Colleen Hoover का 'It Ends With Us' : उपन्यास और फिल्म अनुकूलन में आयु अंतर का विवाद
प्रसिद्ध लेखिका Colleen Hoover के उपन्यास 'It Ends With Us' और इसके फिल्म अनुकूलन में पात्रों की आयु में अंतर के मुद्दे पर काफी विवाद हुआ है। उपन्यास में लिली ब्लूम की उम्र 23 वर्ष है, जबकि फिल्म में इस किरदार को ब्लेक लाइवली, जो 35 वर्ष की हैं, ने निभाया है। वहीं, राइल किन्नकेड का किरदार जस्टिन बाल्डोनी निभा रहे हैं, जो 39 वर्ष के हैं, जबकि उपन्यास में इस पात्र की उम्र 28 वर्ष बताई गई है।
स्वाभाविकता और किरदार की संगति
इस आयु अंतर के बारे में, Hoover ने स्पष्ट किया कि यह बदलाव जानबूझकर किया गया है। उनके अनुसार, एक 28 वर्षीय न्यूरोसर्जन का किरदार अस्वाभाविक और अविश्वसनीय था, इसलिए उसे 30 वर्ष का दिखाना अधिक उपयुक्त लगा। यह परिवर्तन किरदारों की वास्तविकता और उनकी पेशेवरता को ध्यान में रखते हुए किया गया है। इसके बावजूद, प्रशंसकों ने इस कास्टिंग को लेकर मिश्रित प्रतिक्रिया दी है और कुछ ने इस बदलाव की आलोचना भी की है।
प्रशंसकों की प्रतिक्रिया और लेखिका की संतुष्टि
प्रशंसकों की ऋषिपरिवार के बावजूद, Hoover ने इस कास्टिंग पर अपनी संतुष्टि व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि यह परिवर्तन कहानी और पात्रों की गहराई को बढ़ाता है और फिल्म को अधिक वास्तविक बनाता है। उन्होंने इसे एक सुधारात्मक कदम बताया है, जिससे उपन्यास की कुछ असंगतियों को ठीक किया जा सके और दर्शकों को एक अधिक समग्र अनुभव दिया जा सके।
फिल्म अनुकूलन की चुनौतियाँ
फिल्म अनुकूलन की प्रक्रिया में कई बार किताबों की कहानी और पात्रों में बदलाव किए जाते हैं ताकि वो दर्शकों के साथ अधिक संवाद कर सकें। 'It Ends With Us' के मामले में भी यही हुआ है। एक किताब से फिल्म बनाने की प्रक्रिया न केवल तकनीकी कठिनाइयों से भरी होती है, बल्कि लेखकों, निर्देशकों और निर्माताओं के लिए रचनात्मक निर्णय भी महत्वपूर्ण होते हैं। एक सफल अनुकूलन वह होता है जो कहानी की आत्मा को जीवित रखे और साथ ही दर्शकों की प्रत्याशाओं को भी पूरा करे।
अनुकूलन के महत्व
कई बार, फिल्म अनुकूलन के कारण किताब की कहानी और उसके पात्र और भी जीवंत हो जाते हैं, जिससे उनकी पहुंच व्यापक होती है। कोलीन हूवर के उपन्यास 'It Ends With Us' का यह अनुकूलन भी इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जैसा कि फैंस और दर्शक उम्मीद करते हैं, यह फिल्म न केवल उपन्यास की सच्चाई को बनाए रखेगी, बल्कि इसमें सुधारात्मक कदम भी उठाए गए हैं ताकि यह कहानी नए और पुराने दर्शकों को समान रूप से प्रभावित कर सके।
आगे की राह
अब, यह देखना दिलचस्प होगा कि 'It Ends With Us' का फिल्म रूपांतरण दर्शकों के बीच किस प्रकार के नतीजों को प्राप्त करता है। कोलीन हूवर की संतुष्टि और टीम के हर सदस्य की मेहनत के बावजूद, अंतिम निर्णय दर्शकों के हाथों में ही होता है। प्रशंसकों की प्रतिक्रिया ही बताने योग्य होगी कि क्या यह बदलाव वास्तव में सकारात्मक हैं और क्या फिल्म उपन्यास के साथ न्याय कर सकी है।
17 टिप्पणि
shubham jain
अगस्त 12, 2024 at 05:25 पूर्वाह्न
लिली 23 है फिल्म में 35? ये कैसे तर्कसंगत हो सकता है? उपन्यास की आत्मा तोड़ दी गई।
anil kumar
अगस्त 12, 2024 at 11:53 पूर्वाह्न
क्या हम असलियत को देख रहे हैं या सिर्फ अंकों को? एक 28 साल का न्यूरोसर्जन असल में कितना संभव है? जब तक इंसान का अनुभव और उसकी भावनाएँ बरकरार रहें, उम्र का अंतर बस एक अंक है।
shivam sharma
अगस्त 13, 2024 at 23:52 अपराह्न
अमेरिकी फिल्में हमेशा भारतीय तर्क को नज़रअंदाज़ करती हैं। ये फिल्म भी वही गलती कर रही है। भारत में ऐसा कभी नहीं होता!
