बाबर आज़म पर काला जादू का आरोप, सोशल मीडिया में वायरल वीडियो ने भड़का दी चर्चा

जब Babar Azam, पाकिस्तान के कप्तान और शीर्ष बल्लेबाज की निरंतर औसत गिरावट को लेकर फैन जनरल में अशांति छा गई, तब एक अनाम मौलाना ने इंस्टाग्राम पर "काला जादू" का दांव रख दिया। वीडियो में मौलाना ने कहा, "Babar Azam sahab ke upar nazrein bad bhi hai aur purani hai… aur jadu ke asraat bhi hain aur jadu ek kism ka nahi hai, kai kism ka hai," जिससे चर्चा के तीव्रता में इजाफा हुआ।

इस वीडियो को boy_style_4sahu_suhail नामक इंस्टाग्राम पेज ने शेयर किया, और जल्द ही इसे ट्विटर, फेसबुक और यूट्यूब पर भी पुनः प्रकाशित किया गया। एबीपी लाइव की रिपोर्ट के अनुसार, बाबर ने अपनी आखिरी 72 अंतर्राष्ट्रीय इन्गेजमेंट्स में एक भी शतक नहीं लगाया है, जिससे इस ‘जादू’ की कहानी को पंख मिल गये।

पृष्ठभूमि: बाबर आज़म की अस्थायी झटके

बाबर ने 2015 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखा और 2023 तक कई महाकाव्य शतक बना चुके हैं। फिर भी, 2022 के बाद से उनकी फ़ॉर्म में गिरावट स्पष्ट दिख रही है। विशेषकर 2023 के इंग्लैंड टूर में 45‑32‑28‑22 जैसी निराशाजनक श्रृंखला ने प्रशंसकों को हिला दिया। इस बीच, एशिया कप 2024पाकिस्तान का इंतज़ार है, जहाँ पाकिस्तान को जीत की उम्मीदें थीं, पर बाबर के प्रदर्शन के कारण चिंताएँ बढ़ गई हैं।

वायरल वीडियो में दी गई मुख्य बातें

इंटरव्यू में मौलाना ने स्पष्ट रूप से कहा, "हां काला जादू भी है" और दुआ की, "अल्ला पुक उन पर फ़ज़ल फ़रमाए और जल्द जादू ख़तम हो"। उन्होंने यह भी जोड़ दिया कि "जादू एक तरह का नहीं, कई तरह का है", जिससे कई सोशल‑मीडिया उपयोगकर्ताओं ने इस वीडियो को "बाबर की निराशा का वास्तविक कारण" मान लिया।

कुछ यूज़र ने तो भारतीय सितारे Virat Kohli को भी इस काले जादू के पीछे का कर्ता कहा। एक यूट्यूब क्लिप में कहा गया, "इंडियंस ने भी उस पर जादू किया होगा, ताकि वह नहीं चल सके और विराट ज्यादा चल सके।" यह आरोप तब उभरा जब विराट ने 2019‑2020 में लगातार 70+ औसत बनाए रखा, जबकि बाबर की औसत गिरती रही।

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) की प्रतिक्रिया

वीडियो के बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने आधिकारिक तौर पर कोई टिप्पणी नहीं की, पर कुछ अनाम स्रोतों ने कहा कि बाबर को अभी भी टोकियो 2026 के T20 विश्व कप की तैयारी में "कभी‑कभी नहीं" देखा गया है। चयन समिति में लगातार बदलाव, कोच और कप्तान के स्थानांतरण, और अब तक कोई स्थायी चीफ़ सिलेक्टर न होना, इन सब को मिलाकर बाबर की फ़ॉर्म गिरावट के पीछे के प्रमुख कारण माना जा रहा है।

फ़ैन और सोशल‑मीडिया की दो ध्रुवीय प्रतिक्रियाएँ

फ़ैन और सोशल‑मीडिया की दो ध्रुवीय प्रतिक्रियाएँ

इंस्टाग्राम और ट्विटर पर दो समूह उभरे। एक ओर, कई पाकिस्तानियों ने इस वीडियो को "सच्ची बात" कहा और जादू के ख़त्म होने की दुआ की। दूसरी ओर, युवा फ़ैन ने इसे "हास्यपूर्ण" माना और बाबर की तकनीकी त्रुटियों, जैसे टास्क‑ऑफ़़ फॉर्म, बॉलिंग प्लान में बदलाव, और टॉप ऑर्डर की अस्थिरता को अधिक प्राथमिकता दी।

विशेष रूप से, एक फ़ैन पेज ने वीडियो में उल्लेखित "कवर ड्राइव" को "काला जादू" के कारण कमज़ोर बताया, जबकि कई क्रिकेट विशेषज्ञ ने कहा कि बाबर की बैंटिंग टैक्टिक में समायोजन की जरूरत है, न कि अलौकिक हस्तक्षेप की।

