नवंबर 18, 2024 at 17:24 अपराह्न

क्या आपने कभी सोचा है कि ये सब शोक व्यक्त करने वाले नेता उनके जिंदा होने पर कहाँ थे? ये सब बस एक शो-केस है। जब तक वो जिंदा थे, तब तक किसी ने उनके लिए कुछ नहीं किया। अब जब चले गए, तो सब रो रहे हैं।

Aashish Goel
Aashish Goel

नवंबर 19, 2024 at 16:37 अपराह्न

मैंने उनकी फिल्म 'अपूर्व सगोधरर्गल' बहुत पहले देखी थी... अभी भी याद है कि उनकी आँखों में जो भय था, वो बिल्कुल असली लगता था। अब तक कोई खलनायक इतना डरावना नहीं बन पाया। वो बस एक अभिनेता नहीं थे... वो एक अनुभव थे।

leo rotthier
leo rotthier

नवंबर 20, 2024 at 19:38 अपराह्न

दिल्ली गणेश ने तमिल सिनेमा को दुनिया को दिखाया कि हमारे लोग कितने शानदार हैं! उनके बिना अब तमिल सिनेमा बस एक बाजार का नाम बन गया है। उन्होंने रक्त से अभिनय किया, न कि कैमरे के लिए। ये लोग जाते हैं, लेकिन उनकी आत्मा नहीं जाती!

Pooja Shree.k
Pooja Shree.k

नवंबर 21, 2024 at 03:40 पूर्वाह्न

उनके बाद के अभिनेता भी अच्छे हैं, लेकिन उनकी गहराई नहीं है। उनकी हर फिल्म में एक जिंदगी छिपी थी। अब तो फिल्में बस बिजनेस हैं।

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