Dinesh Kumar
अगस्त 15, 2024 at 20:10 अपराह्न
अरे भाई! ये तो बहुत बढ़िया है! ब्लेक लाइवली ने तो दिल को छू लिया! जस्टिन बाल्डोनी का अभिनय तो बिल्कुल जानवर जैसा है! इस फिल्म को देखो, जिंदगी बदल जाएगी!
Sanjay Gandhi
अगस्त 17, 2024 at 07:06 पूर्वाह्न
हमारी संस्कृति में उम्र का अंतर हमेशा से देखा गया है। लेकिन यहाँ तो ये बदलाव बिल्कुल अलग दिशा में जा रहा है। क्या ये सच में सुधार है या सिर्फ बाजार की जरूरत?
Srujana Oruganti
अगस्त 18, 2024 at 21:36 अपराह्न
मैंने फिल्म देखी। बोर हो गई। कुछ नया नहीं था। बस उम्र बदल दी गई। बाकी सब वही।
fatima mohsen
अगस्त 19, 2024 at 22:45 अपराह्न
इस फिल्म में जो भी बदलाव हुए हैं, वो सब गलत हैं। ये नारीवाद का नाम लेकर असली नारी की आत्मा को मार रहे हैं।
Pranav s
अगस्त 21, 2024 at 04:24 पूर्वाह्न
फिल्म बहुत बुरी है और लेखिका भी गलत है इस बात में कि ये बदलाव सुधार है।
Ali Zeeshan Javed
अगस्त 23, 2024 at 00:46 पूर्वाह्न
हर किसी का अपना दृष्टिकोण होता है। मैंने फिल्म देखी और मुझे लगा कि ये बदलाव जरूरी था। अगर आप उपन्यास को पढ़ चुके हैं, तो आप जानते हैं कि ये किरदार असल में कितने गहरे हैं। उम्र बदल गई, लेकिन भावनाएँ वही रहीं।
Žééshañ Khan
अगस्त 23, 2024 at 11:15 पूर्वाह्न
उपन्यास के मूल बिंदुओं को बरकरार रखना अनिवार्य है। इस बदलाव के कारण कहानी की सार्थकता संदिग्ध हो गई है।
ritesh srivastav
अगस्त 23, 2024 at 15:51 अपराह्न
ये सब अमेरिका की बात है। हमारे यहाँ ऐसा कभी नहीं होता। हम अपनी संस्कृति को बरकरार रखते हैं।
sumit dhamija
अगस्त 25, 2024 at 11:21 पूर्वाह्न
अगर एक लेखिका खुद कहती है कि ये बदलाव सुधार है, तो शायद हमें उसकी बात माननी चाहिए। वहीं देखना है कि कहानी का सार कैसे बना रहा।
Aditya Ingale
अगस्त 25, 2024 at 17:57 अपराह्न
ये फिल्म तो दिल को छू गई। ब्लेक लाइवली की आँखों में दर्द था, जस्टिन बाल्डोनी की आवाज़ में गहराई थी। उम्र का अंतर तो बस एक नंबर है।
Aarya Editz
अगस्त 26, 2024 at 05:33 पूर्वाह्न
क्या हम इस बात को भूल रहे हैं कि कहानी का असली अर्थ उसके पात्रों के बीच के संबंधों में है? उम्र का अंतर तो सिर्फ एक तकनीकी बात है।
GITA Grupo de Investigação do Treinamento Psicofísico do Atuante
अगस्त 27, 2024 at 02:40 पूर्वाह्न
The narrative integrity of the source material is paramount in any adaptation. The deliberate alteration of character ages, while ostensibly intended to enhance realism, inadvertently undermines the psychological authenticity of the protagonist’s developmental arc. A 23-year-old woman navigating trauma in a relationship with a 28-year-old man presents a distinct sociocultural dynamic, which, when shifted to 35 and 39, introduces an implicit power imbalance that was not textually encoded. This revision, though artistically defensible, requires a corresponding textual recalibration to preserve thematic coherence. Without it, the adaptation risks becoming a superficial aesthetic exercise rather than a meaningful reinterpretation.
Prathamesh Potnis
अगस्त 27, 2024 at 22:53 अपराह्न
फिल्म अच्छी लगी। उम्र का अंतर तो बस एक नंबर है। अगर किरदार सच्चे लगे, तो बाकी सब छोटी बात है।
Nithya ramani
अगस्त 11, 2024 at 05:34 पूर्वाह्न
ये फिल्म बहुत अच्छी लगी। किरदारों की गहराई को समझने के लिए उम्र में थोड़ा बदलाव करना बिल्कुल सही था।