भविष्य की दिशा: एशिया कप और 2026 T20 विश्व कप

एशिया कप में बाबर के प्रदर्शन को लेकर इतना ही नहीं, पूरे टीम चयन प्रक्रिया को भी सवालों का सामना करना पड़ेगा। यदि बाबर अपनी असंगत फ़ॉर्म को दूर नहीं कर पाते, तो PCB को एक नई रणनीति अपनानी पड़ेगी, संभवतः नए ओपनर या मध्यम क्रमांक के खिलाड़ी को अधिक अवसर देना पड़ेगा। 2026 के T20 विश्व कप की तैयारियों में भी इस बात का असर पड़ेगा कि बाबर को श्रेणी में वापस लाया जाए या नहीं।

कुल मिलाकर, वायरल वीडियो ने बाबर के करियर के एक कठिन दौर को एक नई चर्चा में ले आया - जहाँ धर्म, खेल, और राष्ट्रीय भावना आपस में जूझ रही हैं। इस बीच, बाबर खुद ने कोई औपचारिक बयान नहीं दिया, पर उनके सहकर्मियों ने कहा, "हमें बाबर पर विश्वास है, बस समय‑समय पर सही सपोर्ट चाहिए।"

विशेष रिपोर्ट: क्यों बाबर के बैटिंग स्लम्प को "जादू" कहा जा रहा है?

विशेष रिपोर्ट: क्यों बाबर के बैटिंग स्लम्प को "जादू" कहा जा रहा है?

  • पहला कारण: लगातार कोच बदलना – पिछले पाँच साल में चार अलग‑अलग हेड कोच रहे।
  • दूसरा कारण: टीम चयन में अस्थिरता – प्रमुख बॉलर और ऑल‑राउंडर के चयन में बार‑बार उलटफेर।
  • तीसरा कारण: टेक्निकल फॉल्ट – बाबर ने टॉप‑ऑफ़ बॉलों को अक्सर फ्लाइट‑एडजस्टमेंट की कमी से मिस किया।
  • चौथा कारण: मनोवैज्ञानिक दबाव – लगातार मीडिया में बाबर को "अधूरा सितारा" कहा जाना।

इन कारणों को देख कर कई विशेषज्ञ कहते हैं कि "जादू" की बजाय मैनेजमेंट में स्थिरता और बाबर को मानसिक समर्थन की जरूरत है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्या बाबर आज़म पर सच में काला जादू हुआ है?

वर्तमान में कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है जो यह सिद्ध करे कि बाबर पर जादू हुआ है। अधिकांश विशेषज्ञ इसे सामाजिक अफवाह मानते हैं और बाबर की तकनीकी समस्याओं को प्राथमिक कारण मानते हैं।

बाबर की फ़ॉर्म गिरावट के पीछे प्रमुख कारण क्या हैं?

कोचिंग स्टाफ में लगातार बदलाव, चयन में असंगतता, और बॉलर्स की नई स्ट्रेटेजी के साथ बाबर की तकनीकी अनुकूलन क्षमता कम होना प्रमुख कारण माने जा रहे हैं।

एशिया कप 2024 में बाबर आज़म को खेलने का मौका मिलेगा?

ऑफ़िशियल घोषणा अभी तक नहीं हुई है, पर PCB के अंदरूनी स्रोतों का कहना है कि बाबर को फ़ॉर्म सुधारने के बाद ही टोरंटो में मौका मिलेगा।

क्या विराट कोहली ने बाबर पर जादू किया है?

ऐसे कोई प्रमाण नहीं है। यह आरोप सोशल‑मीडिया के कुछ हिस्सों में मज़ाकिया स्वर में दिया गया था, और क्रिकेट विशेषज्ञ इसे आधारहीन मानते हैं।

भविष्य में बाबर आज़म के लिए क्या समाधान सुझाए जा रहे हैं?

विशेषज्ञों ने स्थिर कोचिंग स्टाफ, मनोवैज्ञानिक सपोर्ट, और बॉलिंग प्लान में स्पष्ट दिशा-निर्देश देने की सलाह दी है। साथ ही, बाबर को पिच परिस्थितियों के अनुसार अपने स्टेंस को एडजस्ट करने की जरूरत है।

9 टिप्पणि

s.v chauhan
s.v chauhan

अक्तूबर 12, 2025 at 23:13 अपराह्न

भाइयों, बाबर की फॉर्म गिरावट को सिर्फ़ काला जादू कह कर छोड़ देना ठीक नहीं लगता। असली कारण कोचिंग स्टाफ में लगातार बदलाव है, जिसके कारण बॉलरों की नई स्ट्रेटेजी के साथ तालमेल नहीं बँध पाता। साथ ही टॉप‑ऑफ़ बॉल्स को पढ़ने में तकनीकी त्रुटियां स्पष्ट दिख रही हैं, और वह भी टीम की अस्थिरता का हिस्सा बन गई हैं। बॉलर्स के प्लान में स्पष्टता न हो तो किसी भी बल्लेबाज के स्कोर को स्थिर रखना मुश्किल है। इसलिए मैनेजमेंट को पहले कोचिंग टीम को स्थिर करना चाहिए, फिर जादू की बात बाहर आएगी।

Bhaskar Shil
Bhaskar Shil

अक्तूबर 15, 2025 at 20:40 अपराह्न

कहूँ तो इस मुद्दे को एनीलिटिकल लेंस से देखना ज़्यादा फ़ायदे का रहेगा। बाबर की डाइमेंशनल स्टेटिस्टिक्स, जैसे कि स्ट्राइक रेट, एवरिज़ फ़ॉर्म इंडेक्स, और बॉल‑ट्रैकिंग मेट्रिक्स, लगातार डीक्लाइन कर रहे हैं। कोचिंग मोड्यूल की वैरिएबिलिटी ने बॉलिंग प्लान केंवर्ज़न को भी इम्पैक्ट किया है, जो फ़ॉर्म को अस्थिर बनाता है। यहाँ किसी भी साइलेंट जादू से ज़्यादा अकादमिक कारण हैं। चलिए इस डेटा‑ड्रिवन अप्रोच को अपनाते हैं, ना कि लीजेंडरी कन्फ़्शन पर भरोसा।

Halbandge Sandeep Devrao
Halbandge Sandeep Devrao

अक्तूबर 18, 2025 at 18:06 अपराह्न

वस्तुतः, बाबर आज़म के प्रदर्शन को अलौकिक तत्वों से जोड़ना न केवल अति-आलोचनात्मक है, बल्कि एक असंगत तर्कात्मकता का उदाहरण है। इस प्रकार की प्रतिपादनें न केवल वैज्ञानिक सत्य से परे हैं, बल्कि खेल‑शास्त्र के मूल सिद्धांतों की अवहेलना भी करती हैं। तर्कसंगत विश्लेषण से स्पष्ट होता है कि कोचिंग निरन्तरता, चयन में स्थिरता, तथा मानसिक समर्थन की कमी ही प्राथमिक कारण हैं। अतः, इस विषय में वस्तुस्थिति को समझना आवश्यक है, न कि अतिचारवादी षड्यंत्र सिद्धांतों में लिप्त होना।

One You tea
One You tea

अक्तूबर 21, 2025 at 15:33 अपराह्न

इंडियन रिवाजों की तो अब हद ही निकल गई, बाबर का काला जादू, देश की शरम!

Hemakul Pioneers
Hemakul Pioneers

अक्तूबर 24, 2025 at 13:00 अपराह्न

बाबर की मनोवैज्ञानिक दबाव को समझना ज़रूरी है, क्योंकि लगातार मीडिया में "अधूरा सितारा" कह कर उसे चोट पहुँचती है। जब टीम की स्थिरता नहीं होती, तो व्यक्तिगत आत्मविश्वास भी टुट जाता है। इसीलिए फ़ॉर्म सुधरने के लिए सिर्फ़ तकनीकी अभ्यास नहीं, बल्कि मानसिक कोचिंग भी अनिवार्य है। एक संतुलित दृष्टिकोण से ही वह अपनी मूल शक्ति को फिर से हासिल कर सकता है।

Shivam Pandit
Shivam Pandit

अक्तूबर 27, 2025 at 10:26 पूर्वाह्न

भाइयों, बाबर की फॉर्म को सुधारने के लिए सबसे पहले सुसंगत कोचिंग स्टाफ चाहिए, फिर चयन में स्थिरता, और अंत में बॉलिंग प्लान को स्पष्ट दिशा देना चाहिए, इससे ही बल्लेबाज़ अपनी ग्राउंड स्ट्राइकिंग को एन्हांस कर पाएगा।

akash shaikh
akash shaikh

अक्तूबर 29, 2025 at 04:06 पूर्वाह्न

सही कहा भाई, लेकिन अगर कोचिंग स्टाफ बदलता रहे तो काला जादू की बात भी टालना मुश्किल हो जाता है। फिर भी कई बार प्लेयर खुद भी बेकाबू होते हैं, तो जादू को थोड़ा हद तक माफ़ करना चाहिए।

Anil Puri
Anil Puri

अक्तूबर 30, 2025 at 21:46 अपराह्न

देखो, जेनेरिक जादू की बातें सुनना यहाँ फिट नहीं बैठता, असली मुद्दा तो बॉलर स्ट्रेटेजी है। इसलिए बॉलर्स को सही रोल में रखना ज़रूरी है।

poornima khot
poornima khot

नवंबर 2, 2025 at 05:20 पूर्वाह्न

बाबर की अस्थिरता के पीछे कई कारक हैं, लेकिन विशेष रूप से मानसिक समर्थन की कमी को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। यदि बोर्ड मानसिक काउंसलिंग को प्रणालीबद्ध ढंग से लागू करे, तो खिलाड़ी का आत्मविश्वास बढ़ेगा। इस प्रकार वह फिर से शीर्ष पर लौट सकेंगे।

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